अन्तर्राष्ट्रीय
भारत सुलझा सकता है रूस-यूक्रेन विवाद : जॉर्जिया मेलोनी
नई दिल्ली। इटली की पीएम जॉर्जिया मेलनी ने शनिवार को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ उत्तरी इटली के सेर्नोबियो शहर में बैठक की। बातचीत के बाद मेलोनी ने कहा कि भारत और चीन रूस-यूक्रेन विवाद को सुलझा सकते हैं। इससे पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी मौजूदा संकट को समाप्त करने में भारत के प्रयासों पर जोर दिया था।
इतालवी मीडिया के अनुसार, पीएम मेलनी ने कहा, रूस-यूक्रेन संघर्ष को सुलझाने में चीन और भारत को भूमिका निभानी चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘ऐसा नहीं सोचना चाहिए कि यूक्रेन को उसके भाग्य पर छोड़ कर संघर्ष का समाधान किया जा सकता है।’ मेलोनी ने यूक्रेन के लिए अपनी सरकार के पूर्ण समर्थन की पुष्टि करते हुए कहा, ‘कीव को समर्थन देने का निर्णय इटली के राष्ट्रीय हित के अनुरूप है और यह कभी नहीं बदलेगा।’
इससे पहले व्लादिवोस्तोक में बृहस्पतिवार को 9वें ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम को संबोधित करते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी इस मुद्दे को सुलझाने में मदद करने में भारत की भूमिका का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि मैं चीन, ब्राजील, भारत में अपने साझेदारों के संपर्क में हूं। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि इन देशों के नेताओं का एक दूसरे के साथ विश्वास का रिश्ता है, मुझे भरोसा है कि वे हमारी मदद करने में रुचि लेंगे।
अन्तर्राष्ट्रीय
दक्षिण अफ्रीका की सोने की खदान में फंसे 500 मजदूर, 100 की मौत
दक्षिण अफ्रीका। दक्षिण अफ्रीका की अवैध खदान में 100 मजदूरों की मौत के मामले ने सभी को झकझोर दिया है. खदान में फंसे ये मजदूर कई महीनों से भूख और प्यास से जूझ रहे थे. दक्षिण अफ्रीका के स्टिलफोंटेन शहर के निकट बफेल्सफोंटेन में स्थित सोने की खदानों में लगभग 100 मजदूर फंसे हुए थे. इन्हें बाहर निकालने के दौरान पता चला कि भूख और प्यास के कारण उनकी मौत हो चुकी है. इस घटना से जुड़ी जानकारी मजदूरों की ओर से मोबाइल फोन के जरिए भेजे गए वीडियो से मिली, जिसमें प्लास्टिक में लिपटे शव दिखाए गए हैं.
माइनिंग अफेक्टेड कम्युनिटीज यूनाइटेड इन एक्शन ग्रुप के मुताबिक राहत कार्य में अब तक 26 मजदूरों को जीवित बाहर निकाला जा चुका है और 18 शवों को भी बाहर लाया गया है. हालांकि, यह खदान इतनी गहरी है कि वहां अभी भी लगभग 500 मजदूर फंसे हो सकते हैं. खदान की गहराई 2.5 किमी बताई जा रही है.
पुलिस और मजदूरों के बीच गतिरोध
पुलिस की ओर से खदान को सील करने के प्रयास के बाद मजदूरों और पुलिस के बीच संघर्ष शुरू हो गया. पुलिस का कहना है कि मजदूर गिरफ्तारी के डर से बाहर नहीं आ रहे थे, जबकि मजदूरों का आरोप है कि पुलिस ने उनकी रस्सियां हटा दीं, जिससे वे बाहर नहीं निकल सके.
भूख और प्यास से मौत
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पहली मौत का कारण भूख बताया गया है. खदान में भोजन और पानी की सप्लाई बंद होने से सभी मजदूरों की मौत हुई है. मजदूरों की मौत ने खदान की सुरक्षा और प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
अवैध खनन का चलन
दक्षिण अफ्रीका में अवैध खनन एक आम समस्या है. बड़ी कंपनियां जब खदानों को बेकार समझ कर छोड़ देती हैं तो स्थानीय खनिक वहां बचा हुआ सोना निकालने की कोशिश करते हैं. यह खतरनाक स्थिति उनके जीवन के लिए खतरा बन जाती है.
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