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जमीन के बदले नौकरी घोटाला: लालू यादव, तेजस्वी को समन, कोर्ट ने पहली बार तेज प्रताप को भी पेश होने को कहा

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पटना। जमीन के बदले नौकरी मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद, उनके बेटे और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव समेत 8 लोगों के खिलाफ राऊज एवेन्यू कोर्ट ने समन जारी किया है।

अभी तक तो सिर्फ लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारत को पेशी के लिए बुलाया गया था। लेकिन इस बार तेज प्रताप को भी कोर्ट ने समन जारी करते हुए पेश होने के लिए कहा है। अभी तक तेज प्रताप की तरफ से इस मामले को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। लालू यादव या फिर तेजस्वी ने भी बयान जारी नहीं किया है। य

इसके साथ ही कोर्ट ने लालू यादव, तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव को बतौर आरोपी कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। लैंड फॉर जॉब मामले मे मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में लालू, तेजस्वी और तेजप्रताप यादव के खिलाफ ईडी ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है।

पूरा मामला है क्या?

अब जानकारी के लिए बता दें कि जिस मामले में लालू परिवार को समन गया है, वो कई साल पुराना है। असल में लैंड फॉर जॉब केस 2004 से 2009 के बीच का है जब लालू प्रसाद केंद्रीय रेल मंत्री थे। आरोप यह है कि लालू प्रसाद ने पद पर रहते हुए परिवार को जमीन हस्तांतरित के बदले रेलवे में नौकरियां दिलवाईं। CBI ने यह भी आरोप लगाया है कि रेलवे में की गई भर्तियां भारतीय रेलवे के मानकों के दिशा निर्देशों के अनुरुप नहीं थीं। जांच में पता तो यह भी चला है कि लालू परिवार के सदस्यों के नाम पर पटना, मुंबई समेत अन्य शहरों में बेशकीमती जमीन लिखवाई गई। सीबीआई ने इस मामले में पिछले साल 18 मई को केस दर्ज किया था।

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शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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