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G20 की बैठक में बोले पीएम मोदी- काशी दुनिया का सबसे पुराना जीवित शहर

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PM Modi said in G20 meeting

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वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में G20 देशों की कल्चरल ग्रुप मीटिंग का शुक्रवार (25 अगस्त) को समापन हो गया। अब शनिवार यानि 26 अगस्त को संस्कृति मंत्रियों की बैठक आयोजित की जाएगी। बैठक शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वीडियो संदेश के जरिए संस्कृति मंत्रियों को संबोधित किया। पीएम मोदी आज ही अपनी दक्षिण अफ्रीका और ग्रीस की यात्रा से भारत वापस लौटे हैं।

पीएम मोदी ने वाराणसी में जी20 कल्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक में एक वीडियो संदेश में कहा, “मुझे खुशी है कि हम वाराणसी में मिल रहे हैं जो मेरा संसदीय क्षेत्र है। काशी न केवल दुनिया का सबसे पुराना जीवित शहर है, बल्कि यहां से कुछ ही दूरी पर स्थित सारनाथ भी है जहां भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था। यह वास्तव में भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी है।”

हम विविध संस्कृति पर गर्व करते हैं

पीएम मोदी ने कहा, “संस्कृति में एकजुट होने की अंतर्निहित क्षमता होती है। यह हमें विविध पृष्ठभूमियों और दृष्टिकोणों को समझने में सक्षम बनाता है। हम अपनी शाश्वत और विविध संस्कृति पर बहुत गर्व करते हैं। हम अपनी अमूर्त सांस्कृतिक विरासत को भी बहुत महत्व देते हैं।”

विरासत आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, “सांस्कृतिक विरासत सिर्फ वह नहीं है जो पत्थर में गढ़ी जाती है, यह परंपराएं, रीति-रिवाज और त्यौहार भी हैं जो पीढ़ियों से चले आ रहे हैं। हमारा मानना है कि विरासत आर्थिक विकास और विविधीकरण के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति है।”

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बैगा जनजाति के सदस्यों को मिला दिल्ली आने का न्यौता, कौन है बैगा जनजाति?

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नई दिल्ली। जहां एक तरफ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आगामी 26 जनवरी को जोर-शोर से गणतंत्र दिवस का आयोजन किया जाएगा। वहीं इस दौरान कर्तव्य पथ पर सेना के जवान एक बार फिर परेड करेंगे। वहीं इस खास मौके पर छत्तीसगढ़ के कवर्धा में रहने वाले कुछ बैगा जनजाति के परिवारों को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने का निमंत्रण मिला है।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा मिले निमंत्रण पर बैगा परिवारों में से एक सदस्य ने कहा कि हमें बहुत खुशी है कि हमें निमंत्रण मिला। वहीं कवर्धा जिले के कलेक्टर गोपाल वर्मा ने कहा कि यह गर्व की बात है कि 6 बैगा परिवारों को भारत के राष्ट्रपति ने गणतंत्र दिवस में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।

बैगा जनजाति के सदस्यों को मिला दिल्ली आने का न्यौता

उन्होंने कहा कि सरकारी की योजनाओं के माध्यम से, उन्हें एक घर और कुछ अन्य लाभ मिले हैं। वे 23 जनवरी तक दिल्ली पहुंच जाएंगे। वे राष्ट्रपति के साथ रात्रिभोज करेंगे और पीएम मोदी से मिलेंगे। बैगा परिवार बहुत खुश हैं। बता दें कि बैगा जनजाति छत्तीसगढ़ राज्य की एक विशेष पिछड़ी जनजाति है। साल 2015 में किए गए सर्वेक्षण के मुताबिक, छत्तीसगढ़ राज्य में बैगा जनजाति के लोगों की कुल जनसंख्या 88,317 है। इसमें 44,402 पुरुष और 43,915 महिलाएं हैं। इसमें स्त्री पुरुष लिंगानुपात 989 है।

कौन है बैगा जनजाति?

सर्वेक्षण के मुताबिक बैगा जनजाति की साक्षरता दर 53.97 फीसदी है। इसमे पुरुष साक्षरता दर 60.7 8 फीसदी एवं महिला साक्षरता दर 47.10 फीसदी है। बैगा जनजाति छत्तीसगढ़ राज्य के मध्य क्षेत्र में रहने वाली जनजाति है। मुख्य रूप से कबीरधाम जिले के बोडला एवं पण्डरिया विकासखंड, बिलासपुर जिले के कोटा एवं तखतपुर विकासखंड, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के गौरेला विकासखंड, कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ़, खंण्डगवा एवं भरतपुर विकासखंड, राजनांदगांव जिले के छुइखदान विकासखंड एवं लोरमा विकासखंड के ग्रामों में रहती है। इनकी सर्वाधिक जनसंख्या कबीरधाम एवं कोरिया जिले में है।

 

 

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