उत्तर प्रदेश
छात्रवृत्ति से संवरेगा ओबीसी छात्रों का भविष्य
लखनऊ | योगी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के छात्रों के लिए पूर्वदशम् और दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजनाओं की समय सारिणी का दूसरा चरण शुरू कर दिया है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े वर्ग के छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में प्रोत्साहन देना और उनके आर्थिक बोझ को कम करना है।
ओबीसी छात्रों के लिए व्यापक छात्रवृत्ति योजना
पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने बताया कि राज्य में कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों और अन्य उच्च कक्षाओं के लिए छात्रवृत्ति योजनाओं का द्वितीय चरण जारी कर दिया गया है। इसके तहत छात्रों को ऑनलाइन आवेदन करने और जल्द से जल्द आर्थिक सहायता प्रदान करने की प्रक्रिया निर्धारित की गई है। इस पहल का उद्देश्य राज्य के ओबीसी छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना है, ताकि वे बिना आर्थिक बाधाओं के अपनी पढ़ाई जारी रख सकें।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया और समय सीमा
निदेशक पिछड़ा वर्ग कल्याण, डॉ. वंदना वर्मा ने जानकारी दी कि छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए आवेदन प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटाइज्ड कर दिया गया है, जिससे पारदर्शिता और त्वरित वितरण सुनिश्चित हो सके। ओबीसी छात्रों को https://scholarship.up.gov.in पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। द्वितीय चरण की समय सारिणी के अनुसार 31 दिसंबर 2024 तक सभी शिक्षण संस्थानों को मास्टर डाटा में सम्मिलित किया जाएगा। इसके बाद 5 जनवरी 2025 तक विश्वविद्यालय, एफिलिएटिंग एजेंसियों और जिला विद्यालय निरीक्षकों द्वारा फीस आदि का सत्यापन पूरा किया जाएगा।
आवेदन और सत्यापन की तिथि
इस योजना के तहत कक्षा 9-10 के छात्रों के लिए पूर्वदशम् छात्रवृत्ति और कक्षा 11-12 के छात्रों के लिए दशमोत्तर छात्रवृत्ति के आवेदन 15 जनवरी 2025 तक किए जा सकते हैं। इसके बाद 18 जनवरी 2025 तक शिक्षण संस्थानों को छात्रों के आवेदन सत्यापित करने और आगे बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। इस पूरी प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छात्रों को समय पर वित्तीय सहायता मिल सके और उनकी पढ़ाई में कोई रुकावट न आए।
छात्रवृत्ति का भुगतान और अंतिम समय सीमा
सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि छात्रवृत्ति की राशि छात्रों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से भेजी जाए। 25 फरवरी 2025 तक सभी पात्र छात्रों को पीएफएमएस (पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम) के माध्यम से छात्रवृत्ति की राशि वितरित कर दी जाएगी। इस त्वरित प्रक्रिया से राज्य में शिक्षा के स्तर को और बेहतर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति होगी।
योगी सरकार का शिक्षा के प्रति समर्पण
निदेशक पिछड़ा वर्ग कल्याण, डॉ. वंदना वर्मा ने बताया कि योगी सरकार शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए निरंतर प्रयासरत है। पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए इस छात्रवृत्ति योजना का उद्देश्य न केवल उनकी आर्थिक मदद करना है, बल्कि उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाना और उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करना भी है। यह योजना राज्य के पिछड़े वर्ग के छात्रों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल राज्य के युवाओं के भविष्य को उज्जवल बनाने में सहायक सिद्ध होगी। इस योजना से लाखों छात्रों को लाभ होगा और उनके लिए शिक्षा की राह को और भी सुगम बनाया जाएगा।
उत्तर प्रदेश
कानपुर : 1992 के दंगो से बंद पड़े शिव जी के मंदिर को बीजेपी मेयर प्रमिला पांडेय ने खुलवाया
कानपुर। यूपी के कानपुर से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां मेयर और बीजेपी नेता प्रमिला पांडेय ने मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में बंद पड़े 2 मंदिरों को खुलवाया और पुलिस अधिकारियों को अतिक्रमण हटवाने के निर्देश दिए। मेयर ने बताया कि 1992 के दंगो के बाद से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में कई मंदिरों पर कब्जा कर लिया गया था वहीं आज जब शिवालय को खुलवाया तो मंदिर के अंदर से शिवलिंग गायब मिला। वहीं दूसरे मंदिर में छोटा कारखाना चलता मिला।
क्या है पूरा मामला?
कानपुर की मेयर और बीजेपी नेता प्रमिला पांडेय अचानक पूरे दलबल के साथ थाना कर्नलगंज के लुधौरा क्षेत्र पहुंची तो वहां हड़कंप मच गया। मेयर ने क्षेत्र में मौजूद दो मंदिरों को खुलवाया और पुलिस अधिकारियों को मंदिर पर हुए अतिक्रमण को हटवाने के निर्देश दिए।
वहीं साथ गई नगर निगम की टीम को मंदिर के अंदर और बाहर साफ सफाई के निर्देश दिए गए। मेयर ने बताया कि 1992 के दंगो के बाद से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में कई मंदिरों पर कब्जा कर लिया गया था वहीं आज जब शिवालय को खुलवाया तो मंदिर के अंदर से शिवलिंग गायब मिला तो दूसरे मंदिर में छोटा कारखाना चलता मिला। मेयर ने बताया कि उनको कुरान का भी ज्ञान है। उसमें भी लिखा है कि किसी भी धर्म का अपमान नही करना चाहिए। मंदिरों की साफ सफाई का अभियान लगातार चलता रहेगा।
एडीसीपी सेंट्रल का बयान आया सामने
एडीसीपी सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मेयर साहिबा के निर्देश पर चिन्हित मंदिरों के अंदर और बाहर हुए अतिक्रमण और कब्जों को हटवाने के निर्देश मिले हैं। जल्द ही कब्जों को हटवाया जाएगा।
एडीसीपी सेंट्रल का बयान आया सामने
एडीसीपी सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि मेयर साहिबा के निर्देश पर चिन्हित मंदिरों के अंदर और बाहर हुए अतिक्रमण और कब्जों को हटवाने के निर्देश मिले हैं। जल्द ही कब्जों को हटवाया जाएगा।
अयोध्या में भी 32 साल बाद खुला शिव मंदिर
अयोध्या के कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित मुस्लिम बहुल लद्दावाला इलाके में स्थित एक बंद पड़े शिव मंदिर को 32 साल बाद फिर से खोला गया है। यह मंदिर 1992 में अयोध्या के विवादित बाबरी ढांचे के ध्वस्त किए जाने के बाद से बंद पड़ा था। सोमवार को मंदिर को दोबारा खोलने के लिए आयोजित शुद्धीकरण समारोह और हवन पूजा शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। इस मौके पर पर स्थानीय हिंदू कार्यकर्ताओं ने स्वामी यशवीर महाराज के नेतृत्व में पूजा अर्चना की और मंदिर में श्रद्धा से दर्शन किए।
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