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प्रादेशिक

हरियाणा सरकार ने नौकरियों में अनुसूचित जातियों के लिए उप-वर्गीकरण लागू किया

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हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बुधवार को घोषणा की कि राज्य सरकार ने सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जातियों (एससी) के लिए आरक्षण का उप-वर्गीकरण लागू किया है। हरियाणा विधानसभा में बोलते हुए, सीएम सैनी ने कहा, “विधानसभा सत्र में है और मुझे लगा कि सदन को इस सत्र में सुप्रीम कोर्ट द्वारा कुछ दिन पहले दिए गए फैसले के बारे में जानकारी मिलनी चाहिए, जिसे अनुसूचित जातियों के वर्गीकरण के संबंध में इस अधिसूचना के माध्यम से हमारे मंत्रिमंडल द्वारा पहले ही मंजूरी दे दी गई थी। हरियाणा में सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षण के वर्गीकरण के संबंध में आज लिया गया निर्णय तुरंत प्रभाव से लागू होगा। और पांच बजे के बाद, आम जनता इसे मुख्य सचिव की वेबसाइट से देख सकती है।”

1 अगस्त को, सुप्रीम कोर्ट ने 6:1 के बहुमत के फैसले से फैसला सुनाया कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) आरक्षण के भीतर उप-वर्गीकरण अनुमेय है। इस मामले में छह अलग-अलग राय दी गईं। यह निर्णय भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सात न्यायाधीशों की पीठ ने सुनाया, जिसने ईवी चिन्नैया मामले में पहले के निर्णयों को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि उप-वर्गीकरण की अनुमति नहीं है क्योंकि एससी/एसटी समरूप वर्ग बनाते हैं। सीजेआई चंद्रचूड़ के अलावा, पीठ में अन्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई, विक्रम नाथ, बेला एम त्रिवेदी, पंकज मिथल, मनोज मिश्रा और सतीश चंद्र शर्मा थे।

न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी ने असहमति जताते हुए कहा कि वह बहुमत के फैसले से असहमत हैं कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के भीतर उप-वर्गीकरण की अनुमति है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और मनोज मिश्रा द्वारा लिखे गए फैसले में, उन्होंने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 14 एक ऐसे वर्ग के उप-वर्गीकरण की अनुमति देता है जो कानून के उद्देश्य के लिए समान रूप से स्थित नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी में पहचान करने वाले क्रीमी वकील की आवश्यकता पर विचार किया क्योंकि संविधान पीठ के सात में से चार न्यायाधीशों ने इन लोगों को सकारात्मक आरक्षण के लाभ से बाहर रखने का सुझाव दिया। न्यायमूर्ति बीआर गवई ने अपना विचार व्यक्त किया था कि राज्य को अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों (एससी/एसटी) के लिए क्रीमी लेयर की पहचान करने के लिए एक नीति विकसित करनी चाहिए।

 

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उत्तर प्रदेश

यूपीपीएससी पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा आज से शुरू, मजिस्ट्रेट ने दिए जरूरी दिशा निर्देश

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग रविवार को यूपीपीएससी पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन कर रहा है। परीक्षा दो पालियों में आयोजित की गई है। परीक्षा की पहली पाली सुबह 9.30 बजे से 11.30 बजे तक है। दूसरी पाली दोपहर 2.30 बजे से शाम 4.30 बजे तक है। यूपीपीएससी पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा राज्य के 75 जिलों में आयोजित की जा रही है। यूपी में कुल 1331 एग्जाम सेंटर्स पर परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है।

डिजि लॉकर के जरिए परीक्षा केंद्रों पर पहुंचाए गए प्रश्न पत्र

पीसीएस प्री परीक्षा में इस बार करीब 5,76,154 अभ्यर्थी शामिल हो रहे हैं। परीक्षा को लेकर सुरक्षा व्यवस्था काफी सख्त की गई है। डिजिटल लॉकर के जरिए परीक्षा केंद्रों पर प्रश्न पत्र पहुंचाए गए हैं। इसके साथ ही आंखों की स्कैनिंग के जरिए परीक्षार्थियों की पहचान की गई है।

परीक्षा केंद्रों पर मजिस्ट्रेट की तैनाती

यूपी के देवरिया जिले में आज दो पालियों में 21 केंद्रों पर पीसीएस प्री परीक्षा आयोजित की जा रही है। सही तरीके से परीक्षा कराने के लिए जिला प्रशासन की ओर से व्यापक प्रबंध किए गए हैं। इसमें कुल 8640 अभ्यर्थी प्रतिभाग करेंगे। परीक्षा के निष्पक्ष एवं सफल संचालन को सुनिश्चित करने के लिए 21-21 सेक्टर मजिस्ट्रेट, स्टैटिक मजिस्ट्रेट एवं केंद्र व्यवस्थापक तैनात किए गए हैं।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीकी का इस्तेमाल

इसके अतिरिक्त 10 आरक्षित सेक्टर मजिस्ट्रेट/स्टैटिक मजिस्ट्रेट नामित किए गए हैं। इस बार की परीक्षा में सीसीटीवी कैमरों के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीकी का भी प्रयोग किया जा रहा है। आज हो रही परीक्षा को लेकर एआई आठ तरह के अलर्ट उपलब्ध कराएगा।

CCTV कैमरा लगाए गए

वहीं, कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच औरैया जिले के 9 परीक्षा केंद्रों पर दो पालियों में पीसीएस प्री परीक्षा कराई जा रही है। पीसीएस प्री परीक्षा को सकुशल नकल विहीन सम्पन्न कराने को लेकर जिला प्रशासन मुस्तैदी से देख रहा है। सभी परीक्षा केंद्रों को CCTV कैमरों से लैस किया गया है।

स्ट्रांग रूम की मॉनीटरिंग

परीक्षा केंद्र के 200 मीटर तक कोई भी फोटो स्टेट, कैफे आदि की दुकानों को खोलने पर भी रोक लगाई गई है। औरैया जिले के 9 परीक्षा केंद्रों पर 4032 अभ्यर्थी पीसीएस प्री परीक्षा में शामिल होंगे। सभी परीक्षा केन्द्रों में बनाए गए स्ट्रांग रूम से लेकर जिला मुख्यालय तक की परीक्षा की मॉनीटरिंग की जा रही है।

मजिस्ट्रेट ने दिए जरूरी दिशा निर्देश

इसके साथ ही स्टेटिक मजिस्ट्रेट के साथ ही सचल दल की भी परीक्षा की निगरानी करेगा। आज सम्पन्न कराई जा रही पीसीएस प्री परीक्षा को सकुशल सम्पन्न कराने को लेकर कल अपर जिला अधिकारी औरैया ने भी परीक्षा केंद्रों की व्यवस्थाओं को परख कर आवश्यक दिशानिर्देश दिए हैं।

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