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प्रादेशिक

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्वामी विवेकानंद की जयंती पर युवा शक्ति मिशन का किया शुभारंभ

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भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्वामी विवेकानंद की जयंती पर युवा शक्ति मिशन का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने युवाओं को संबांधित करते हुए कहा कि युवा शक्ति मिशन का उद्देश्य युवाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना है। सीएम ने बताया कि उनका लक्ष्य 2030 तक कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा में बैठने वाले छात्रों के लिए 100 प्रतिशत उत्तीर्ण प्रतिशत हासिल करना है।

युवाओं, किसानों और महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में उठाया कदम

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सीएम मोहन यादव ने कहा, “युवा शक्ति मिशन का शुभारंभ हमारी सरकार के लिए गर्व का क्षण है। स्वामी विवेकानंद ने भारत को दुनिया का नेतृत्व करने का सपना देखा था और यह मिशन हमारे युवाओं को उस सपने को पूरा करने के लिए तैयार करने की दिशा में एक कदम है।”

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनकी सरकार परिवर्तनकारी नीतियों और पहलों के माध्यम से युवाओं, किसानों, महिलाओं और वंचितों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

2030 तक 10वीं-12वीं में 100 प्रतिशत उत्तीर्ण हासिल करना लक्ष्य

मिशन के विज़न पर प्रकाश डालते हुए सीएम ने कहा, “2030 तक, हमारा लक्ष्य कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाओं में 100 प्रतिशत उत्तीर्ण दर हासिल करना है। इसके अलावा, सरकार विभिन्न क्षेत्रों में करियर बनाने में छात्रों का समर्थन करने के लिए तैयार है, यह सुनिश्चित करते हुए कि उनके पास सफल होने के लिए आवश्यक संसाधन और अवसर हैं।”

तीन लक्ष्यों पर किया जाएगा फोकस

स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन ने युवाओं को सशक्त बनाने के लिए तीन प्राथमिक उद्देश्य निर्धारित किए हैं।

पहला लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक व्यक्ति की आय न्यूनतम कुशल श्रमिक के बराबर या उससे अधिक हो।

दूसरा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक युवा कक्षा 12वीं तक की शिक्षा पूरी करे।

तीसरा लक्ष्य समाज की बेहतरी के लिए सामाजिक पहलों में युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करना है।

 

 

 

 

 

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उत्तर प्रदेश

भाजपा ने मिल्कीपुर विधानसभा सीट के लिए उतारा अपना प्रत्याशी, सपा के अजीत प्रसाद को देंगे चुनौती

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मिल्कीपुर। अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए बीजेपी ने भी अपने पत्ते खोल दिए हैं. बीजेपी ने चंद्रभान पासवान को प्रत्याशी बनाया है, जो सपा के अजीत प्रसाद को चुनौती देंगे. इस तरह मिल्कीपुर उप-चुनाव की लड़ाई बीजेपी बनाम सपा ही नहीं पासी बनाम पासी की हो गई है. ऐसे में सवाल उठता है कि कौन हैं चंद्रभान पासवान, जिन्हें बीजेपी ने उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया है?

बीजेपी के लिए मिल्कीपुर सीट नाक का सवाल बनी हुई है. 2024 में अयोध्या लोकसभा सीट हार जाने के बाद बीजेपी हर हाल में मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव को जीतकर सपा को झटका देना चाहती है. ऐसे में सपा ने फैजाबाद से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को मैदान में उतारा है तो बीजेपी ने अब चंद्रभान पासवान पर दांव खेला है.

मिल्कीपुर विधानसभा सीट से बीजेपी से टिकट दावेदारों में पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ, पूर्व विधायक रामू प्रियदर्शी, जिला महामंत्री राधेश्याम, अनुसूचित जाति मोर्चा के कोषाध्यक्ष चंद्रकेश रावत और चंद्रभान पासवान शामिल थे. इसके अलावा सुरेंद्र कुमार रावत भी चुनाव लड़ने के फिराक में थे. बीजेपी ने तमाम मंथन और विचार-विमर्श के बाद बाबा गोरखनाथ के बजाय चंद्रभान पासवान को उतारा है.

कौन हैं चंद्रभान पासवान?

चंद्रभान पासवान अयोध्या जिले के रुदौली कस्बे से सटे हुए गांव परसौली के रहने वाले हैं. उनके पिता का नाम बाबा राम लखन पासवान है और उनकी शादी कंचन पासवान से हुई है. शुरुआती पढ़ाई उन्होंने रुदौली में किया और उसके बाद फैजाबाद के साकेत विश्वविद्यालय से एम कॉम और एलएलबी की पढ़ाई की है. बीजेपी के साथ लंबे समय से जुड़े हुए हैं. अयोध्या में बीजेपी जिला कार्यसमिति के चंद्रभान सदस्य हैं. गुजरात के सूरत में काम करते थे, लेकिन अब रुदौली में उनका कपड़े का कारोबार है. रुदौली बाजार में बाबा क्लाथ हाउस के नाम से कपड़े का शोरूम है.

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