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उत्तर प्रदेश

मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष डीपी यादव ने खुद को गोली मारकर की आत्महत्या

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मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष डीपी यादव ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। उन्होंने आत्महत्या क्यों की इस बात का पता अभी नहीं चल पाया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वह अपने मकान के दूसरे मंजिल पर सोए थे। जब सुबह वह नहीं उठे तो मामला सामने आया। फोरेंसिक टीम साक्ष्य जुटा रही है।

पहली मंजिल पर ही परिवार रहता है, जैसे ही परिवार को डीपी यादव के आत्महत्या की खबर मिली परिवार में कोहराम मच गया। सूचना मिलते ही पुलिस के आला अधिकारी फोरेंसिक टीम के सपा जिलाध्यक्ष के आवास पर पहुंच गए। लोगों की भारी भीड़ भी जुटनी शुरू हो गई। फिलहाल पुलिस ने परिवार के अलावा किसी के भी अंदर जाने पर रोक लगाई हुई है। फोरेंसिक टीम साक्ष्य जुटा रही है पुलिस पूछताछ कर रही है। घर वा आसपार लगे सीसीटीवी की फुटेज भी एकत्र की जाएगी।

डीपी यादव के पास मुरादाबाद के जिले की कमान थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में मुरादाबाद लोकसभा के टिकट को लेकर मौजूदा सांसद एसटी और रुचि वीरा के बीच हुए विवाद के चलते डीपी यादव को जिला अध्यक्ष पद से हटा कर रुचि वीरा के करीबी जयवीर यादव को जिला अध्यक्ष बना दिया गया था। जिसके बाद डीपी यादव पूरे चुनाव नजर नहीं आए थे। अब आत्महत्या का क्या कारण रहा ये जांच के बाद ही पता चल पाएगा।

उत्तर प्रदेश

जघन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं को सशक्त करने में जुटी योगी सरकार

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लखनऊ| जघन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं को सशक्त करने में जुटी योगी सरकार ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों में त्वरित न्याय और सहायता सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयासरत है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर, जघन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं की लंबित क्षतिपूर्ति को जल्द निस्तारित करने का आदेश दिया गया है। यह निर्णय राज्य की ‘रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष योजना’ के तहत लिया गया, जिसमें चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 50 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर की गई है। महिला कल्याण विभाग के तहत संचालित इस योजना का उद्देश्य हिंसा से पीड़ित महिलाओं और उनके परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है, ताकि वे समाज की मुख्यधारा में वापस लौट सकें और राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सकें।

प्रदेश में 9 जघन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं के लिए संचालित यह योजना प्रभावी तरीके काम कर रही है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि जघन्य अपराधों के कई मामलों में सहायता प्रक्रिया लंबित है। जिसमें 701 प्रकरण पुलिस नोडल अधिकारी स्तर पर लंबित हैं वहीं 7583 प्रकरण नोडल चिकित्साधिकारी स्तर पर और 8893 प्रकरण जिला संचालन समिति स्तर पर लंबित हैं। योगी सरकार द्वारा इन सभी 17177 लंबित प्रकरणों को इस महीने के अंत तक निस्तारित कर पीड़िताओं को राहत देने का निर्देश दिया गया है। निर्देश के बाद अब जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला संचालन समिति इन प्रकरणों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाएगी।

पीड़ित महिलाओं पुनर्वास में वरदान साबित हो रही है योजना
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में महिला कल्याण योजनाओं में क्रांतिकारी बदलाव किए गए हैं। रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान कोष के माध्यम से जघन्य अपराधों की शिकार महिलाओं को 1 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाती है। यह राशि पीड़ित महिलाओं के इलाज, पुनर्वास, बच्चों की शिक्षा, और जीवन यापन में मदद करती है।

सीएम योगी ने इस योजना में पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करने पर जोर दिया है। राज्य सरकार ने योजना के लिए न सिर्फ बजट आवंटन बढ़ाया है, बल्कि आम नागरिकों को भी इस कोष में योगदान करने के लिए प्रेरित किया है। कोष में योगदान करने वालों को आयकर अधिनियम की धारा 80जी के तहत कर में छूट दी जाती है।

महिला सशक्तिकरण की दिशा में नए आयाम स्थापित कर रही योगी सरकार
योगी सरकार ने महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराधों, जैसे एसिड अटैक, बलात्कार और घरेलू हिंसा के मामलों में आर्थिक और सामाजिक सहायता प्रदान करने के लिए एक व्यापक ढांचा तैयार किया है। इसमें हिंसा की शिकार महिलाओं की तत्काल आर्थिक सहायता की जाती है, साथ ही उनके इलाज और पुनर्वास के लिए आर्थिक सहायता दी जाती है। हिंसा की शिकार महिलाओं के बच्चों की शिक्षा और भरण-पोषण की व्यवस्था भी सरकार इस कोष के माध्यम से करती है साथ ही पीड़ित महिलाओं को समाज में दोबारा सम्मानजनक जीवन जीने के लिए प्रेरित किया जाता है।

प्रदेश सरकार महिला कल्याण के प्रयासों से हिंसा पीड़ित हजारों महिलाओं को न केवल आर्थिक सहायता मिली है, बल्कि वे सामाजिक और मानसिक तौर पर भी सशक्त हो रही हैं। एसिड अटैक पीड़िताओं और बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं को अब समाज में एक नई पहचान मिल रही है।

सीधे पीड़ित महिलाओं के खाते में पहुंचती है क्षतिपूर्ति राशि
इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए संबंधित प्रकरण जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली संचालन समिति द्वारा अनुमोदित किए जाते हैं। इसके बाद धनराशि सीधे पीड़िता के खाते में भेजी जाती है। यह प्रक्रिया पारदर्शी और त्वरित है, ताकि पीड़िता को समय पर सहायता मिल सके। महिला सम्मान कोष का उद्देश्य सिर्फ आर्थिक मदद तक सीमित नहीं है। यह महिलाओं को मुख्यधारा में वापस लाकर समाज के सभी क्षेत्रों में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करता है।

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