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अपने बयानों को लेकर राहुल गांधी ने दी सफाई, भाजपा सांसदों से हुई तीखी झड़प

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Rahul gandhi controversial statement in london

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नई दिल्ली। जी-20 की अध्यक्षता पर विदेश मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक में राहुल गांधी ने लंदन में दिए गए अपने बयानों को लेकर सफाई दी है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में इसको लेकर दावे किए जा रहे हैं। बैठक में उन्होंने खुलकर इस मसले पर अपनी बात रखी।

इस दौरान कई बार भाजपा सांसदों से राहुल गांधी की तीखी झड़प भी हुई। भाजपा सांसदों ने राहुल गांधी का बिना नाम लिए उनके लंदन में दिए बयानों की तीखी आलोचना की। इसके बाद राहुल ने भी अपना बचाव किया।

भारत में दूसरे देशों के हस्तक्षेप वाले कथित बयान को राहुल ने खारिज कर दिया। कहा कि उन्होंने इस मामले में किसी बाहरी देश को हस्तक्षेप के लिए नहीं कहा। राहुल बोले, किसी भी देश को हमारे देश के अंदर हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है।

राहुल गांधी ने क्या-क्या कहा?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बैठक के दौरान राहुल गांधी ने लंदन में दिए गए अपने बयानों पर सफाई दी। कहा, ‘मैंने यह कहा था कि यह हमारा आंतरिक मामला है और हम इसका हल निकालेंगे।’ हालांकि, इस बीच उन्होंने भाजपा की केंद्र सरकार पर निशाना भी साधा।

उन्होंने कहा, ‘यह तो स्पष्ट है कि भारतीय लोकतंत्र पर हमला हो रहा है। ईडी, सीबीआई जैसे संस्थानों का सरकार हथियार के रूप में विपक्ष पर प्रयोग कर रही है।’ उन्होंने हिंडनबर्ग और अदाणी के मसले पर भी अपनी बात रखी।

कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट भारत पर हमला नहीं था, यह एक उद्योगपति गौतम अदाणी और उनके वित्तीय लेनदेन के खिलाफ था। अदाणी भारत नहीं हैं। राहुल जब सफाई दे रहे थे तो विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने उन्हें टोका भी और कहा कि इस बैठक में केवल विषय पर चर्चा करनी चाहिए।

भाजपा सांसदों ने राहुल पर साधा निशाना

जी-20 को लेकर हुई बैठक में विदेश सचिव ने तैयारियों को लेकर प्रस्ताव रखा। इसके बाद सांसदों ने एक-एक करके अपनी बात रखी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस दौरान भाजपा सांसदों ने बिना राहुल गांधी का नाम लिए उनपर निशाना भी साधा।

भाजपा सांसद जीवीएल नरसिम्हा ने कहा कि भारत के ऐतिहासिक जी-20 अध्यक्षता को अस्थिर करने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। जीवीएल ने कहा, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट, जॉर्ज सोरोस की टिप्पणी और बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री सभी भारत को कमजोर करने के लिए प्रेरित प्रयास थे।

जीवीएल ने राहुल गांधी का बगैर नाम लिए कहा, ‘कुछ लोगों ने विदेश की धरती पर जाकर भारत को बदनाम करने की कोशिश की है। बोला है कि भारत में लोकतंत्र पर हमले हो रहे हैं। लेकिन सही बात तो यह है कि भारतीय लोकतंत्र पर सबसे बड़ा धब्बा आपातकाल था।’

उद्धव ठाकरे गुट की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने तर्क दिया कि भारत एक आत्मविश्वासी राष्ट्र है और लोकतंत्र की जननी है। ऐसे में किसी व्यक्ति की टिप्पणी या बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री से कमजोर नहीं हो जाएगा।

भाजपा सांसदों से तीखी बहस  

राहुल गांधी और भाजपा सांसदों के बीच तीखी बहस भी हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जब राहुल लंदन में दिए अपने बयान पर सफाई देने लगे तो उन्हें विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने टोका। कहा कि वह बैठक के विषय पर ही अपनी बात करें। इस मसले पर संसद में अपनी बात रखें तो ज्यादा बेहतर होगा।

इस पर राहुल ने कहा कि मुझसे पहले कई सांसदों ने विषय से हटकर अपनी बात रखी है। ऐसे में ये मेरा भी अधिकार बनता है। मनोनीत सांसद महेश जेठमलानी ने भी राहुल गांधी को टोका। उन्होंने राहुल से कहा कि वह अपने व्यक्तिगत मुद्दे को जी 20 बैठक में न लाएं।

थरूर क्या बोले?

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने स्वीकार किया कि जी-20 को लेकर हुई बैठक में राजनीतिक टकराव भी हुए। उन्होंने कहा, ‘जी-20 में भारत की विदेश नीति के उद्देश्यों पर आज की एक अच्छी बैठक कुछ सदस्यों द्वारा अनावश्यक रूप से चर्चा का राजनीतिकरण करने से प्रभावित हुई। राहुल गांधी ने उन्हें कड़ा जवाब दिया।’

बैठक में ये सांसद रहे मौजूद

जी-20 की अध्यक्षता को लेकर विदेश मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर, विदेश राज्यमंत्री मुरलीधरन, भाजपा सांसद जीवीएल नरसिम्हा, महेश जेठमलानी, राहुल गांधी, शशि थरूर, शत्रुघन सिन्हा, प्रियंका चतुर्वेदी, अनिल हेगड़े मौजूद रहे।

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पीएम मोदी ने ‘पराक्रम दिवस’ पर सुभाष चंद्र बोस को अर्पित की श्रद्धांजलि

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लोगों से ‘विकसित भारत’ के लिए एकजुट रहने का आह्वान किया और देश को कमजोर करने और इसकी एकता को तोड़ने की कोशिश करने वाली ताकतों के खिलाफ चेतावनी दी। सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती के उपलक्ष्य में कटक में आयोजित ‘पराक्रम दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी का जीवन लोगों के लिए निरंतर प्रेरणा का स्रोत है।

वे कभी भी आराम के दायरे में नहीं फंसे- पीएम

अपने भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि नेताजी ने आराम के दायरे से बाहर निकलकर देश की आजादी के लिए संघर्ष करना पसंद किया। पीएम ने आगे कहा, ‘वे कभी भी आराम के दायरे में नहीं फंसे। इसी तरह, हम सभी को एक विकसित भारत बनाने के लिए अपने आराम के दायरे से बाहर निकलना होगा। हमें खुद को वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठ बनाना होगा। हमें उत्कृष्टता को चुनना होगा और दक्षता पर ध्यान केंद्रित करना होगा।

‘देश के ‘स्वराज’ पर पूरी तरह केंद्रित थे नेताजी’

उन्होंने कहा कि बोस देश के ‘स्वराज’ (स्वशासन) पर पूरी तरह केंद्रित थे और कई पृष्ठभूमि के लोग इस उद्देश्य के लिए एकजुट हुए। उन्होंने कहा, ‘अब हमें विकसित भारत के लिए एकजुट रहना होगा।’ उन्होंने कहा कि लोगों को भारत की एकता के लिए बोस के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमें उन लोगों से सावधान रहना होगा जो देश को कमजोर करना चाहते हैं और इसकी एकता को तोड़ना चाहते हैं।’

‘विरासत को बढ़ावा देने पर सरकार कर रही काम’

प्रधानमंत्री ने बोस के नाम पर अंडमान में द्वीपों का नामकरण, इंडिया गेट पर उनकी प्रतिमा स्थापित करना और उनकी जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाना जैसे कई फैसलों का हवाला दिया, जो उनकी विरासत को बढ़ावा देने के लिए उनके काम पर जोर देने के लिए उनकी सरकार की तरफ से लिए गए थे। उन्होंने कहा कि बोस को भारत की विरासत पर गर्व था। उन्होंने कहा कि विकास की तेज गति लोगों की प्रगति, सशस्त्र बलों को मजबूत करने और समग्र विकास के साथ-साथ चलती है। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है, आधुनिक बुनियादी ढांचे का भी निर्माण किया जा रहा है और सशस्त्र बलों की ताकत अभूतपूर्व तरीके से बढ़ी है। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर एक मजबूत आवाज के रूप में उभरा है।

पीएम मोदी ने नेताजी को किया नमन

इससे पहले पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में एक वीडियो साझा करते हुए लिखा- आज पराक्रम दिवस पर मैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनका योगदान अद्वितीय है। वे साहस और धैर्य के प्रतीक थे। उनका विजन हमें प्रेरित करता रहता है, क्योंकि हम उनके सपनों का भारत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।

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