Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी तट पर की ईष्ट देव की पूजा, तिल, खिचड़ी की दान

Published

on

Loading

महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ 2025 के प्रथम अमृत स्नान का शुभारंभ मकर संक्रांति के पावन अवसर पर हुआ। संगम के त्रिवेणी तट पर लाखों श्रद्धालुओं और साधु-संतों का अद्भुत संगम देखने को मिला। इस ऐतिहासिक अवसर पर स्नान कर श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था को नया आयाम दिया। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने घाट पर ही अपने ईष्ट देव की पूजा-अर्चना की। इस पूजन में तिल, खिचड़ी और अन्य पूजन सामग्रियों का उपयोग किया गया। श्रद्धालुओं ने तिल और खिचड़ी का दान कर धर्म लाभ प्राप्त किया। दान-पुण्य के इस क्रम ने पर्व को और पवित्र बना दिया।

सूर्य को दिया अर्घ्य

मकर संक्रांति के इस पावन दिन संगम के घाटों पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। आस्था और उल्लास का ऐसा नजारा था जिसने हर किसी के मन को भावविभोर कर दिया। स्नान के दौरान हर कोई अपने जीवन को पवित्र और सुखमय बनाने की प्रार्थना करता दिखा। स्नान के दौरान श्रद्धालुओं ने सूर्य को अर्घ्य देकर पुण्य और मोक्ष की कामना की। मकर संक्रांति भगवान सूर्य को ही समर्पित पर्व है। मकर संक्रांति पर सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं और दिन लंबे व रात छोटी होने लगती है। स्नान के दौरान ही कई श्रद्धालु गंगा आरती और श्रद्धालुओं ने घाट पर ही मकर संक्रांति का पूजन अर्चन किया और तिल खिचड़ी का दान कर पुण्य कमाया।

महाकुम्भ में मकर संक्रांति का महत्व

महाकुम्भ भारतीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक है। मकर संक्रांति के इस शुभ अवसर पर अमृत स्नान को जीवन में शुभता और सकारात्मकता लाने का माध्यम माना जाता है। संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाकर श्रद्धालु अपने पापों का प्रायश्चित करते हैं और पुण्य के साथ मोक्ष की कामना करते हैं। महाकुम्भ 2025 का यह अद्भुत दृश्य न केवल भारतीय संस्कृति की गरिमा को दर्शाता है, बल्कि विश्व भर में इसकी आध्यात्मिक छवि को भी मजबूत करता है। महाकुम्भ के इस शुभ अवसर पर विभिन्न अखाड़ों के साधु-संतों के प्रवचनों और धार्मिक अनुष्ठानों में भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में भागीदार बन रहे हैं। संत संगम के महत्व और मकर संक्रांति के धार्मिक पक्ष को लेकर उन्हें जागरूक कर रहे हैं।

सुरक्षा की विशेष व्यवस्था

इस विशाल आयोजन को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए प्रशासन ने विशेष व्यवस्था की थी। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, भीड़ प्रबंधन और स्वच्छता अभियान ने महाकुम्भ को एक अनुकरणीय आयोजन बना दिया। मकर संक्रांति पर स्नान के लिए बड़ी संख्या में सुबह से ही लोग जुटने लगे। पवित्र स्नान के लिए देश के कोने-कोने से बुजुर्ग, महिलाएं और युवक पहुंचे। अपने सिर पर गठरी लादे श्रद्धालुओं का कारवां आगे बढ़ता रहा। चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान तैनात रहे।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

भाजपा ने मिल्कीपुर विधानसभा सीट के लिए उतारा अपना प्रत्याशी, सपा के अजीत प्रसाद को देंगे चुनौती

Published

on

Loading

मिल्कीपुर। अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए बीजेपी ने भी अपने पत्ते खोल दिए हैं. बीजेपी ने चंद्रभान पासवान को प्रत्याशी बनाया है, जो सपा के अजीत प्रसाद को चुनौती देंगे. इस तरह मिल्कीपुर उप-चुनाव की लड़ाई बीजेपी बनाम सपा ही नहीं पासी बनाम पासी की हो गई है. ऐसे में सवाल उठता है कि कौन हैं चंद्रभान पासवान, जिन्हें बीजेपी ने उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया है?

बीजेपी के लिए मिल्कीपुर सीट नाक का सवाल बनी हुई है. 2024 में अयोध्या लोकसभा सीट हार जाने के बाद बीजेपी हर हाल में मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव को जीतकर सपा को झटका देना चाहती है. ऐसे में सपा ने फैजाबाद से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को मैदान में उतारा है तो बीजेपी ने अब चंद्रभान पासवान पर दांव खेला है.

मिल्कीपुर विधानसभा सीट से बीजेपी से टिकट दावेदारों में पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ, पूर्व विधायक रामू प्रियदर्शी, जिला महामंत्री राधेश्याम, अनुसूचित जाति मोर्चा के कोषाध्यक्ष चंद्रकेश रावत और चंद्रभान पासवान शामिल थे. इसके अलावा सुरेंद्र कुमार रावत भी चुनाव लड़ने के फिराक में थे. बीजेपी ने तमाम मंथन और विचार-विमर्श के बाद बाबा गोरखनाथ के बजाय चंद्रभान पासवान को उतारा है.

कौन हैं चंद्रभान पासवान?

चंद्रभान पासवान अयोध्या जिले के रुदौली कस्बे से सटे हुए गांव परसौली के रहने वाले हैं. उनके पिता का नाम बाबा राम लखन पासवान है और उनकी शादी कंचन पासवान से हुई है. शुरुआती पढ़ाई उन्होंने रुदौली में किया और उसके बाद फैजाबाद के साकेत विश्वविद्यालय से एम कॉम और एलएलबी की पढ़ाई की है. बीजेपी के साथ लंबे समय से जुड़े हुए हैं. अयोध्या में बीजेपी जिला कार्यसमिति के चंद्रभान सदस्य हैं. गुजरात के सूरत में काम करते थे, लेकिन अब रुदौली में उनका कपड़े का कारोबार है. रुदौली बाजार में बाबा क्लाथ हाउस के नाम से कपड़े का शोरूम है.

Continue Reading

Trending