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प्रादेशिक

जीबीसी 4.0: पीएम मोदी ने किया प्रदर्शनी का शुभारंभ, विकास के रोडमैप की ली जानकारी

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लखनऊ| ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 4.0 के शुभारंभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां लगी प्रदर्शनी का अवलोकन किया और उत्तर प्रदेश में औद्योगिक समेत विभिन्न सेक्टर्स में जारी विकास की बड़ी परियोजनाओं की प्रगति की जानकारी ली। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आदि भी मौजूद रहे। पीएम ने ऑल्ट स्वानटेक्स के टेक्सटाइल्स पवेलियन में जाकर ऐपरल व लेदर टेक्निक्स से संबंधित स्लाइड्स देखी और चमड़ा व वस्रोद्योग क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के बढ़ते कदम की जानकारी ली। ईटीएच एआई सेंटर में देश व उत्तर प्रदेश में एआई के बढ़ते परिदृश्य के बारे में जानकारी ली। एआई के बड़े हब के रूप में उत्तर प्रदेश विकसित हो रहा है। ऐसे में लखनऊ में भी एआई सिटी की स्थापना प्रस्तावित है। प्रदर्शनी में रोबोटिक्स सेक्शन के स्टॉल भी लगे थे, जिसमें अडवांस इंडस्ट्रियल रोबोटिक्स आर्म तथा ड्राइड रोबोट की जानकारी लेने आमजन भी पहुंचे।

डिफेंस उपकरणों की रिप्लिका का हुआ प्रदर्शन

डिफेंस सेक्टर से संबंधित लगे पवेलियन में भी पीएम ने जानकारी ली। यहां पर डिफेंस उपकरणों की रिप्लिका आदि को भी प्रदर्शित किया गया था। डिफेंस सेक्टर का मुख्य आकर्षण एडवांस बुलेट प्रूफ मिलिट्री व्हीकल रहा। जिसके वर्किंग प्रोटोटाइप को प्रदर्शनी में शोकेस किया गया था। पर्यटन, स्वच्छ ऊर्जा आदि के बारे में उत्तर प्रदेश के बढ़ते कदम की जानकारी ली। श्रीराम मंदिर के थ्री डी रिप्लिका मॉडल और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के प्रवेश द्वार की प्रतिकृति आदि की आमजन ने भी तारीफ की। यूपी में हुए मोटो जीपी रेस में लगी पांच सुपर बाइक्स को भी प्रदर्शित किया गया था। जिसमें डुकाटी, ड्यूक, यामाहा, केटीएम आदि की सुपर बाइकें शामिल थीं।

एआई डेवलपमेंटर सेंटर स्थापित करेगा एचसीएल

एचसीएल सॉफ्टवेयर नोएडा के बिजनेस स्ट्रेटजी लीड मोहित शर्मा ने बताया कि यूपी सरकार लखनऊ व नोएडा में एआई डवलपमेंट सेंटर बनाएगी। यूपी के ग्रेनो के गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी में इसे बनाया जाएगा। कंपनी एआई सॉल्यूशन देगी। साथ ही एआई के जरिए कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि के प्रयोग के बारे में जागरूकता विकसित करेगी। शर्मा ने बताया कि यहां टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन बनाएंगे। एआई स्किलिंग प्रोग्राम ड्राइव करेंगे। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को भी एआई ट्रेनिंग देंगे।

26 फरवरी को होगा सीएम योगी के हाथों बड़ी एम्यूनिशन फैसिलिटी का उद्घाटन

उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर के अंतर्गत क्रियान्वित हुई परियोजनाओं में में खासतौर पर साउथ एशिया के सबसे बड़े एम्यूनिशन फैसिलिटी के बारे में जानकारी देते हुए अडाणी डिफेंस व एरोस्पेस के सीनियर मैनेजर, बिजनेस डपलपमेंट वरुण दुग्गल ने कहा कि 26 फरवरी को सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा इसका उद्घाटन होगा। इस फैसिलिटी में 400 राउंड प्रति मिनट (छोटा कैलिबर) की एम्यूनिशन का उत्पादन हो सकेगा। यह अपने आप में एक ऐसा विशिष्ट प्लांट होगा, जिसका 100 एकड़ में प्रसार है। यहां बड़े स्तर पर एम्यूनिशन प्रोडक्शन फैसिलिटी का संचालन सुनिश्चित होगा तथा मीडियम व लार्ज कैलिबर राउंड्स का भी यहां बड़े स्तर पर प्रोडक्शन का मार्ग प्रशस्त होगा। यह संयंत्र पूरी तरह ग्रीन एनर्जी बेस्ड होगा। यहां सोलर पैनल व प्लांट्स के जरिए ऊर्जा उत्पादन होगा, जिससे यह संयंत्र कार्य करेगा।

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उत्तर प्रदेश

गरीब बच्चों को बड़े स्कूलों में प्रवेश दिला रही योगी सरकार, प्रथम चरण में 1.32 लाख से अधिक आवेदन आए

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लखनऊ |  उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व सुधार की दिशा में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। सरकार के ‘मिशन शिक्षा’ के तहत, गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवसर प्रदान करने के लिए शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम के तहत महत्वपूर्ण प्रयास किए गए हैं। इसका परिणाम यह है कि आवेदन प्रक्रिया के प्रथम चरण (01 दिसंबर से 19 दिसंबर) के दौरान 1.32 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं।

ज्ञातव्य हो कि योगी सरकार इस वर्ष यह प्रयास कर रही है कि किसी भी गरीब बच्चे की पढ़ाई में एक दिन भी देरी न हो और उसे समय से स्कूल में प्रवेश दिलाकर अप्रैल के पहले दिन से ही उसकी नियमित पढ़ाई शुरू करा दी जाए। इस प्रथम चरण में वंचित और अलाभित परिवारों के अभिभावकों ने उत्साहपूर्वक आवेदन किया है, जिनमें सर्वाधिक आवेदन वाराणसी (10,278), लखनऊ (8,714) और कानपुर नगर (8,276) से प्राप्त हुए हैं। अब सरकार ने इन आवेदनों के सत्यापन कार्य में तेजी लाकर बच्चों को उनके अधिकार शीघ्र प्रदान करने की प्रक्रिया को सुनिश्चित किया है। योगी सरकार के इस ऐतिहासिक कदम से उत्तर प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र में एक नई उम्मीद और परिवर्तन की लहर दौड़ रही है, जिससे हर बच्चे के लिए शिक्षा का दरवाजा खुल रहा है।

19 दिसंबर तक आये सर्वाधिक आवेदन की स्थिति

सभी जिलों से प्राप्त हुए कुल 1,32,446 आवेदनों में जिन जिलों से सर्वाधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, उनमें शीर्ष पर वाराणसी (10,278) है, जबकि दूसरे स्थान पर लखनऊ (8,714) है। इसी प्रकार तीसरे स्थान पर कानपुर नगर (8,276), चौथे स्थान पर अलीगढ़ (4,880) और पांचवें स्थान पर आगरा (4,626) ने अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है।

सरकार ने दिये हैं निर्देश

इसके साथ ही बीईओ और बीएसए स्तर पर लंबित आवेदनों को लेकर सरकार ने जिलों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रक्रिया को शीघ्र पूरा कर बच्चों के अधिकार सुनिश्चित किए जाएं। सरकार ने अधिकारियों से कहा है कि 23 दिसंबर को पोर्टल स्वतः बंद हो जाएगा, इसलिए अधिकारी 22 दिसंबर तक सर्वोच्च प्राथमिकता पर आरटीई आवेदन सत्यापन को रखते हुए आवेदनों का सत्यापन कार्य पूर्ण करें।

चार चरणों में दिया जा रहा मौका

बच्चों का समय पर नामांकन सुनिश्चित करने के लिए सत्र 2025-26 के लिए 4 चरणों में आवेदन प्रक्रिया का निर्धारण किया गया है, जो क्रमशः 1 दिसंबर, 1 जनवरी, 1 फरवरी और 1 मार्च से उस महीने की 19 तारीख तक चलाई जा रही है। पहले चरण में आवेदनों की संख्या आने के बाद उनके सत्यापन का कार्य गतिशील है, जबकि शेष चरणों में आने वाले प्रार्थना पत्रों के बाद निर्धारित समय से सत्यापन कार्य शुरू कर दिए जाएंगे।

पिछले सत्रों में यह रही स्थिति

शैक्षिक सत्र 2022-23 में 71,214 बच्चों के मुकाबले सत्र 2024-25 में इस योजना के अंतर्गत 1,14,196 बच्चों का प्रवेश गैर सहायतित मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में कराया गया था, जो कि एक बड़ा उछाल था। इसके अतिरिक्त, सत्र 2024-25 तक राज्य भर के 5 लाख से अधिक बच्चे निजी विद्यालयों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। बता दें कि इन दो वित्तीय वर्षों में योगी सरकार ने 436 करोड़ रुपये की फीस प्रतिपूर्ति का भुगतान किया था और विद्यालयों को गरीब बच्चों को बिना किसी बाधा के प्रवेश देने में सहायता मिली थी।

सरकार का प्रयास-बच्चों के प्रवेश में न हो देरीः संदीप सिंह

योगी सरकार के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने बताया कि आरटीई के तहत प्रत्येक चरण के लिए लॉटरी और नामांकन की तारीखें तय हैं। जिला प्रशासन भी सहयोग कर रहा है, जिससे आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र जैसे आवश्यक दस्तावेजों की सुविधा प्रदान कर नामांकन प्रक्रिया को सरल बनाया जा रहा है। सरकार का प्रयास है कि किसी भी बच्चे के प्रवेश में देरी न हो और वह समय से अपनी नियमित पढ़ाई शुरू कर सके। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे बच्चों के नामांकन के लिए आवश्यक दस्तावेजों को समय से तैयार करा लें और आवेदन प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लें। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे, सभी अभिभावक इस अवसर का पूरा लाभ उठाएं और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलवाने में सरकार का सहयोग करें।

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