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प्रादेशिक

यूपी में गुजर चुका है कोरोना का पीक, विशेषज्ञों ने किया दावा

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में लगातार सामने आ रहे कोरोना वायरस के मामलों के बीच एक राहत की खबर सामने आई है। महामारी की स्थिति की निगरानी करने वाले सरकारी अधिकारी और विशेषज्ञों का दावा है कि राज्य में कोरोना की दूसरी लहर की पीक आ चुकी है। बता दें कि राज्य में बीते दिन 28,076 नए केस सामने आए थे। हालांकि मौत का आंकड़ा अभी भी कम होता नहीं दिख रहा है।

चिकित्सा शिक्षा के प्रमुख सचिव आलोक कुमार-2 ने कहा, ‘पिछले 24 घंटों में दर्ज किए गए नए मामलों की संख्या 28,076 है जो कि पीक 38,055 से लगभग 10,000 कम है।’ उन्होंने कहा कि सक्रिय मामलों की संख्या भी 2.5 लाख हो गई है। कुमार ने कहा, ‘सक्रिय मामलों का पीक 3.1 लाख था।’

गुजरात

गुजरात में अल्प्राजोलम बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़, 107 करोड़ रु की प्रतिबंधित दवा के साथ छह लोग गिरफ्तार

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आणंद। गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने आणंद जिले में अल्प्राजोलम नाम का पदार्थ बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है. एटीएस टीम ने इस दौरान मौके से 107 करोड़ रुपये की प्रतिबंधित दवा के साथ छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस पूरे मामले को लेकर आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.

एजेंसी के अनुसार, एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि आरोपियों ने खंभात शहर के पास एक फैक्ट्री किराए पर ली थी. यहां नींद की गोलियों में इस्तेमाल होने वाले पदार्थ अल्प्राजोलम का निर्माण कर रहे थे. सहायक पुलिस आयुक्त (एटीएस) हर्ष उपाध्याय ने बताया कि अल्प्राजोलम एक पदार्थ है.

अल्प्राजोलम के दुरुपयोग के कारण यह नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के दायरे में आता है. उन्होंने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर एटीएस ने गुरुवार की शाम फैक्ट्री पर छापा मारा. इस दौरान 107 करोड़ रुपये की कीमत का 107 किलोग्राम अल्प्राजोलम पदार्थ मिला. इसी के साथ छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

अल्प्राजोलम को तैयार करने के लिए केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (सीबीएन) लाइसेंस जारी करता है. यह दवा भी एनडीपीएस अधिनियम के दायरे में आती है. छापेमारी के समय आरोपियों से जब लाइसेंस मांगा गया तो उनके पास कोई लाइसेंस नहीं था. इस दौरान पांच आरोपी यूनिट का संचालन कर रहे थे, जबकि छठा व्यक्ति रिसीवर था. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि पांचों आरोपियों ने साइकोट्रोपिक पदार्थ बनाने के लिए फैक्ट्री किराए पर ली थी.

 

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