आध्यात्म
सुबह उठते ही न देखें ये चीजें, पूरा दिन होगा ख़राब
नई दिल्ली। अगर आप भी चाहते हैं आपका पूरा दिन शुभ हो और आप चिंता-तनाव से मुक्त रहें तो सुबह उठने के बाद 1 घड़ी यानी (24 मिनट) तक कुछ ऐसी चीजें हैं जो नहीं देखनी चाहिए, वर्ना आपके बने बनाए काम बिगड़ने शुरू हो जाएंगे। बेवजह किसी से झगड़ा होगा या फिर धन की हानि होगी। आइये आज हम आपको बताते हैं कि वो कौन सी अशुभ चीजें हैं जो हमें सुबह उठने के बाद नहीं देखनी चाहिए।
यह भी पढ़ें
2023 में इन राशि वालों को मिलेगा भाग्य का साथ, देखें क्या आप भी हैं?
पश्चिम बंगाल में टीएमसी नेता के घर फटा देसी बम, तीन की मौत
आईना न देखें
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सुबह उठने के बाद सबसे पहले आईना देखना अशुभ माना गया है। इसीलिए वास्तु के अनुसार भी बेडरूम में आईना लगाने के लिए मना किया जाता है। सुबह आईना देखने से विचारों में नकारात्मकता बढ़ सकती है। अगर पलंग के सामने आईना लगा रखा है तो सोने से पहले उस पर परदा डाल देना चाहिए।
छाया देखने से बचें
सुबह उठकर छाया देखने से भी बचना चाहिए। दरअसल, खुद की या दूसरों की छाया देखने पर दुर्भाग्य बना रहता है। छाया देखने से तनाव, डर और कपन्फ्यूजन बढ़ता है। जिससे कामकाज बिगड़ते हैं। इसलिए ऐसा नहीं करना चाहिए।
जानवरों और उनके फोटो
सुबह उठकर जानवर और उनके फोटो भी नहीं देखने चाहिए। ऐसा करने से दिनभर विवाद और टेंशन बना रहता है।
सुबह उठने के बाद देखें शुभ चीजें
सबेरे उठने के बाद शुभ चीजें देखनी चाहिए। जैसे सुबह उठने के बाद सबसे पहले अपनी हथेलियां देखें। देवी-देवताओं की फोटो या सुंदर सकारात्मक फोटो देखनी चाहिए।
spritual news, spritual news latest, Do not see these things wake up in the morning,
डिसक्लेमर: उपरोक्त जानकारी के पूर्णतया सत्य होने का हमारा दावा नहीं है, संबंधित विशेषज्ञों से अवश्य सलाह लें.
आध्यात्म
महाकुम्भ 2025: बड़े हनुमान मंदिर में षोडशोपचार पूजा का है विशेष महत्व, पूरी होती है हर कामना
महाकुम्भनगर| प्रयागराज में संगम तट पर स्थित बड़े हनुमान मंदिर का कॉरिडोर बनकर तैयार हो गया है। यहां आने वाले करोड़ों श्रद्धालु यहां विभिन्न पूजा विधियों के माध्यम से हनुमान जी की अराधना करते हैं। इसी क्रम में यहां षोडशोपचार पूजा का भी विशेष महत्व है। षोडशोपचार पूजा करने वालों की हर कामना पूरी होती है, जबकि उनके सभी संकट भी टल जाते हैं। मंदिर के महंत और श्रीमठ बाघंबरी पीठाधीश्वर बलवीर गिरी जी महाराज ने इस पूजा विधि के विषय में संक्षेप में जानकारी दी और यह भी खुलासा किया कि हाल ही में प्रयागराज दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी मंदिर में षोडशोपचार विधि से पूजा कराई गई। उन्हें हनुमान जी के गले में पड़ा विशिष्ट गौरीशंकर रुद्राक्ष भी भेंट किया गया। उन्होंने भव्य और दिव्य महाकुम्भ के आयोजन के लिए पीएम मोदी और सीएम योगी का आभार भी जताया।
16 पदार्थों से ईष्ट की कराई गई पूजा
लेटे हनुमान मंदिर के महंत एवं श्रीमठ बाघंबरी पीठाधीश्वर बलवीर गिरी जी महाराज ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक यजमान की तरह महाकुम्भ से पहले विशेष पूजन किया। प्रधानमंत्री का समय बहुत महत्वपूर्ण था, लेकिन कम समय में भी उनको षोडशोपचार की पूजा कराई गई। पीएम ने हनुमान जी को कुमकुम, रोली, चावल, अक्षत और सिंदूर अर्पित किया। यह बेहद विशिष्ट पूजा होती है, जिसमें 16 पदार्थों से ईष्ट की आराधना की। इस पूजा का विशेष महत्व है। इससे संकल्प सिद्धि होती है, पुण्य वृद्धि होती है, मंगलकामनाओं की पूर्ति होती और सुख, संपदा, वैभव मिलता है। हनुमान जी संकट मोचक कहे जाते हैं तो इस विधि से हनुमान जी का पूजन करना समस्त संकटों का हरण होता है। उन्होंने बताया कि पीएम को पूजा संपन्न होने के बाद बड़े हनुमान के गले का विशिष्ट रुद्राक्ष गौरीशंकर भी पहनाया गया। यह विशिष्ट रुद्राक्ष शिव और पार्वती का स्वरूप है, जो हनुमान जी के गले में सुशोभित होता है।
सभी को प्रेरित करने वाला है पीएम का आचरण
उन्होंने बताया कि पूजा के दौरान प्रधानमंत्री के चेहरे पर संतों का ओज नजर आ रहा था। सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि उनमें संतों के लिए विनय का भाव था। आमतौर पर लोग पूजा करने के बाद साधु संतों को धन्यवाद नहीं बोलते, लेकिन पीएम ने पूजा संपन्न होने के बाद पूरे विनय के साथ धन्यवाद कहा जो सभी को प्रेरित करने वाला है। उन्होंने बताया कि पीएम ने नवनिर्मित कॉरिडोर में श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर भी अपनी रुचि दिखाई और मंदिर प्रशासन से श्रद्धालुओं के आने और जाने के विषय में जानकारी ली। वह एक अभिभावक के रूप में नजर आए, जिन्हें संपूर्ण राष्ट्र की चिंता है।
जो सीएम योगी ने प्रयागराज के लिए किया, वो किसी ने नहीं किया
बलवीर गिरी महाराज ने सीएम योगी की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रयागराज और संगम के विषय में जितना सोचा, आज से पहले किसी ने नहीं सोचा। संत जीवन में बहुत से लोगों को बड़े-बड़े पदों पर पहुंचते देखा, लेकिन मुख्यमंत्री जी जैसा व्यक्तित्व कभी नहीं देखने को मिला। वो जब भी प्रयागराज आते हैं, मंदिर अवश्य आते हैं और यहां भी वह हमेशा यजमान की भूमिका में रहते हैं। हमारे लिए वह बड़े भ्राता की तरह है। हालांकि, उनकी भाव भंगिमाएं सिर्फ मंदिर या मठ के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए हैं। वो हमेशा यही पूछते हैं कि प्रयागराज कैसा चल रहा है। किसी मुख्यमंत्री में इस तरह के विचार होना किसी भी प्रांत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
स्वच्छता का भी दिया संदेश
उन्होंने महाकुम्भ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ को स्वच्छ महाकुम्भ बनाने का जिम्मा सिर्फ सरकार और प्रशासन का नहीं है, बल्कि श्रद्धालुओं का भी है। मेरी सभी तीर्थयात्रियों से एक ही अपील है कि महाकुम्भ के दौरान स्नान के बाद अपने कपड़े, पुष्प और पन्नियां नदियों में और न ही तीर्थस्थल में अर्पण न करें। प्रयाग और गंगा का नाम लेने से ही पाप कट जाते हैं। माघ मास में यहां एक कदम चलने से अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है। यहां करोड़ों तीर्थ समाहित हैं। इसकी पवित्रता के लिए अधिक से अधिक प्रयास करें। तीर्थ का सम्मान करेंगे तो तीर्थ भी आपको सम्मान प्रदान करेंगे। स्नान के समय प्रयाग की धरा करोड़ों लोगों को मुक्ति प्रदान करती है। यहां ज्ञानी को भी और अज्ञानी को भी एक बराबर फल मिलता है।
-
लाइफ स्टाइल1 day ago
यह डिटॉक्स ड्रिंक्स सर्दियों में रोकेगा वजन का बढ़ना, फैट को करेगा बर्न
-
नेशनल2 days ago
महाराष्ट्र के कल्याण शहर से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, दामाद और ससुर के बीच मक्का-मदीना और कश्मीर जाने को लेकर हुए विवाद
-
राजनीति3 days ago
AIMIM सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल पर जमकर साधा निशाना
-
राजनीति2 days ago
विपक्षी सांसदों के साथ धक्का – मुक्की, प्रताप सारंगी के सिर में लगी चोट
-
नेशनल3 days ago
दिल्ली में एक बार फिर लोगों की सांसों पर संकट, AQI 450 तक पहुंचा
-
नेशनल2 days ago
संसद में आज हुई धक्का – मुक्की की घटना पर आया, बीजेपी सांसद मनोज तिवारी का बयान
-
प्रादेशिक1 day ago
भोपाल के जंगल में लावारिस कार से मिला 10 करोड़ कैश और 42 करोड़ का सोना
-
मनोरंजन3 days ago
BIGG BOSS 18 : टाइम गॉड टास्क में सारा खान ने किया कारणवीर का मुँह काला