नेशनल
#Opinion : 2013 में राहुल गाँधी ने फाड़ा था अध्यादेश, आज होता तो बच जाते राहुल!
Rahul Gandhi disqualified : राहुल गाँधी को सूरत सेशन कोर्ट के फैसले के बाद लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 का हवाला देते हुए आयोग द्वारा, आयोग्य घोसित कर दिया गया। अब सवाल यह है की क्या राहुल गाँधी के पास कोई विकल्प है ? क्या वह अपनी सदस्यता को अभी भी बचा सकते हैं? इससे बारे में हम आगे लेख में चर्चा करेंगे, हालांकि यह जानना भी बहुत ज़रूरी है, की 2013 में राहुल गाँधी ने एक ऐसे अध्यादेश को बेतुका बता कर फाड़ दिया था, जो आज होता तो राहुल गाँधी मुख्या तौर पर अपना बचाव कर सकते थे, और अपनी सदस्यता पर मंडरा रहे खतरे को टाल सकते थे!
पहले यह समझ लेते हैं की आख़िर राहुल गाँधी की सदस्य्ता गई क्यों ?
2019 के चुनाव के दौरान राहुल गाँधी ने अपने भाषण में मोदी सरनामे को लेकर विवादित बयान दिया था, जिसके बाद सूरत पश्चिमी से बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल पर मानहानि का मुक़दमा दर्ज कराया था, मुकदमा दर्ज करवाने के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 का प्रयोग किया गया। जिसपर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राहुल गाँधी को दोषी करार दिया, जिसमे 15 हज़ार का जुरमाना और 2 साल की सज़ा सुनाई गई। दरअसल संविधान के अनुच्छेद 102(1) और 191(1) के अनुसार अगर संसद या विधानसभा का कोई सदस्य, लाभ के किसी पद को लेता है, दिमाग़ी रूप से अस्वस्थ, दिवालिया या फिर वैध भारतीय नागरिक नहीं है तो उसकी सदस्यता रद्द हो सकती है।
वहीँ अयोग्य घोषित करने का एक नियम भारत के संविधान की 10 वीं अनुसूची में है. इसमें दल-बदल के आधार पर सदस्यों को अयोग्य ठहराए जाने के प्रावधान तय किया गया है। इसके अलावा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत किसी सांसद या विधायक की सदस्यता जा सकती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें की इस अधिनियम के तहत आपराधिक मामलों में सज़ा पाने वाले सांसद या विधायक की सदस्यता को रद्द करने का प्रावधान है।
2013 में राहुल ने किस अध्यादेश को फाड़ा था?
जब से राहुल गाँधी को लोकसभा से अयोग्य घोषित किया गया, तब से 2013 में राहुल गाँधी द्वारा बेतुका बताया गया अध्यादेश याद किया जा रहा है। दरअसल साल 2013 में UPA की सरकार थी, और राहुल गाँधी कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष। यूपीए सरकार ने एक अध्यादेश जारी किया जिसमें कुछ शर्तों के तहत कोर्ट द्वारा दोषी पाए जाने के बाद सांसदों और अन्य नेताओं को आयोग्य दोषी न करार दिए जाने की बात कही गई थी। अब साल 2023 में इस अध्यादेश को फिर से याद किया जा।
क्या राहुल गाँधी के पास है विकल्प ?
कानूनी रूप से राहुल गाँधी के पास, अभी विकल्प है, सूरत कोर्ट ने राहुल गाँधी को 30 दिनों का समय दिया है। राहुल गाँधी के पास अभी भी बड़ी अदालतों में जाने के विकल्प खुले हैं। जिसके फैसले पर ही राहुल गाँधी का भविष्य तय हो सकता है। वहीं अपनी सदयस्ता को वापस पाने के लिए राहुल गाँधी, हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकती है।
यह भी पढ़े :राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द, सजा के बाद लोस सचिवालय का बड़ा फैसला
दिग्गज वकीलों के बाद भी क्यों तुरंत एक्टिव नहीं हुई कांग्रेस?
यह भी सवाल बड़ा है की आखिर कांग्रेस पार्टी की तरफ से फ़ौरन एक्शन क्यों नहीं लिया गया? कांग्रेस के पास अभिषेक मनु सिंधवी और कपिल सिब्बल जैसे दिग्गज वकील हैं, जो कानूनी हर पैतरे से वाखिफ़ हैं। उसके बाद भी विलंब का कारण क्या है?
डिस्क्लेमर: उपरोक्त विचारों के लिए लेखक स्वयं उत्तरदायी हैं। आज की खबर किसी भी दावे, आंकड़े या तथ्य की पुष्टि नहीं करता है।
नेशनल
संसद में धक्का-मुक्की के दौरान घायल हुए बीजेपी के दोनों सांसद हुए अस्पताल से डिस्चार्ज
नई दिल्ली। संसद परिसर में 19 दिसंबर को हुई धक्का-मुक्की की घटना में घायल हुए भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल से चार दिन बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। बता दें कि 19 दिसंबर को संसद परिसर में विपक्ष और एनडीए के सांसदों के बीच धक्का-मुक्की हो गई थी। इस धक्का-मुक्की के दौरान बीजेपी सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए थे। उनके सिर में गंभीर चोट आई थी। उसके बाद उन्हें दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें सिर में चोट आई थी और ब्लड प्रेशर की भी समस्या हो गई थी।
संसद परिसर में धक्का-मुक्की के बाद घायल हुए बीजेपी के दोनों सांसदों को अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। उसके दो दिन बाद यानी 21 दिसंबर को उन्हें एक वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। एक वरिष्ठ डॉक्टर ने कहा कि, “दोनों सांसदों की हालत अब काफी बेहतर है और उन्हें छुट्टी दे दी गई है। राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉ. शुक्ला एमएस ने पहले कहा था कि, ‘एमआरआई और सीटी स्कैन में चोट के संबंध में कुछ भी महत्वपूर्ण बात सामने नहीं आई है।
बता दें, कांग्रेस के राहुल गांधी पर ये आरोप लगाया गया कि उन्होंने भाजपा के सांसदों को धक्का मारा जिस वजह से वे घायल हो गए। दोनों को अस्पताल में तुरंत भर्ती करवाया गया।जानकारी के मुताबिक, इस घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन पर घायल सांसदों से बात की थी। इसके अलावा, उन्होंने सांसद मुकेश राजपूत से कहा, “पूरी देखभाल करना, जल्दबाजी नहीं करना और पूरा इलाज कराना।”
घटना को लेकर बीजेपी ने विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने धक्का देकर बीजेपी सांसदों को घायल कर दिया। बीजेपी ने इस घटना को लेकर राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया। वहीं दूसरी तरफ, कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज करते हुए पलटवार भी किया है जिसमें बीजेपी पर ये आरोप लगाया कि उनके सांसदों ने धक्का-मुक्की की थी, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे चोटिल होते-होते बचे। फिलहाल घायल सांसद डॉक्टरों की निगरानी में हैं और पूरी तरह से स्वस्थ होने तक आराम करेंगे।
-
नेशनल3 days ago
शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी
-
अन्तर्राष्ट्रीय3 days ago
दो दिवसीय दौरे पर कुवैत रवाना हुए पीएम मोदी, 43 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला दौरा
-
मनोरंजन3 days ago
UPAA अवॉर्ड्स-2024: बॉलीवुड समेत विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली हस्तियों को किया गया सम्मानित
-
नेशनल3 days ago
जयपुर हादसे में अब तक 14 की मौत, बुरी तरह जले शवों का होगा DNA टेस्ट
-
मुख्य समाचार3 days ago
महाकुम्भ-2025 : फाइबर रेजिन द्वारा निर्मित 30 भव्य कलाकृतियों से दमक उठेगा महाकुम्भ मेला क्षेत्र
-
मनोरंजन2 days ago
‘बिग बॉस 18’ में इस बार ट्रिपल इविक्शन, जानें कौन – कौन हो सकता है घर से बेघर
-
खेल-कूद2 days ago
भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा पर लगा धोखाधड़ी का आरोप, अरेस्ट वारंट जारी
-
अन्तर्राष्ट्रीय2 days ago
यात्रियों से भरी बस को एक ट्रक ने मारी भीषण टक्कर, 38 लोगों की मौत