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उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री योगी को सौंपा गया राष्ट्रीय जल पुरस्कार

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लखनऊ| सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जल प्रबंधन और जल संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए उत्तर प्रदेश को चार महीने में तीन पुरस्कार प्रदान किये गए। जिन्हें विभाग के अधिकारियों ने गुरुवार को मुख्यमंत्री को सौंपा। ग्रामीण इलाकों में घर-घर तक नल कनेक्शन पहुंचाने के साथ जल संरक्षण और जल प्रबंधन के क्षेत्र में शानदार काम के लिए सर्वश्रेष्ठ राज्य की श्रेणी में उत्तर प्रदेश को देश में दूसरा स्थान मिला। बीते दिनों (अक्टूबर) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यह पुरस्कार उत्तर प्रदेश को प्रदान किया था, जिसे गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपा गया। सर्वश्रेष्ठ राज्य की श्रेणी में उड़ीसा को पहला और गुजरात-पुडुचेरी को संयुक्त रूप से तीसरा स्थान मिला था।

चार माह में उत्तर प्रदेश को मिले तीन पुरस्कार

जल जीवन मिशन के तहत उत्तर प्रदेश को चार माह में तीन पुरस्कार मिले। हर घर नल योजना के तहत उत्तर प्रदेश ने सर्वाधिक घरों तक नल से जल पहुंचाया है। उत्तर प्रदेश की उपलब्धियों को सम्मानित किया गया। स्वच्छ गंगा मिशन के तहत गंगा स्वच्छता अभियान व अन्य नदी संरक्षण कार्यों के लिए उत्तर प्रदेश को 13 जुलाई को स्कॉच गोल्ड अवार्ड मिला था।

नोएडा इन्टरनेशनल ट्रेड शो-2024 में उत्तर प्रदेश में जल जीवन मिशन के कार्यों और उपलब्धियों की प्रदर्शनी लगाने के लिए उत्तर प्रदेश को 27 सितंबर को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बेस्ट डिस्प्ले अवार्ड प्रदान किया था। यह अवार्ड भी विभाग के अफसरों ने मुख्यमंत्री को सौंपा।

जल संरक्षण और ग्रामीण क्षेत्रों में हर घर नल से जल पहुंचाने के लिए 22 अक्टूबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्रदान किया था। इस श्रेणी में उत्तर प्रदेश को दूसरा स्थान मिला था।

नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग, उ०प्र० ने अपना यूनिक मोमेंटो बनाया है। गुरुवार को इसे भी मुख्यमंत्री को सौंपा गया।

मुख्यमंत्री ने की तारीफ, नमामि गंगे के अफसरों की पीठ थपथपाई

गुरुवार को मुख्यमंत्री को नमामि गंगे के अपर मुख्य सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने यह पुरस्कार सौंपे। मुख्यमंत्री ने इस उपलब्धि के लिए नमामि गंगे व ग्रामीण जलापूर्ति के अफसरों की पीठ थपथपाई। साथ ही निर्देश दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुरूप उत्तर प्रदेश ने अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है। हर घर नल के तहत ग्रामीण इलाक़ों में निरन्तर स्वच्छ जल पहुंचाया जाए।

मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान विशेष सचिव बृजराज सिंह यादव, जलविज्ञानी अनुपम श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम

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लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।

महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।

3 चरणों में संचालन

एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।

प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।

550 शटल बसें चलाई जाएंगी

एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।

उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।

इन मार्गों प्रभाग संचालन

एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।

इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।

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