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मनोरंजन

OTT प्लेटफॉर्म पर कोटपा कानून लागू, तंबाकू से जुड़ी चेतावनी दिखाना अनिवार्य

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COTPA law implemented on OTT platform

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नई दिल्ली। ओवर-दी-टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म पर कोटपा कानून शुक्रवार से लागू हो गया। अब उन्हें भी सिनेमा हॉल की तरह वेबसीरीज और फिल्मों में तंबाकू से जुड़ी चेतावनियों का प्रसारण करना होगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने 31 मई को अधिसूचना जारी कर रहा था कि एक सितंबर से यह बदलाव अमल में आएंगे। ओटीटी प्लेटफॉर्म्स द्वारा तंबाकू को बढ़ावा देने का मुद्दा सबसे पहले जागरण प्राइम ने उठाया था।

ओटीटी पर चेतावनी दिखाना अनिवार्य

स्वास्थ्य मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक, ओटीटी प्लेटफॉर्म कार्यक्रम की शुरुआत और मध्य में कम से कम 30 सेकंड की अवधि के तंबाकूरोधी जागरूकता वाले वीडियो प्रदर्शित करेंगे। कार्यक्रम के दौरान तंबाकू उत्पादों या उनके उपभोग के दृश्य आने पर “तंबाकू से कैंसर होता है” या “तंबाकू जानलेवा है” डिस्क्लेमर दिखाना होगा।

कार्यक्रम की शुरुआत और मध्य में तंबाकू के प्रयोग के कुप्रभावों पर न्यूनतम 20 सेकंड की अवधि का एक ऑडियो-विजुअल प्रसारित करना होगा। ये नियम सिगरेट या अन्य तम्बाकू उत्पादों के ब्रांड के प्रदर्शन या किसी भी प्रकार के तम्बाकू उत्पाद प्लेसमेंट और तम्बाकू उत्पादों के प्रदर्शन या प्रचार पर भी प्रतिबंध लगाते हैं।

आदेश का पालन नहीं होने पर होगी कार्रवाई

अधिसूचना में कहा गया था कि यदि ओटीटी प्लेटफॉर्म इन नियमों का पालन नहीं करते हैं तो स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रतिनिधियों वाली एक अंतर-मंत्रालयी समिति, स्वत: प्रेरणा से या किसी शिकायत पर कार्रवाई करेगी।

इस बीच, खबर है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स नियमों को लागू करने के लिए सरकार से तीन महीनों की अतिरिक्त मोहलत मांग रहे हैं। इस पर सरकार जल्द ही फैसला ले सकती है।

मनोरंजन

फिल्म निर्माता और निर्देशक राम गोपाल वर्मा को 3 महीने की सजा, जानिए क्या है पूरा मामला

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मुंबई। फिल्म निर्माता और निर्देशक राम गोपाल वर्मा को सात साल पुराने एक मामले में दोषी ठहराया गया है और 3 महीने जेल की सजा सुनाई गई है। मुंबई की अंधेरी मजिस्ट्रेट कोर्ट ने फिल्म डायरेक्टर और प्रोड्यूसर राम गोपाल वर्मा को 3 महीने के कारावास की सजा सुनाई है। सुनवाई के दौरान हाजिर न होने की वजह से चेक बाउंस केस में कोर्ट ने रामगोपाल वर्मा के खिलाफ नॉन वारेंट इश्यू किया है। कोर्ट का ये फैसला उनके नए प्रोजेक्ट ‘सिंडिकेट’ की घोषणा के पहले आया है।

7 साल पुराने मामले में राम गोपाल वर्मा को सजा

राम गोपाल वर्मा मंगलवार को लगभग सात साल पुराने केस में सुनवाई के दौरान कोर्ट में हाजिर नहीं थे। कोर्ट ने सेक्शन 138 के तहत राम गोपाल वर्मा को आरोपी माना और इस मामले में शिकायतकर्ता को राम गोपाल की तरफ से 3.72 लाख मुआवजा देने का भी निर्देश दिया है।

राम गोपाल वर्मा की सफल फिल्में

2018 में फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा की कंपनी के खिलाफ मामला दायर किया गया था। राम गोपाल वर्मा कुछ सालों से वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं, क्योंकि उनकी फिल्में भी कुछ खास परफॉर्म नहीं कर पा रही हैं। इसके अलावा, उन्हें COVID-19 महामारी के दौरान अपना ऑफिस भी बेचना पड़ा था। इस मामले में, फिल्म निर्माता को व्यक्तिगत पहचान बॉन्ड भरने और 5,000 रुपये की नकद जमानत राशि का भुगतान करने के बाद जून 2022 में जमानत पर रिहा कर दिया गया था। राम गोपाल वर्मा सत्या, रंगीला , सरकार और कंपनी जैसी सफल फिल्मों के लिए जाने जाते हैं।

मंगलवार को राम गोपाल वर्मा को सजा सुनाते हुए मजिस्ट्रेट वाईपी पुजारी ने कहा, “आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 428 के तहत सेट-ऑफ का कोई सवाल ही नहीं है क्योंकि आरोपी ने मुकदमे के दौरान हिरासत में कोई अवधि नहीं बिताई है।

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