Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

गीता प्रेस एक संस्था नहीं है, जीवन आस्था है: गोरखपुर में बोले पीएम मोदी

Published

on

PM Modi in Geeta Press Gorakhpur

Loading

गोरखपुर। गोरखपुर स्थित गीताप्रेस के शताब्दी वर्ष के औपचारिक समापन समारोह में शामिल होकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहली बार आर्ट पेपर पर प्रकाशित चित्रमय शिवपुराण व नेपाली में प्रकाशित शिव महापुराण का विमोचन किया। इस दौरान अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि गीता प्रेस विश्व का एकलौता प्रिंटिंग प्रेस है, जो एक संस्था नहीं है, जीवन आस्था है।

गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार, 100 वर्षों के विरासत का सम्मान

उन्होंने कहा गीताप्रेस किसी मंदिर से कम नहीं है। इसके नाम में भी गीता है, इसके काम में भी गीता है। गीता में कृष्ण हैं। गीता प्रेस की धार्मिक पुस्तके लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है। हमारी सरकार ने गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार दिया है। यह सम्मान गीता प्रेस के 100 वर्षों के विरासत का सम्मान है।

पीएम मोदी ने श्रीहरि से शुरू किया संबोधन

पीएम मोदी ने अपना संबोधन श्रीहरि से शुरू किया। उन्होंने सभी का प्रणाम करते हुए कहा कि इस बार गोरखपुर में मेरी यात्रा विकास का उदाहरण है। अब मैं यहां से गोरखपुर रेलवे स्टेशन जाउंगा। मैंने सोशल मीडिया पर गोरखपुर स्टेशन की फोटो डाला तो लोग हैरान हो गए। पीएम ने कहा कि यह गीता प्रेस का कार्यालय करोड़ों लोगों के लिए मंदिर है। यहां गीता का नाम है, इसका मतलब यहां कृष्ण हैं।

सीएम योगी ने की पीएम मोदी की तारीफ

इससे पहले अपने संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गीता प्रेस में 100 वर्षों में अनेक उतार-चढ़ाव को देखते हुए करीब 100 करोड़ प्रकाशन करने की ओर अग्रसर है। यह भारतीयों को सम्मानित करता है। नए भारत की नई ट्रेन वंदे भारत भी आज गोरखपुर से शुरू हो रही है। दुनिया का दादा समझने वाले अमेरिका में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जबरदस्त लोकप्रियता है।

सीएम योगी ने कहा कि पूरी दुनिया योग के रूप में भारत की तरफ देख रही है। गीता प्रेस अपने 100 साल के शानदार सफर को आगे बढ़ा रहा है। यहां 75 साल में कोई प्रधानमंत्री नहीं आया। पीएम मोदी की अध्यक्षता में गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार दिया गया।

उन्होंने कहा कि गोरखपुर बंद खाद कारखाना अब 110 प्रतिशत क्षमता के साथ उत्पाद कर रहा है। 2014 में गोरखपुर के पास एक फ्लाइट था, अब 14 से अधिक फ्लाइट उड़ान भर रही है। गोरखपुर में एम्स सपना था। वहीं रामगढ़ताल अपराधिक अड्डा बना गया था। अब यहां पूरे देश से लोग घूमने आ रहे हैं। वहीं वंदे भारत ट्रेन पूर्वांचल के लोगों के लिए उपहार है।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

गणतंत्र दिवस परेड पर नई दिल्ली में निकलेगी झांकी

Published

on

Loading

लखनऊ/नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस परेड पर नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर निकलने वाली झांकी इस बार ‘महाकुम्भ’ पर होगी। उत्तर प्रदेश की झांकी भारत ही नहीं, बल्कि संपूर्ण विश्व में मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में प्रतिष्ठित “महाकुम्भ 2025- स्वर्णिम भारत : विरासत और विकास को प्रदर्शित करेगी। यह झांकी प्रयागराज में पवित्र गंगा, अविरल यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम पर हो रहे महाकुम्भ के दिव्य स्वरूप को दर्शाएगी, जो पृथ्वी पर मानवता का सबसे बड़ा समागम है।

देश-विदेश के श्रद्धालु करेंगे दीदार

2025 का सबसे महत्वपूर्ण आयोजन महाकुम्भ अध्यात्म, धरोहर, विकास और डिजिटल प्रगति का संगम है। इस झांकी के केंद्र में भी यही है। ट्रैक्टर के आगे ‘अमृत कलश’ की आगे झुकी हुई भव्य प्रतिकृति दर्शाई गई है, जिससे अमृतधारा प्रवाहित हो रही है। साथ ही शंखनाद, आचमन और साधना करते साधु-संत और संगम में डुबकी लगाते श्रद्धालु महाकुम्भ की आध्यात्मिक ऊर्जा को जीवंत कर रहे हैं। योगी सरकार के नेतृत्व में हो रहे अभूतपूर्व आयोजन का दीदार देश-विदेश से आए आगंतुक भी करेंगे।

समुद्र मंथन की पौराणिक कथा से भी अवगत होंगे आगंतुक

ट्रेलर के पैनल पर अमृत (शाही) स्नान के लिए जाते अखाड़ों और श्रद्धालुओं को म्यूरल एवं एलईडी स्क्रीन के द्वारा दर्शाया जाएगा। ट्रेलर के प्लेटफार्म पर समुद्र मंथन की पौराणिक कथा को चित्रित किया जाएगा, जो महाकुम्भ के महत्व और इसकी ऐतिहासिकता को रेखांकित करती है। इसके पिछले हिस्से में समुद्र मंथन से निकले 14 रत्नों को दर्शाया गया है। इसमें हलाहल विष, कामधेनु, उच्चै श्रवा घोड़ा, ऐरावत हाथी, कौस्तुभ मणि, कल्पद्रुम, रंभा अप्सरा, लक्ष्मी, वारुणी, चंद्रमा, पारिजात वृक्ष, शंख, धन्वंतरि, अमृत शामिल हैं।

सुरक्षा व क्राउड मैनेजमेंट को आईसीसीसी के माध्यम से प्रमुखता से दिखाया जाएगा

झांकी के माध्यम से ‘महाकुम्भ 2025’ के आयोजन में अपनाई जा रही टेक्नोलॉजी, प्रबंधन और डिजिटलीकरण को भी दर्शाया जाएगा। इसके लिए हाईटेक इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) को प्रमुखता से दिखाया गया है, जो सुरक्षा और क्राउड मैनेजमेंट का उत्कृष्ट उदाहरण है। इसके साथ ही एलईडी के माध्यम से महाकुम्भ पर्व स्नान को जाते अखाड़ों के जुलूस को प्रसारित किया जा रहा है।

Continue Reading

Trending