उत्तराखंड
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के जश्न के इंतजार में योग की जननी देवभूमि उत्तराखंड
पूरे विश्व में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा। चौथे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह (आईडीवाई-2018) का मुख्य कार्यक्रम 21 जून को उत्तराखंड के देहरादून के एफ.आर.आई में किया जाएगा। इस कार्यक्रम के अगुआ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी होंगे।
देवभूमि उत्तराखंड को इंतजार है 21 जून को मनाए जाने वाले जश्न का। उत्तराखंड देवभूमि पुकारी जाती है। उत्तराखंड प्राचीन काल से, भगवान और संतों की भूमि थी। उत्तराखंड वह भूमि जहां उत्कृष्ट कलाएं, योग और ध्यान ने मनुष्य के जीवन को एक नई राह बताई है। यह वेद व्यास और राबिया ऋषि जैसे पौराणिक संतों का घर रहा है। योग का जन्म इसी देवभूमि में हुआ था।
21 जून को चौथे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के सामूहिक योग प्रदर्शन (मुख्य कार्यक्रम) के स्थल के रूप में देहरादून (उत्तराखंड) का चयन किया गया है।
आयुष मंत्रालय में सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने बताया कि 21 जून को चौथे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के राष्ट्रीय आयोजन के लिए देहरादून में तीन स्थलों का चयन किया गया है, जिनमें जीटीसी ग्राउंड्स, महाराणा प्रताप कॉलेज ऑफ फिजिकल एजुकेशन और एफआरआई ग्राउंड्स शामिल हैं। और एफआरआई ग्राउंड्स को फाइनल किया गया है।
उत्तराखंड सरकार पूरे जोर शोर के साथ इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए लगी हुई है। उत्तराखंड मुख्यमंत्री अपनी सरकार के अफसरों के साथ कार्यक्रम के एक छोटे—छोटे हिस्से पर बारीक नजर बनाए हुए हैं। सिर्फ एक दिन बचा है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम की मंगलवार 19 जून को एफ.आर.आई में रिहर्सल की गई। योग दिवस पर प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार ही सुबह 7 बजे से 7ः45 बजे तक योग साधकों ने सामान्य योग प्रोटोकॉल का अभ्यास कराया।
45 मिनट तक चले योगाभ्यास में सैंकड़ों साधकों ने ग्रीवाचालन, स्कन्ध संचालन, कटि चालन, घुटना संचालन, ताड़ासन, वृक्षासन, पादहस्तासन, अर्धचक्रासन, त्रिकोणासन, भद्रासन, वज्रासन, अर्ध उष्ट्रासन, उष्ट्रासन, शशकासन, उत्तानमंडूकासन, वक्रासन, मकरासन, भुजंगासन, शलभासन, सेतुबंधासन, उत्तानपाद आसन, अर्धहलासन, पवनमुक्तासन, शवासन, कपालभाति, अनुलोम-विलोम, शीतली प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम व ध्यान का अभ्यास किया गया।
उत्तराखंड
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे के निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डाट काली मंदिर देहरादून में दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे के निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने एक्सप्रेस वे के निर्माण में इस्तेमाल हो रही आधुनिक तकनीकों और पर्यावरणीय सुरक्षा उपायों के बारे में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे का कार्य अन्तिम चरण में हैं।
उन्होंने कहा कि इस एक्सप्रेस वे के पूर्ण होने पर देहरादून से दिल्ली का सफर मात्र दो से ढ़ाई घण्टे में पूर्ण हो जायेगा। इससे जहां लोगों का आवागमन सरल होगा। चारधाम यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को और सुगमता होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की आर्थिकी को बढ़ाने, पयर्टन और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भी यह प्रोजेक्ट सहायक सिद्ध होगा।
इस प्रोजेक्ट में इकोलॉजी और इकोनॉमी का समन्वय करते हुए एशिया का सबसे बड़ा वाइल्डलाइफ कॉरिडोर भी बनाया गया है, जो वन्यजीवों की सुरक्षा एवं उनकी आवाजाही को मुक्त और पूर्ण तरीके से सुरक्षित बनाएगा। वर्ष 2020 में केंद्र सरकार ने दिल्ली,यूपी और उत्तराखंड को जोड़ने वाले दिल्ली देहरादून एक्सप्रेसवे परियोजना को मंजूरी दी। जनवरी 2021 से इस पर काम शुरू हो गया। इस प्रोजेक्ट का सबसे अहम हिस्सा 12 किमी लंबा एलिवेटेड रोड है। जिसका निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।
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