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कांग्रेस से ‘आज़ाद’ गुलाम नबी ने किया नई पार्टी का एलान, स्पष्ट कर दिया एजेंडा

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कांग्रेस से ‘आज़ाद’ गुलाम नबी

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जम्मू। कांग्रेस को पिछले महीने अलविदा कहने वाले जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने नई पार्टी का एलान कर दिया है। उनकी पार्टी का नाम ‘डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी’ है। जम्मू में प्रेसवार्ता कर उन्होंने नाम की घोषणा की। आजाद ने पिछले महीने कांग्रेस से अपना पांच दशक से अधिक पुराना नाता तोड़ दिया था। वे तीन दिवसीय दौरे पर रविवार को जम्मू आए हैं।

उन्होंने कहा कि पार्टी की विचारधारा उनके नाम की तरह होगी और इसमें सभी धर्मनिरपेक्ष लोग शामिल हो सकते हैं। वह पार्टी का एजेंडा भी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं। इसमें जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करना, भूमि व नौकरियों के अधिकार स्थानीय लोगों के लिए सुरक्षित करने के लिए संघर्ष जारी रखना आदि शामिल है।

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गुलाम नबी आजाद ने 1973 में डोडा जिले के भलेसा ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के सचिव के रूप में राजनीति की शुरुआत की थी। इसके बाद उनकी सक्रियता और शैली को देखते हुए कांग्रेस ने उन्हें युवा कांग्रेस का अध्यक्ष चुना।

उन्होंने महाराष्ट्र से 1980 में पहला संसदीय चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। 1982 में उन्हें केंद्रीय मंत्री के रूप में कैबिनेट में शामिल किया गया। डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली दूसरी यूपीए सरकार में आजाद ने देश के स्वास्थ्य मंत्री का पद संभाला था।

इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन का विस्तार किया। साथ ही झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले शहरी गरीबों की सेवा के लिए एक राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन भी शुरू किया। नरसिंह राव की सरकार में आजाद संसदीय कार्य और नागरिक उड्डयन मंत्री भी रहे।

2005 में बने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री

गुलाम नबी आजाद ने 2005 में बतौर मुख्यमंत्री जम्मू-कश्मीर की सेवा की। 2008 में अमरनाथ भूमि आंदोलन के चलते उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

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उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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