प्रादेशिक
मप्र: 19 नगरीय निकायों की मतगणना पूरी, 10 में भाजपा व सात में कांग्रेस की जीत
भोपाल। मध्यप्रदेश के 19 नगरीय निकायों की मतगणना पूरी कर ली गई है। बीजेपी ने 10 जबकि कांग्रेस ने सात निकायों में जीत हासिल की। दो नगरीय निकायों में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं है। नगरीय निकाय के 343 वॉर्डों में से भाजपा ने 183 वॉर्डों में भाजपा और 143 वॉर्डों में कांग्रेस ने जीत हासिल की।
राघौगढ़-विजयपुर नगर पालिका परिषद के चुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गए थे। दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह के विधानसभा क्षेत्र में आने वाली इस सीट पर कांग्रेस ने एकतरफा जीत हासिल की। हालांकि, भाजपा ने आठ सीटें जीतकर अच्छा संघर्ष किया।
अनूपपुर जिले में नगर परिषद जैतहरी और बड़वानी जिले के पलसूद नगर परिषद में कोई भी पार्टी स्पष्ट बहुमत हासिल नहीं कर सकी।
जैतहरी में 15 में से सात सीटें जीतकर भाजपा बड़ी पार्टी बनकर उभरी। यहां कांग्रेस ने छह और अन्य ने दो सीटें जीती।
इसी तरह पलसूद नगर परिषद में कांग्रेस ने सात सीटें जीती, जबकि भाजपा और अन्य के खाते में 4-4 सीटें गई हैं।
धार जिले के मनावर में भाजपा के नौ और कांग्रेस के छह पार्षद जीते। कुक्षी, धरमपुरी, सरदापुर, राजगढ़, धामनोद, पीथमपुर में कांग्रेस की परिषद बनी।
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सीएम मोहन यादव सुरक्षा काफिले के लिए कुशल ड्राइवरों की तलाश जारी
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के सुरक्षा काफिले के लिए कुशल ड्राइवरों की तलाश जारी है। क्योंकि मौजूदा ड्राइवरों की कमी हो गई है, इसलिए पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों (एसपी) को अनुभवी ड्राइवरों की जानकारी भेजने का आदेश दिया है।
ड्राइवर में हो ये क्वालिटी
ये ड्राइवर मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात गाड़ियों को चलाएंगे, जिनमें हमेशा वीवीआईपी और उनके स्टाफ मौजूद रहते हैं। चयनित ड्राइवरों की उम्र 45 साल या उससे कम होनी चाहिए, उन्हें डीएंडएम कोर्स किया होना ज़रूरी है, और ड्राइविंग का अच्छा अनुभव भी होना चाहिए। इसके अलावा उम्मीदवारों को वाहन चलाने का काफी अनुभव होना चाहिए। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि चयनित ड्राइवर को पहले किसी बड़ी सजा न मिली हो।
गाड़ी पर हो अच्छा नियंत्रण
मुख्यमंत्री की सुरक्षा एक अहम ज़िम्मेदारी है। हालांकि, मुख्यमंत्री के सुरक्षा काफिले में कुशल ड्राइवरों की कमी के कारण, पुलिस मुख्यालय पूरे प्रदेश में ड्राइवरों की तलाश कर रहा है। सभी एसपी को पत्र लिखकर योग्य ड्राइवरों की जानकारी भेजने को कहा गया है। किसी भी मुख्यमंत्री के काफिले के लिए हमेशा ऐसे ड्राइवर चुने जाते हैं जिनका गाड़ियों पर अच्छा नियंत्रण हो। क्योंकि मुख्यमंत्री के लगातार बदलते कार्यक्रम के चलते उनका काफिला अक्सर तेज गति से चलता है। इसलिए ड्राइवर का कुशल और अनुभवी होना बेहद जरूरी है। मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनाती से पहले, ड्राइवर का वाहन चलाने का परीक्षण भी लिया जाएगा। यह परीक्षण उनकी ड्राइविंग कौशल और सुरक्षा प्रोटोकॉल के पालन की क्षमता का आकलन करने के लिए होगा। इसके बाद सुनिश्चित किया जाएगा कि उसे चुना जाना चाहिए या नहीं।
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