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उत्तराखंड

खाते में गलती से आए 40 लाख रुपये से खरीदी प्रॉपर्टी, अब जेल में काटेगा तीन साल

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तिरुपुर। अगर आपके खाते में अचानक से लाखों रु आ जाएं तो आप क्या करेंगे। अगर आप सोच रहे हैं कि आपके अकाउंट में आए पैसे अब आपके हो गए हैं और उसे आप खर्च कर देंगे तो आप बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं क्योंकि तिरुपुर के रहने वाले एक शख्स को ऐसा करने के चलते तीन साल जेल की सजा सुनाई गई है।

दरअसल, तिरुपुर के जीवन बीमा एजेंट वी गुनसेकरन के बैंक अकाउंट में साल 2012 में 40 लाख रुपये गलती से आ गए। एक साथ इतने पैसे आने के बावजूद उसने ये जानने की कोशिश नहीं की कि आखिर ये रुपये आए कहां से हैं? इन पैसों को लेकर उसने न तो बैंक से कोई संपर्क किया और ना ही कोई जांच-पड़ताल ही की। इसकी जगह उसने अपनी पत्नी के साथ मिलकर इन पैसों को खर्च करना शुरू कर दिया।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़,इन 40 लाख रुपये में उसने प्रॉपर्टी खरीदी, अपनी बेटी की शादी कराई। यही नहीं ऐसे ही कई और काम उसने इन पैसों से किए। हालांकि, अब इस मामले में इस कपल की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उन्हें पैसे नहीं लौटाने पर अब कोर्ट ने 3 साल के लिए जेल भेज दिया है।

दरअसल, सांसद और विधायक निधि के तहत लोक निर्माण विभाग को ये पैसे दिए जाने थे लेकिन अधिकारियों ने गलती से डिमांड ड्राफ्ट पर अधिशासी अभियंता की जगह गुनसेकरन का अकाउंट नंबर दे दिया। दोनों का अकाउंट तिरुपुर में कॉर्पोरेशन बैंक की मेन ब्रांच में था। पैसे ट्रांसफर होने के आठ महीने बाद जब अधिकारियों को एहसास हुआ कि पैसे अकाउंट में आए नहीं, तो उन्होंने बैंक से सवाल किया। वहां उन्हें पता चला कि डिमांड ड्राफ्ट पर जो अकाउंट नंबर लिखा था उसमें पैसे ट्रांसफर किए जा चुके हैं।

जब बैंक अधिकारियों ने गुरसेकरन का अकाउंट चेक किया तो पाया कि पैसे ट्रांसफर होने के कुछ ही दिन के अंदर उन्होंने खर्च कर डाले थे। बैंक के सीनियर अधिकारियों ने गुरसेकरन से पैसे वापस करने को कहा लेकिन वह नहीं कर सके। इसके बाद 2015 में असिस्टेंट जनरल मैनेजर नरसिम्हा गिरि ने शहर की सेंट्रल क्राइम ब्रांच में गुरसेकरन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।

क्राइम ब्रांच ने उनके और उनकी पत्नी के खिलाफ धारा 403 (संपत्ति के गबन) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत केस दर्ज किया। दंपति ने अग्रिम जमानत ले ली। इस बारे में अभियोजन पक्ष के वकील इब्राहिम राजा ने बताया कि गुरसेकरन ने ऐसा लिखकर दिया कि वह बैंक को कैश वापस करेंगे लेकिन कई बार आग्रह करने के बाद भी उन्होंने ऐसा किया नहीं। इसलिए, यह मामला गबन का माना गया। अभियोजन ने यह साबित कर दिया जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें तीन साल जेल की सजा दी।

उत्तराखंड

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे के निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डाट काली मंदिर देहरादून में दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे के निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने एक्सप्रेस वे के निर्माण में इस्तेमाल हो रही आधुनिक तकनीकों और पर्यावरणीय सुरक्षा उपायों के बारे में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे का कार्य अन्तिम चरण में हैं।

उन्होंने कहा कि इस एक्सप्रेस वे के पूर्ण होने पर देहरादून से दिल्ली का सफर मात्र दो से ढ़ाई घण्टे में पूर्ण हो जायेगा। इससे जहां लोगों का आवागमन सरल होगा। चारधाम यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को और सुगमता होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की आर्थिकी को बढ़ाने, पयर्टन और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भी यह प्रोजेक्ट सहायक सिद्ध होगा।

इस प्रोजेक्ट में इकोलॉजी और इकोनॉमी का समन्वय करते हुए एशिया का सबसे बड़ा वाइल्डलाइफ कॉरिडोर भी बनाया गया है, जो वन्यजीवों की सुरक्षा एवं उनकी आवाजाही को मुक्त और पूर्ण तरीके से सुरक्षित बनाएगा। वर्ष 2020 में केंद्र सरकार ने दिल्ली,यूपी और उत्तराखंड को जोड़ने वाले दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे परियोजना को मंजूरी दी। जनवरी 2021 से इस पर काम शुरू हो गया। इस प्रोजेक्ट का सबसे अहम हिस्सा 12 किमी लंबा एलिवेटेड रोड है। जिसका निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।

 

 

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