उत्तर प्रदेश
35,000 से अधिक युवाओं ने कराया मुख्यमंत्री योगी अप्रेंटिसशिप प्रोत्साहन योजना के लिए पंजीकरण
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में डिप्लोमा और डिग्री धारकों के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने युवाओं को कौशल विकास पहलों से जोड़ने के प्रयासों को तेज कर दिया है। स्नातकों और डिप्लोमा धारकों को व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री अप्रेंटिसशिप प्रोत्साहन योजना यानी मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (उच्च शिक्षा) के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 35,000 से अधिक युवाओं ने पंजीकरण कराया है। इसमें से लगभग 2,753 उम्मीदवार वर्तमान में बतौर शिक्षुता कार्य कर रहे हैं। इसका मुख्य उद्देश्य उद्योगों और प्रतिष्ठानों के लिए एक बड़ा, उच्च-कुशल कार्य बल तैयार करते हुए अधिकतम संख्या में युवाओं को प्रशिक्षण के लिए प्रेरित करना है।
6 महीने से लेकर एक वर्ष की समयावधि के लिए कार्यक्रम का होता है संचालन
उल्लेखनीय है कि सीएमएपीएस (एचई) स्नातकों और डिप्लोमा धारकों के लिए शिक्षुता प्रशिक्षण प्रदान करता है, जिसमें 6 महीने से एक वर्ष तक के कार्यक्रमों का संचालन होता है। यह योजना स्नातकों के लिए 9,000 रुपये और डिप्लोमा धारकों के लिए उनके प्रशिक्षण अवधि के दौरान 8,000 रुपये के न्यूनतम मासिक स्टाइपेंड की गारंटी देती है। उल्लेखनीय है कि योजना के अंतर्गत, प्रशिक्षुओं को केंद्र और राज्य सरकारों के साथ-साथ उद्यमियों द्वारा संयुक्त रूप से वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। स्नातकों के लिए केंद्र सरकार 4,500 रुपये प्रदान करती है, जबकि उद्यमी 3,500 रुपये का योगदान करते हैं, और राज्य सरकार 1000 रुपये जोड़ती है। सभी प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से सीधे प्रशिक्षु के बैंक खाते में स्थानांतरित किए जाते हैं। इस प्रकार, डिप्लोमा धारक प्रशिक्षुओं को महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने का मार्ग प्रशस्त होता है।
डैशबोर्ड के माध्यम से किया जाता है ट्रैक
सीएमएपीएस की ट्रैकिंग व मॉनिटरिंग को राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना (एनएटीएस) पोर्टल पर एक समर्पित डैशबोर्ड के माध्यम से ट्रैक किया जाता है, जिससे पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित होती है। यह योजना उत्तर प्रदेश सरकार के 21 विभागों के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में शुरू की जा रही है, जिसमें वित्त वर्ष 2024-25 में चिकित्सा, स्वास्थ्य, एमएसएमई, रीटेल और शिक्षा क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उद्योगों और प्रतिष्ठानों की सूची प्रदान करके, राज्य सरकार के पांच विभाग योजना के जमीनी क्रियान्वयन में सक्रिय रूप से शामिल हैं। चुनौतियों के बावजूद, योजना ने उल्लेखनीय प्रगति की है। वित्त वर्ष 2024-25 में, अब तक 858 पंजीकृत उद्योग हैं, जो पिछले वर्ष की 826 की संख्या से अधिक हैं। उपलब्ध प्रशिक्षण सीटों की संख्या भी बढ़कर 40,297 हो गई है, जो कार्यक्रम में उद्योगों की बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार इस पहल में शामिल होने के लिए अधिक प्रतिष्ठानों को प्रोत्साहित करने में सक्रिय रही है, जैसा कि 62 नए पंजीकृत प्रतिष्ठानों और 380 नई जोड़ी गई प्रशिक्षण सीटों से स्पष्ट है।
भारतीय उद्योग संघ द्वारा किया गया है एमओयू
योजना के प्रसार को और बढ़ाने के लिए योगी सरकार ने भारतीय उद्योग संघ (आईआईए) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस सहयोग का उद्देश्य अधिक उद्योगों को शामिल करना और युवाओं के लिए प्रशिक्षण के अधिक अवसर पैदा करना है। इसके अलावा, सीएएमपीएस के सुव्यवस्थित समन्वय और कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए पाँच विभागों में राज्य-स्तरीय नोडल अधिकारी नामित किए गए हैं। उद्योगों तक पहुँच के अलावा, योगी सरकार ने शैक्षणिक संस्थानों के भीतर जागरूकता पैदा करने पर ध्यान केंद्रित किया है। पिछले महीने से राज्य भर के विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों के प्राचार्यों के लिए जागरूकता कार्यक्रमों की एक श्रृंखला आयोजित की गई है। कानपुर, लखनऊ, बरेली और गोरखपुर विश्वविद्यालयों में आयोजित ये बैठकें यह सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं कि शैक्षणिक नेतृत्वकर्ताओं को सीएएमपीएस के बारे में अच्छी जानकारी हो और वे अपने छात्रों को इस मूल्यवान अवसर से लाभान्वित होने के लिए मार्गदर्शन उपलब्ध करा सकेंगे। जागरूकता कार्यक्रम इस साल सितंबर तक जारी रहेंगे।
उत्तर प्रदेश
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कार्यकर्ताओं से की अपील, मिल्कीपुर उपचुनाव जीतना है जरुरी
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (SP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे मिल्कीपुर उपचुनाव में पार्टी की जीत सुनिश्चित करें, क्योंकि उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए जरूरी बताया। लखनऊ में सपा के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित एक बैठक में अखिलेश यादव ने फैजाबाद, अयोध्या और मिल्कीपुर क्षेत्र के नेताओं और कार्यकर्ताओं से संवाद करते हुए यह बात कही।
अखिलेश यादव ने कहा, “मिल्कीपुर उपचुनाव में हमें जरूर जीतना है। लोकतंत्र के लिए यह आवश्यक है। सत्तारूढ़ बीजेपी को उपचुनाव में अपनी मनमानी नहीं करने दी जाएगी।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह चुनाव केवल सपा के लिए नहीं, बल्कि प्रदेश और देश के लोकतंत्र के भविष्य के लिए अहम है।
मिल्कीपुर सीट पर 5 फरवरी को उपचुनाव
यह उपचुनाव अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हो रहा है, जो 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा के वरिष्ठ नेता अवधेश प्रसाद के फैजाबाद (अयोध्या) संसदीय सीट से निर्वाचित होने के बाद खाली हुई है। 2022 में अवधेश प्रसाद ने मिल्कीपुर विधानसभा सीट से सपा उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी। निर्वाचन आयोग ने मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए मतदान की तारीख 5 फरवरी 2025 तय की है।
-
आध्यात्म1 day ago
मकर संक्रांति पर क्यों खाते है खिचड़ी, जानें इसका महत्व और लाभ
-
लाइफ स्टाइल4 hours ago
अस्थमा के मरीज सर्दियों में रखें अपना खास ध्यान, अपनाएं यह टिप्स
-
अन्तर्राष्ट्रीय2 days ago
डोनाल्ड ट्रंप के शपथग्रहण समारोह के लिए भारत को मिला न्योता, विदेश मंत्री एस जयशंकर करेंगे शिरकत
-
मनोरंजन2 days ago
नितिन गडकरी और अनुपम खेर ने देखी ‘इमरजेंसी’, साथ में कंगना भी थी मौजूद
-
राजनीति2 days ago
अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी पर लगाया झुग्गियों को तोड़ने का आरोप
-
नेशनल23 hours ago
जम्मू-कश्मीर में बोले पीएम मोदी- घाटी का माहौल अब पहले जैसा नहीं रहा, लोग लालचौक पर रात को आइसक्रीम खाने जाते हैं
-
नेशनल2 days ago
काम के घंटो को लेकर छिड़ी बहस, महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने दिया अपना बयान
-
नेशनल1 day ago
उमर अब्दुल्ला ने पीएम मोदी की दिल खोलकर की तारीफ, कहा- आपने बिना गड़बड़ी के चुनाव कराए, 4 महीने में वादा पूरा किया