Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

इजरायल ने अपनी कसम की पूरी, हमास के मुखिया याह्या सिनवार को मार गिराया, कई आतंकी भी ढेर

Published

on

Loading

नई दिल्ली। इजरायल रक्षा बलों ने गुरुवार को हमास के मुखिया याह्या सिनवार को मार गिराया। इजरायल याह्या सिनवार की पिछले एक साल से तलाश कर रहा था। आईडीएफ ने एक बयान में कहा कि इजरायली सेना के हमले में कई आतंकी भी ढेर हुए है।

इजरायली सेना याह्या सिनवार समेत अन्य की पहचान जुटाने करने का प्रयास कर रही है। जिस इमारत में इन आतंकियों का खात्मा किया गया, उस इलाके में इजरायली बंधकों की मौजूदगी के कोई निशान नहीं थे। क्षेत्र में सक्रिय इजरायली सुरक्षा बल आवश्यक सावधानी के साथ आगे का अभियान जारी रखा है। बता दें कि इससे पहले इजरायली सेना ने ईरान में हमास के पूर्व चीफ इस्माइल हानिया उर्फ इस्माइल हनियेक को भी मार गिराया था।

हालांकि इजरायल ने आज तक आधिकारिक रूप से इस्माइल हानिया के हत्या की जिम्मेदारी नहीं ली, मगर ईरान हमेशा येरूशलम पर हानिया की हत्या का आरोप लगाता रहा है। इस्माइल हानिया उस वक्त तेहरान में मारा गया था, जब वह ईरान के राष्ट्रपति डॉ. मसूद पेजेश्कियन के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने पहुंचा था। हानिया की हत्या के बाद याह्या सिनवार को हमास का अगला चीफ बनाया गया था, जिसकी इजरायली सेना को लंबे समय से तलाश थी।

कौन था याह्या सिनवार?

सिनवार 7 अक्टूबर, 2023 को इजरायल पर हमास के हमले का मास्टर माइंड था और इजरायल ने गाजा में अपने जवाबी अभियान की शुरुआत से ही उसे मारने की कसम खाई थी। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, इस हमले में लगभग 1,200 इजरायली मारे गए, जिनमें अधिकतर स्थानीय नागरिक थे। इससे संघर्ष भड़क उठा, जिसमें गाजा में 42,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए।

वह सालों से गाजा पट्टी के अंदर हमास का शीर्ष नेता रहा। इजरायल ने सिनवार को 1980 के दशक के अंत से 2011 तक कैद कर रखा था और इस दौरान उसका ब्रेन कैंसर का इलाज चला और इस वजह से इजरायली अधिकारियों के पास उसके डीएनए सैंपल भी पड़े हुए थे। जुलाई में सिनवार को हमास का शीर्ष नेता चुना गया था, जब इस्माइल हनीयेह की ईरान की राजधानी तेहरान में इजरायली हमले में हत्या कर दी गई थी।

सिनवार का जन्म गाजा के रिफ्यूजी कैंप खान यूनिस में 1962 में हुआ था। इसके बाद वो हमास का सदस्य बना और देखते ही देखते इसका चीफ. 1980 में जब इजरायल ने इसे गिरफ्तार किया था तब इसने 12 लोगों की हत्या कर दी थी, जिसके बाद उसका नाम खान यूनिस का कसाई पड़ गया।

अन्तर्राष्ट्रीय

दक्षिण अफ्रीका की सोने की खदान में फंसे 500 मजदूर, 100 की मौत

Published

on

Loading

दक्षिण अफ्रीका। दक्षिण अफ्रीका की अवैध खदान में 100 मजदूरों की मौत के मामले ने सभी को झकझोर दिया है. खदान में फंसे ये मजदूर कई महीनों से भूख और प्यास से जूझ रहे थे. दक्षिण अफ्रीका के स्टिलफोंटेन शहर के निकट बफेल्सफोंटेन में स्थित सोने की खदानों में लगभग 100 मजदूर फंसे हुए थे. इन्हें बाहर निकालने के दौरान पता चला कि भूख और प्यास के कारण उनकी मौत हो चुकी है. इस घटना से जुड़ी जानकारी मजदूरों की ओर से मोबाइल फोन के जरिए भेजे गए वीडियो से मिली, जिसमें प्लास्टिक में लिपटे शव दिखाए गए हैं.

माइनिंग अफेक्टेड कम्युनिटीज यूनाइटेड इन एक्शन ग्रुप के मुताबिक राहत कार्य में अब तक 26 मजदूरों को जीवित बाहर निकाला जा चुका है और 18 शवों को भी बाहर लाया गया है. हालांकि, यह खदान इतनी गहरी है कि वहां अभी भी लगभग 500 मजदूर फंसे हो सकते हैं. खदान की गहराई 2.5 किमी बताई जा रही है.

पुलिस और मजदूरों के बीच गतिरोध

पुलिस की ओर से खदान को सील करने के प्रयास के बाद मजदूरों और पुलिस के बीच संघर्ष शुरू हो गया. पुलिस का कहना है कि मजदूर गिरफ्तारी के डर से बाहर नहीं आ रहे थे, जबकि मजदूरों का आरोप है कि पुलिस ने उनकी रस्सियां हटा दीं, जिससे वे बाहर नहीं निकल सके.

भूख और प्यास से मौत

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पहली मौत का कारण भूख बताया गया है. खदान में भोजन और पानी की सप्लाई बंद होने से सभी मजदूरों की मौत हुई है. मजदूरों की मौत ने खदान की सुरक्षा और प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

अवैध खनन का चलन

दक्षिण अफ्रीका में अवैध खनन एक आम समस्या है. बड़ी कंपनियां जब खदानों को बेकार समझ कर छोड़ देती हैं तो स्थानीय खनिक वहां बचा हुआ सोना निकालने की कोशिश करते हैं. यह खतरनाक स्थिति उनके जीवन के लिए खतरा बन जाती है.

Continue Reading

Trending