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प्रादेशिक

योगी सरकार का लक्ष्य, 2026 तक उत्तर प्रदेश होगा फाइलेरिया मुक्त

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लखनऊ| योगी सरकार पूर्वांचल में जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) और एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) जैसी खतरनाक बीमारियों को नियंत्रित करने के बाद अब फाइलेरिया के उन्मूलन में जुट गई है। योगी सरकार के निर्देश पर सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान के तहत प्रदेश के विभिन्न जिलों में लोगों के घर-घर जाकर फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मॉनीटरिंग का ही असर है कि अभियान के शुरुआती चार दिनों में ही करीब 20 प्रतिशत लोगों ने दवा का सेवन कर लिया है। यह अभियान 28 फरवरी तक चलेगा। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य टीम से अपील की है कि लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रदेशवासियों को सिर्फ दवा न खिलाएं बल्कि जागरूक भी करें।

सीएम योगी के प्रयास से कई गंभीर बीमारियों से उबरा प्रदेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की सत्ता संभालते ही कई गंभीर बीमारियों के खात्मे के लिए जंग छेड़ दी थी। यही वजह है कि पिछली सरकारों में कई गंभीर बीमारियों से प्रभावित उत्तर प्रदेश आज उनसे मुक्त हो गया है। इसी क्रम में अब योगी सरकार ने वर्ष 2026 तक प्रदेश को फाइलेरिया मुक्त करने का लक्ष्य रखा है जबकि केंद्र सरकार का फोकस इस बीमारी को वर्ष 2027 तक समाप्त करने का है। वहीं विभिन्न देशों में इस बीमारी को समाप्त करने का लक्ष्य वर्ष 2030 तय किया गया है। योगी सरकार का यह निर्णय बीमारी के खात्मे की गंभीरता को दर्शाता है। उनके यह प्रयास धरातल पर भी दिख रहे हैं। ऐसे में जहां एक ओर घर-घर जाकर फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई जा रही है। वहीं दूसरी ओर चिन्हित मरीजों को रुग्णता प्रबंधन और दिव्यांगता रोकथाम (एमएमडीपी) का प्रशिक्षण व किट दी जा रही है। वहीं हल्के संक्रमण वाले मरीज नियमित दवा और व्यायाम से लगातार स्वस्थ हो रहे हैं।

दवा खाने पर सिर और शरीर में दर्द, बुखार हो तो न हों परेशान

प्रदेश के विभिन्न जिलों के लोग फाइलेरिया रोधी दवा खाने के साथ इस बीमारी के प्रति अपनी जानकारी भी बढ़ा रहे हैं। अमेठी, आजमगढ़, बलिया या बाराबंकी में कई स्थानों पर लोग दवा के प्रतिकूल प्रभाव के बारे में जानने के लिए काफी उत्साह दिखाया। यह भी जानना चाहा कि दवा खाने के बाद सिर दर्द या चक्कर कैसे, कितना और क्यों आता है। अगर दवा खाली पेट खा लें तो क्या दवा बेसर रहेगी? स्वास्थ्य टीम लोगों को बता रही है कि फाइलेरिया रोधी दवा पूर्ण रूप से सुरक्षित है। वहीं कभी-कभी दवा का सेवन करने के बाद सिर और शरीर में दर्द, बुखार, उल्टी तथा बदन पर चकत्ते एवं खुजली देखने को मिलती है, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। यह लक्षण आमतौर पर स्वतः ठीक हो जाते हैं। यह दवा खाली पेट नहीं खानी है। कुछ खाकर ही फाइलेरिया रोधी दवा खाएं। वहीं लखनऊ, उन्नाव, शाहजहांपुर, बरेली और हमीरपुर में कुछ लोग पहले तो दवा सेवन के लिए मना कर रह थे, लेकिन स्वास्थ्य टीम की ओर से जानकारी मिलने के बाद स्वतः दवा सेवन के लिए आगे आए। गांवों में स्वास्थ्य टीम लोगों के घरों की कुण्डी खटका- खटका कर दवा के प्रति जागरूक करते हुए दवा सेवन करा रही है। साथ ही फाइलेरिया पेशेंट नेटवर्क के सदस्य लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन करने के लिए जागरूक कर रहे हैं।

चार दिन में 20 प्रतिशत लोगों ने खा ली फाइलेरिया रोधी दवा

फाइलेरिया के राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. रमेश सिंह ठाकुर ने बताया कि एमडीए अभियान में कुल 3,60,25,891 लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके सापेक्ष सिर्फ चार दिन में ही 66 लाख 14 हजार 589 यानि करीब 20 प्रतिशत लोगों ने फाइलेरिया रोधी दवा खा ली है। फाइलेरिया यानि हाथीपांव एक लाइलाज बीमारी है। इस संक्रमण में लसीका तंत्र पूरी तरह प्रभावित हो जाता है। लसीका तंत्र वाहिकाओं, अंगों और विशेष कोशिकाओं का एक नेटवर्क होता है। इसके लक्षण आने में 10-15 वर्ष लग जाते हैं। इसे छुपायें नहीं। आयुष्मान आरोग्य मंदिर या सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर संपर्क करें और योगी सरकार की योजनाओं का लाभ उठाएं। बता दें कि प्रदेश में 51 फाइलेरिया प्रभावित जिले हैं। वर्तमान में इसमें से 17 जनपदों में यह अभियान चलाया जा रहा है।

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उत्तर प्रदेश

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कार्यकर्ताओं से की अपील, मिल्कीपुर उपचुनाव जीतना है जरुरी

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी (SP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे मिल्कीपुर उपचुनाव में पार्टी की जीत सुनिश्चित करें, क्योंकि उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए जरूरी बताया। लखनऊ में सपा के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित एक बैठक में अखिलेश यादव ने फैजाबाद, अयोध्या और मिल्कीपुर क्षेत्र के नेताओं और कार्यकर्ताओं से संवाद करते हुए यह बात कही।

अखिलेश यादव ने कहा, “मिल्कीपुर उपचुनाव में हमें जरूर जीतना है। लोकतंत्र के लिए यह आवश्यक है। सत्तारूढ़ बीजेपी को उपचुनाव में अपनी मनमानी नहीं करने दी जाएगी।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह चुनाव केवल सपा के लिए नहीं, बल्कि प्रदेश और देश के लोकतंत्र के भविष्य के लिए अहम है।

मिल्कीपुर सीट पर 5 फरवरी को उपचुनाव

यह उपचुनाव अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हो रहा है, जो 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा के वरिष्ठ नेता अवधेश प्रसाद के फैजाबाद (अयोध्या) संसदीय सीट से निर्वाचित होने के बाद खाली हुई है। 2022 में अवधेश प्रसाद ने मिल्कीपुर विधानसभा सीट से सपा उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी। निर्वाचन आयोग ने मिल्कीपुर उपचुनाव के लिए मतदान की तारीख 5 फरवरी 2025 तय की है।

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