उत्तर प्रदेश
मुख्तार अंसारी की मुश्किलों में और इजाफा, गैंगस्टर एक्ट में दोषी करार; आज होगा सजा का एलान
गाजीपुर। माफिया और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अंसारी और उसके साथी सोनू यादव को गाजीपुर की MP-MLA कोर्ट ने साल 2009 के हत्या और हत्या के प्रयास मामले को लेकर 2010 में कायम गैंगस्टर एक्ट में दोषी करार दिया है। मामले में सजा आज शुक्रवार को सुनाई जाएगी।
क्या है मामला
मामला गाजीपुर के करंडा ब्लॉक के सुवापुर गांव के रहने वाले रिटायर्ड मास्टर कपिलदेव सिंह की हत्या और मुहम्मदाबाद तहसील क्षेत्र के मीर हसन को जान से मारने की धमकी से जुड़ा है। इन दोनों मामलों को जोड़कर साल 2010 में मुख्तार अंसारी का गैंगचार्ट बना था। इसके बाद गाजीपुर स्थित करंडा थाने में मुख्तार पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था।
मुख्तार अंसारी की मुश्किलों में और इजाफा
इस मामले में बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कराई गई। गैंगस्टर एक्ट में दोषी करार दिए जाने पर मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता लियाकत अली ने बताया कि सजा का एलान 27 अक्टूबर को किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सजा के पक्ष पर बचाव पक्ष की भी दलील को अदालत सुनेगी। अधिवक्ता लियाकत अली ने बताया कि दूसरा आरोपी सोनू यादव अदालत में सशरीर मौजूद रहा।
MP-MLA कोर्ट ने इस मामले में माना दोषी
सोनू यादव ने अपने बचाव के लिए कोई भी दलील नहीं दी। उन्होंने बताया कि कल अदालत के निर्णय की कॉपी मिल जाएगी। उसके बाद हाईकोर्ट में फैसले को चुनौती देने के लिए अपील की जाएगी। अधिवक्ता लियाकत के मुताबिक मामले में अधिकतम सजा 10 साल की है।
उन्होंने बताया कि बचाव पक्ष की दलीलों को कल सुनने के बाद अदालत सजा का एलान करेगी। आज सिर्फ मुख्तार अंसारी और सोनू यादव को दोषी करार दिया गया है।
उत्तर प्रदेश
शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।
शुरू में उन्हें करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्पेक्टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्पेक्टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।
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