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राहुल गांधी का पीछा नहीं छोड़ रहा ‘मोदी सरनेम’, अब पटना कोर्ट में होगी पेशी

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Rahul Gandhi Modi surname case

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पटना। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मुश्किलें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। ‘मोदी सरनेम’ मामले में अब पटना के एमपी/एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी आदिदेव की अदालत ने राहुल को 25 अप्रैल को न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश दिया है।

बता दें कि राहुल गांधी को आज 12 अप्रैल को अदालत में पेश होना था, लेकिन वे उपस्थित नहीं हो सके। राहुल गांधी के अधिवक्ता अंशुल ने आवेदन देकर अदालत को बताया कि राहुल गांधी को 13 अप्रैल को सूरत की अदालत में जाना है। इस कारण आज यहां अदालत में नहीं आ सके। 25 अप्रैल को राहुल गांधी अदालत में उपस्थित रहेंगे।

वहीं, राज्यसभा सांसद व इस मामले के वादी भाजपा नेता सुशील मोदी के अधिवक्ता एसडी संजय और प्रिया गुप्ता ने राहुल गांधी का बेल बांण्ड रद्द कर गैर जमानती वारंट (NBW) जारी करने का आग्रह किया। दोनों ओर से बहस सुनने के बाद अदालत ने राहुल गांधी की उपस्थिति के लिए 25 अप्रैल की तारीख तय की है।

क्या है मामला

गौरतलब है कि राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान 19 अप्रैल को कर्नाटक के कोलार नामक स्थान पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि ‘इन सारे चोरों का नाम मोदी क्यों है’।

सुशील मोदी ने इसी बयान पर राहुल गांधी पर मानहानि का केस दर्ज करवाया था। मोदी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने मोदी को चोर कहकर पूरे समुदाय का अपमान किया है।

सूरत कोर्ट ने सुनाई है दो साल की सजा

बता दें कि राहुल गांधी के इस बयान पर सूरत में भाजपा नेता पूर्णेश मोदी ने  मानहानि का केस दर्ज करवाया था। मामले में बीते 23 मार्च को गुजरात की सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। इसके अलावा, कोर्ट ने राहुल पर 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।जिसके बाद, राहुल की संसद सदस्यता रद कर दी गई। साथ ही, राहुल को सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस भी दे दिया गया है।

राहुल गांधी ने मोदी उपनाम संबंधी टिप्पणी को लेकर मानहानि मामले में अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध किया। जिसके बाद, भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने मंगलवार को राहुल गांधी की उस याचिका के जवाब में कोर्ट में अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। इस मामले में कल 13 अप्रैल को सुनवाई होगी।

 

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नेशनल

बैगा जनजाति के सदस्यों को मिला दिल्ली आने का न्यौता, कौन है बैगा जनजाति?

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नई दिल्ली। जहां एक तरफ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आगामी 26 जनवरी को जोर-शोर से गणतंत्र दिवस का आयोजन किया जाएगा। वहीं इस दौरान कर्तव्य पथ पर सेना के जवान एक बार फिर परेड करेंगे। वहीं इस खास मौके पर छत्तीसगढ़ के कवर्धा में रहने वाले कुछ बैगा जनजाति के परिवारों को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने का निमंत्रण मिला है।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा मिले निमंत्रण पर बैगा परिवारों में से एक सदस्य ने कहा कि हमें बहुत खुशी है कि हमें निमंत्रण मिला। वहीं कवर्धा जिले के कलेक्टर गोपाल वर्मा ने कहा कि यह गर्व की बात है कि 6 बैगा परिवारों को भारत के राष्ट्रपति ने गणतंत्र दिवस में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।

बैगा जनजाति के सदस्यों को मिला दिल्ली आने का न्यौता

उन्होंने कहा कि सरकारी की योजनाओं के माध्यम से, उन्हें एक घर और कुछ अन्य लाभ मिले हैं। वे 23 जनवरी तक दिल्ली पहुंच जाएंगे। वे राष्ट्रपति के साथ रात्रिभोज करेंगे और पीएम मोदी से मिलेंगे। बैगा परिवार बहुत खुश हैं। बता दें कि बैगा जनजाति छत्तीसगढ़ राज्य की एक विशेष पिछड़ी जनजाति है। साल 2015 में किए गए सर्वेक्षण के मुताबिक, छत्तीसगढ़ राज्य में बैगा जनजाति के लोगों की कुल जनसंख्या 88,317 है। इसमें 44,402 पुरुष और 43,915 महिलाएं हैं। इसमें स्त्री पुरुष लिंगानुपात 989 है।

कौन है बैगा जनजाति?

सर्वेक्षण के मुताबिक बैगा जनजाति की साक्षरता दर 53.97 फीसदी है। इसमे पुरुष साक्षरता दर 60.7 8 फीसदी एवं महिला साक्षरता दर 47.10 फीसदी है। बैगा जनजाति छत्तीसगढ़ राज्य के मध्य क्षेत्र में रहने वाली जनजाति है। मुख्य रूप से कबीरधाम जिले के बोडला एवं पण्डरिया विकासखंड, बिलासपुर जिले के कोटा एवं तखतपुर विकासखंड, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के गौरेला विकासखंड, कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ़, खंण्डगवा एवं भरतपुर विकासखंड, राजनांदगांव जिले के छुइखदान विकासखंड एवं लोरमा विकासखंड के ग्रामों में रहती है। इनकी सर्वाधिक जनसंख्या कबीरधाम एवं कोरिया जिले में है।

 

 

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