उत्तर प्रदेश
प्रयागराज महाकुम्भ में संयम, साधना और तप की त्रिवेणी का साक्षी बनेगा कल्पवास
महाकुम्भ नगर। प्रयागराज के संगम तट में लगे आस्था के सबसे बड़े धार्मिक और सांस्कृतिक समागम में तप, साधना और संयम की त्रिवेणी प्रवाहित हो रही है। भक्ति और अध्यात्म की यह त्रिधारा है कल्पवास जिसकी शुरुआत पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ होगी । प्रदेश की योगी सरकार ने महाकुम्भ में कल्पवासियों के लिए भी विशेष इंतजाम किए हैं।
महाकुंभ में 7 लाख से अधिक कल्पवासियों से गुलजार होंगे गंगा के तट
महाकुम्भ अध्यात्म और संस्कृति का दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन है। यहां ज्ञान, भक्ति और साधना के विविध रंग दिखते हैं। महाकुम्भ में अखाड़ों के वैभव के अतिरिक्त यहां कल्पवासियों की जप, तप और संयम की त्रिवेणी भी प्रवाहित होती है। पौष पूर्णिमा से पूरे एक महीने तक गंगा और यमुना की रेत पर तंबुओं के शिविर बनाकर ठिठुरती ठंड में साधना करने वाले कल्पवासियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। एडीएम महाकुम्भ विवेक चतुर्वेदी बताते हैं कि इस बार लगभग सात लाख कल्पवासियों के लिए प्रशासन ने व्यवस्था की है। कल्पवासी की उम्र और अवस्था को देखते हुए इन्हें बसाया जा रहा है। मेला के विभिन्न सेक्टर्स में लगभग 900 बीघे में इन्हें बसाया जा रहा है। मेला क्षेत्र में मूल रूप से कल्पवास करने वाले इन श्रद्धालुओं को गंगा के तटों के पास ही तंबुओं की व्यवस्था की गई थी, ताकि सुबह प्रतिदिन इन्हें गंगा स्नान के लिए दूर तक न चलना पड़े।
कल्पवासियों के शिविर में स्वच्छता पर प्राथमिकता
योगी सरकार प्रयागराज महाकुम्भ को दिव्य ,भव्य और स्वच्छ स्वरूप प्रदान किया जा रहा है। इसके लिए संपूर्ण मेला क्षेत्र में स्वच्छता के विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। एसडीएम मेला अभिनव पाठक के मुताबिक विभिन्न सेक्टर में बस रहे कल्पवासियों के शिविर में भी स्वच्छता को प्राथमिकता दी जा रही है। कल्पवासियों के शिविर में कलर कोडेड डस्टबिन रखे जाएंगे। सूखे कूड़े के लिए अलग और गीले कूड़े के लिए अलग डस्टबिन होंगे। गंगा किनारे किसी तरह का कूड़ा जमा न हो पाए, इसलिए वहां भी डस्टबिन रखे जायेगें। कल्पवासियों से भी अपील की जाएगी कि वह सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल शिविर में न करे। इसके लिए सभी शिविरों के बाहर पोस्टर भी लगाए जाएंगे।
कल्पवासियों के शिविरों में अलाव की व्यवस्था
माघ के जिस महीने में ये कल्पवासी गंगा के तट पर कल्पवास करते हैं, वह समय कड़ाके की ठंड का होता है। बुजुर्ग कल्पवासियों के लिए शीत लहरी से बचाव हो इसके लिए भी प्रशासन कई कदम उठा रहा है। अभिनव पाठक बताते हैं कि प्रशासन कल्पवासियों के शिविर के बाहर अलाव जलाने की व्यवस्था करेगा ताकि शीत लहरी से कल्पवासियों का बचाव हो सके।
उत्तर प्रदेश
एससीआर की तर्ज पर प्रयागराज-चित्रकूट और वाराणसी के लिए बनेंगे दो नये डेवलपमेंट रीजन
महाकुम्भ नगर। प्रदेश के विकास को गति देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने महाकुम्भ में त्रिवेणी तट पर कैबिनेट बैठक करके विभिन्न महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी दी है। मंत्रिपरिषद की इस ऐतिहासिक बैठक में पूर्वी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों तक विकास को प्रशस्त करने के लिए स्वीकृत किये गये ‘मास्टर प्लान’ के अंतर्गत जहां स्टेट कैपिटल रीजन की तर्ज पर दो नए रीजन बनाए जाएंगे, वहीं दो नये लिंक एक्सप्रेसवे और गंगा और यमुना नदी पर दो बड़े पुलों का भी निर्माण किया जाएगा। इन महत्वपूर्ण फैसलों की जानकारी बुधवार को महाकुम्भ नगर में आयोजित कैबिनेट की बैठक के उपरांत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मीडिया को दी। इस अवसर पर प्रदेश के दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक सहित मंत्रीपरिषद् के सभी सदस्य मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 144 वर्ष के अंतराल पर प्रयागराज में महाकुम्भ के शुभ संयोग पर महाकुम्भ नगर में मंत्रीपरिषद् की अहम बैठक आयोजित की गई। इसमें विभिन्न महत्वपूर्ण प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई है। उन्होंने बताया कि कैबिनेट की बैठक में चित्रकूट, प्रयागराज, मीरजापुर, भदोही, वाराणसी, चंदौली और सोनभद्र में बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ बनाने और आर्थिक विकास को गति देने के लिए कई परियोजनाओं को मंजूरी दी गई।
प्रयागराज-चित्रकूट डेवलेपमेंट रीजन को मिली मंजूरी
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रयागराज-चित्रकूट डेवलेपमेंट रीजन को स्टेट कैपिटल रीजन (एससीआर) की तर्ज पर विकसित करने का प्रस्ताव स्वीकृत कर लिया गया है। यह क्षेत्र धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होगा और इससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।
वाराणसी-विंध्य डेवलपमेंट रीजन पर जोर
मुख्यमंत्री ने बताया कि बैठक में वाराणसी-विंध्य डेवलपमेंट रीजन के विकास को प्राथमिकता देते हुए प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इस क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन, सांस्कृतिक धरोहर और आर्थिक गतिविधियों का केंद्र बनाने के लिए विशेष योजनाओं पर काम किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये सभी परियोजनाएं प्रदेश की बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करेंगी और आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगी।
गंगा एक्सप्रेसवे का विस्तार
उन्होंने बताया कि गंगा एक्सप्रेसवे को प्रयागराज से मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी, चंदौली और गाजीपुर तक विस्तार दिया जाएगा। यह नया लिंक एक्सप्रेसवे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से भी जुड़ जाएगा, जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और सशक्त होगी। इसके अलावा वाराणसी, चंदौली और सोनभद्र को जोड़ने के लिए नया लिंक एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा। इन दोनों प्रोजेक्ट को ‘प्रयागराज-विंध्य-काशी एक्सप्रेसवे’ के रूप में विकसित किया जाएगा।
नए पुलों और ब्रिजों का निर्माण
सीएम योगी ने कहा कि यमुना नदी पर सिग्नेचर ब्रिज के समानांतर एक नए सिक्स लेन पुल के निर्माण के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है। इसके साथ ही सलोरी-हेतापट्टी-झूंसी के बीच फोर लेन ब्रिज की मंजूरी दी गई है, जो प्रयागराज को मीरजापुर, जौनपुर, वाराणसी, आजमगढ़ और गोरखपुर से जोड़ेगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया गया है। साथ ही रीवा नेशनल हाईवे से कनेक्टिविटी के लिए कार्य योजना को मंजूरी दी गई है।
कैबिनेट द्वारा स्वीकृत अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव
– उत्तरप्रदेश एयरोस्पेस तथा रक्षा इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2024 को मंजूरी
– भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 20 के अंतर्गत अभियोजन निदेशालय की स्थापना के सम्बंध में प्रस्ताव को मंजूरी
– प्रयागराज नगर निगम ,वाराणसी नगर निगम व आगरा नगर निगम हेतु म्युनिसिपल बांड निर्गत करने तथा अवस्थापना विकास निधि से क्रेडिट रेटिंग Enhancement के लिए धनराशि उपलब्ध कराए जाने पर अनुमोदन प्राप्त किये जाने के सम्बंध में मंजूरी
– टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड के सहयोग से प्रदेश के 62 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानो का उन्नयन व 5 सेंटर फॉर इनोवेशन, इंवेंनशन, इन्क्यूबेशन एंड ट्रेनिंग की स्थापना किये जाने के सम्बंध में प्रस्ताव को मंजूरी
– प्रदेश के असेवित जनपद हाथरस, बागपत व कासगंज में भारत सरकार की वायबिलिटी गैप फंडिंग के अंतर्गत पीपीपी मोड पर मेडिकल कॉलेज संचालित किये जाने हेतु सफल निविदादाता का चयन किये जाने के सम्बंध में प्रस्ताव को मंजूरी
– स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, बलरामपुर की स्थापना हेतु 166 बेडेड राजकीय संयुक्त चिकित्सालय बलरामपुर को चिकित्सा शिक्षा विभाग के पक्ष में निःशुल्क हस्तातंरण किये जाने व जनपद बलरामपुर में स्थापित किये जा रहे केजीएमयू के सेटेलाइट सेंटर को स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, बलरामपुर में परिवर्तित किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी
– स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना अंतर्गत निशुल्क स्मार्टफोन वितरण हेतु योजनांतर्गत अंतिम बिड अभिलेख के सम्बंध में प्रस्ताव स्वीकृत
– उप्र औद्योगिक निवेश व रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022 के अंतर्गत प्रदेश में मेगा श्रेणी की आद्योगिक इकाइयों हेतु विशेष सुविधाएं एवं रियायतें अनुमन्य कराए जाने विषयक शासनादेश,मुख्य सचिव द्वारा अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय प्राधिकृत समिति बैठक में की गई संस्तुतियों पर अनुमोदन प्रस्ताव को मंजूरी
– फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (एफडीआई) एवं फॉर्च्यून 500 कंपनियों के निवेश हेतु प्रोत्साहन नीति 2023 में अनुमन्य फ्रंट एंड लैंड सब्सिडी प्राविधान के अंतर्गत मेसर्स अशोक लीलैंड लिमिटेड को आवंटित भूमि हेतु यूपीसीडा को देय सब्सिडी धनराशि के भुगतान की स्वीकृति के सम्बंध में इम्पावर्ड कमेटी की बैठक की संस्तुति/निर्णय को अनुमोदन प्राप्त किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी
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