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दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बना दिल्ली, मास्क पहन रहे हैं लोग; सांस लेना हुआ दूभर

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Delhi becomes the most polluted city in the world

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नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर आंका गया है। दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में जहरीली हवा से लोगों का सांस लेना दूभर हो रखा है। गैस चैंबर बन चुकी दिल्ली में जहरीली धुंध की मोटी परत सुबह से ही दिखने लगती है। कोरोना के बाद एक बार फिर से लोगों को मास्क पहनने की जरूरत पड़ रही है। हालांकि देश के दो और ऐसे शहर हैं, जिनकी गिनती दुनिया के 10 प्रदूषित शहरों में होती है।

दिल्ली में AQI

हवा की गुणवत्ता दिल्ली में लगातार खराब होती जा रही है और अब गंभीर श्रेणी में पहुंच गई हैं। स्विस ग्रुप IQAir के आंकड़ों के अनुसार, आज सुबह 7 बजे दिल्ली में Air Quality Index (AQI) 483 था। हालांकि, बाद में इसमें थोड़ी कमी देखी गई है।

भारत के ये शहर भी है सबसे ज्यादा प्रदूषित

आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के साथ कोलकाता (AQI- 186) और मुंबई (AQI-167) दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक है। इस सूची में पाकिस्तान और चीन के शहर भी मौजूद हैं।

दिल्ली के लोगों के सामने ये मुश्किलें

दिल्ली में 2 करोड़ लोगों को केवल सांस लेने में दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ रहा है। यहां के निवासियों को आंखों में जलन और गले में खराश जैसी शिकायतें आ रही हैं। वहीं, कई जगह AQI 550 से ऊपर होने के चलते धुंध छाई है और विजिबिलिटी भी काफी कम हो गई है।

क्या होता है AQI और कितना होता है ठीक

बता दें कि AQI हवा में प्रदूषण के स्तर को मापने के लिए उपयोग किया जाता है। अगर AQI का स्तर अपने लेवल से ज्यादा होता है तो इसका मतलब है कि वहां की हवा में प्रदूषण का स्तर ज्यादा है। 0-50 का AQI अच्छा माना जाता है, जबकि 400-500 के बीच होना लोगों के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है और मौजूदा बीमारियों वाले लोगों के लिए खतरा है।

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बैगा जनजाति के सदस्यों को मिला दिल्ली आने का न्यौता, कौन है बैगा जनजाति?

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नई दिल्ली। जहां एक तरफ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आगामी 26 जनवरी को जोर-शोर से गणतंत्र दिवस का आयोजन किया जाएगा। वहीं इस दौरान कर्तव्य पथ पर सेना के जवान एक बार फिर परेड करेंगे। वहीं इस खास मौके पर छत्तीसगढ़ के कवर्धा में रहने वाले कुछ बैगा जनजाति के परिवारों को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने का निमंत्रण मिला है।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा मिले निमंत्रण पर बैगा परिवारों में से एक सदस्य ने कहा कि हमें बहुत खुशी है कि हमें निमंत्रण मिला। वहीं कवर्धा जिले के कलेक्टर गोपाल वर्मा ने कहा कि यह गर्व की बात है कि 6 बैगा परिवारों को भारत के राष्ट्रपति ने गणतंत्र दिवस में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।

बैगा जनजाति के सदस्यों को मिला दिल्ली आने का न्यौता

उन्होंने कहा कि सरकारी की योजनाओं के माध्यम से, उन्हें एक घर और कुछ अन्य लाभ मिले हैं। वे 23 जनवरी तक दिल्ली पहुंच जाएंगे। वे राष्ट्रपति के साथ रात्रिभोज करेंगे और पीएम मोदी से मिलेंगे। बैगा परिवार बहुत खुश हैं। बता दें कि बैगा जनजाति छत्तीसगढ़ राज्य की एक विशेष पिछड़ी जनजाति है। साल 2015 में किए गए सर्वेक्षण के मुताबिक, छत्तीसगढ़ राज्य में बैगा जनजाति के लोगों की कुल जनसंख्या 88,317 है। इसमें 44,402 पुरुष और 43,915 महिलाएं हैं। इसमें स्त्री पुरुष लिंगानुपात 989 है।

कौन है बैगा जनजाति?

सर्वेक्षण के मुताबिक बैगा जनजाति की साक्षरता दर 53.97 फीसदी है। इसमे पुरुष साक्षरता दर 60.7 8 फीसदी एवं महिला साक्षरता दर 47.10 फीसदी है। बैगा जनजाति छत्तीसगढ़ राज्य के मध्य क्षेत्र में रहने वाली जनजाति है। मुख्य रूप से कबीरधाम जिले के बोडला एवं पण्डरिया विकासखंड, बिलासपुर जिले के कोटा एवं तखतपुर विकासखंड, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के गौरेला विकासखंड, कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ़, खंण्डगवा एवं भरतपुर विकासखंड, राजनांदगांव जिले के छुइखदान विकासखंड एवं लोरमा विकासखंड के ग्रामों में रहती है। इनकी सर्वाधिक जनसंख्या कबीरधाम एवं कोरिया जिले में है।

 

 

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