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उत्तर प्रदेश

अयोध्या के मठ-मंदिरों को संवारने में तेजी से जुटा पर्यटन विभाग

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अयोध्या‌। श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद से प्रदेश सरकार द्वारा अयोध्या के 84 कोसी परिक्रमा को पर्यटन की नजर से सजाया जा रहा है। अब पर्यटन विभाग 84 कोसी परिक्रमा मार्ग पर स्थित करीब 6 धार्मिक स्‍थलों का पर्यटन स्‍थल के रूप में विस्‍तार करा रहा है। अयोध्‍या परिक्षेत्र के उपनिदेशक पर्यटन आरपी यादव ने बताया कि इसके लिए भेजे गए इस्‍टीमेट को शासन ने स्‍वीकृत कर 20.64 करोड़ रुपए का बजट मंजूर किया है। इसी बजट से कार्य किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि इसके अंतर्गत ऋषियों-मुनियों की तपस्‍थलियों और धार्मिक स्‍थलों श्रवण कुमार आश्रम, आस्तिक आश्रम, ऋषि च्यवन आश्रम, मेधा ऋषि आश्रम, श्री बन्धू बाबा आश्रम, महर्षि बामदेव आश्रम जैसे 84 कोसी परिक्रमा मार्ग पर बड़ी संख्‍या में धार्मिक स्‍थल का पुनरोद्धार किया जा रहा है।

पर्यटन विभाग की ओर से 6 स्थलों पर विश्राम गृह, पानी-बिजली, सड़क, खान पान कि दुकानें, स्तंभ, प्रवेश द्वार, साइनेजेस, सीटिंग इंटरप्रिटेशन वाॅल, शौचालय और यात्रियों की मूलभूत सुविधाएं उपलब्‍ध करवा कर इन्‍हें धार्मिक पर्यटन स्‍थल के रूप में विकसित किया जा रहा है।

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उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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