खेल-कूद
टीम की प्लेइंग-11 का हिस्सा न होने पर परेशान नहीं होता: मोहम्मद शमी
धर्मशाला। मोहम्मद शमी विश्व कप 2023 के पहले चार मैचों के लिए भारत की प्लेइंग-11 में नहीं थे, लेकिन अनुभवी तेज गेंदबाज को जब मौका मिला तो उन्होंने अपने पहले मैच में ही शानदार प्रदर्शन किया और (5-54) के दमदार आंकड़े से भारत की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मैच खत्म होने के बाद मोहम्मद शमी विश्व कप में दो बार पांच विकेट लेने वाले पहले भारतीय गेंदबाज भी बने। उन्होंने कहा कि उन्हें हमेशा लगता है कि टीम में प्लेइंग-11 का हिस्सा न होने पर परेशान नहीं होना चाहिए और नाही यह सोचना चाहिए कि हम में कुछ कमी है।
शमी ने कहा, सभी विकेट अच्छे हैं। जब आप देश के लिए खेलते हैं तो मुझे लगता है कि हर विकेट आपके लिए महत्वपूर्ण है। वैसे भी मुझे कोई विशेष विकेट अधिक पसंद नहीं है। मैं अपने सभी विकेटों का आनंद लेता हूं।
लेकिन अगर आपकी टीम प्रदर्शन कर रही है, तो मुझे नहीं लगता कि आपको बाहर बैठकर दोषी महसूस करना चाहिए। क्योंकि आप भी टीम का हिस्सा हैं और वर्ल्ड कप का हिस्सा भी हैं। मुझे लगता है कि सभी को एक-दूसरे की सफलता का आनंद लेना चाहिए।
शमी 2013 में अपने डेब्यू के बाद से भारतीय टीम के अभिन्न सदस्य रहे हैं, लेकिन हार्दिक पांड्या, शार्दुल ठाकुर, जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज के प्लेइंग-11 में होने के कारण उन्हें बाहर बैठना पड़ा।
हार्दिक के बाएं टखने की चोट के कारण बाहर हैं और शमी भारत के तेज गेंदबाजी विकल्पों को बढ़ावा देने के लिए शार्दुल ठाकुर की जगह टीम में शामिल हुए, और उन्होंने अपने दमदार प्रदर्शन से एक यादगार कमबैक किया।
खेल-कूद
भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर विनोद कांबली की तबियत खराब, हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया
मुंबई। भारतीय टीम के क्रिकेटर विनोद कांबली का अभी सचिन तेंदुलकर के साथ वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह सचिन को अपने बैठने के लिए कहते हैं। दोनों पुराने दोस्त कोच रमाकांत आचरेकर के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में मिले थे। इस कार्यक्रम में भी कांबली की हालत खराब लग रही थी। कांबली का जब तेंदुलकर के साथ वीडियो वायरल हुआ। उसके बाद भारत के लिए वनडे वर्ल्ड कप 1983 का खिताब जीतने वाले सदस्य उनकी मदद के लिए सामने आए। कपिल देव आर्थिक तौर उनकी मदद के लिए तैयार थे। अब फैंस के लिए दिल तोड़ने वाली खबर आई है। कांबली की तबियत अचानक खराब हो गई है और उन्हें ठाणे के प्रगति हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया। फिलहाल डॉक्टर्स की टीम उनकी देखभाल कर रही है और सभी जरूरी टेस्ट किए जा रहे हैं।
करियर की शुरुआत में भारत के किया दमदार प्रदर्शन
विनोद कांबली ने भारतीय टीम के लिए साल 1991 में वनडे में डेब्यू किया था। इसके बाद उन्होंने टीम इंडिया के लिए टेस्ट में साल 1993 में टेस्ट में डेब्यू किया। शुरुआत में तो उन्होंने टीम इंडिया के लिए दमदार प्रदर्शन किया था। वह भारत के लिए सबसे तेज 1000 टेस्ट रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे थे। उन्होंने 14 पारियों में ऐसा किया था। लेकिन बाद में वह प्रदर्शन को छोड़कर निजी जीवन के लिए फेमस रहे।
ऐसा रहा है विनोद कांबली का करियर
विनोद कांबली ने भारतीय टीम के लिए 17 टेस्ट मैचों में कुल 1084 रन बनाए हैं, जिसमें 4 शतक और तीन अर्धशतक शामिल हैं। इसके अलावा उन्होंने टीम इंडिया के लिए कुल 104 वनडे मैचों में कुल 2477 रन बनाए हैं, जिसमें दो शतक और 14 अर्धशतक शामिल हैं। 2000 के दशक में उनका प्रदर्शन बहुत ही खराब रहा और इसी वजह से वह टीम इंडिया से बाहर हो गए। उन्होंने टीम इंडिया के लिए अपना आखिरी वनडे मैच साल 2000 में श्रीलंका के खिलाफ खेला।
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