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बिजनेस

RBI ने बजट को बताया सूरज का सातवां घोड़ा, अनुमान से ज्यादा रहेगी विकास दर

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RBI told on the budget

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नई दिल्ली। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने कहा है कि आम बजट 2023-24 देश की अर्थव्यवस्था के लिए सूरज के सातवें घोड़े जैसा साबित होगा। RBI ने कल शुक्रवार को अपनी मासिक रिपोर्ट जारी की है जिसमें आम बजट के प्रावधान की विस्तार से समीक्षा की है।

केंद्रीय बैंक ने पौराणिक कथाओं के आधार पर कहा है कि जिस तरह से सूरज के छह घोड़े अगर थक जाते हैं तो उसका सातवां घोड़ा उसे आगे बढ़ाता है, उसी तरह से यह बजट देश को आगे बढ़ाएगा। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि बजट के प्रावधान देश की मौजूदा आर्थिक विकास दर 6 फीसद को बढ़ाकर 6.8 फीसद करने में मदद करेगा।

अनुमान से ज्यादा विकास दर के तीन कारण

आरबीआई का मानना है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान और निकट भविष्य को लेकर भारत की आर्थिक विकास दर के बारे में जो अनुमान लगाये गये हैं वास्तविक तौर पर विकास दर इससे काफी ज्यादा रहेगी। इसके पीछे तीन कारण बताये गये हैं।

पहला कारण यह है कि विकास दर कर व्यवस्था में बदलाव की वजह से आम जनता के हाथ में 35 हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त होगा।

दूसरा कारण यह है कि पूंजीगत खर्चे के तौर पर जो 10.3 लाख करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है इसका अगले तीन वर्षों तक असर होगा।

तीसरा कारण राजकोषीय संतुलन के बारे में बताया गया है। इसकी वजह से सरकार के पास अतिरिक्त फंड होगा जिसे वो विकास कार्यों में खर्च कर सकेगी। यह वर्ष 2023-24 में विकास दर को सात फीसद ले जाएगी।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत सरकार पर कर्ज की स्थिति में सुधार भी वर्ष 2027-28 तक होने लगेगी। यह हाल के महीनों में आरबीआइ की पहली मासिक रिपोर्ट है जिसमें वैश्विक चुनौतियों पर खास तवज्जो नहीं दी गई है।

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18+

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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