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प्रादेशिक

राकेश टिकैत ने सीएम योगी पर दिया बड़ा बयान, कही ये बात

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नई दिल्ली। पंजाब और हरियाणा में गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ने के बाद अब सबकी नज़रें यूपी सरकार की ओर टिकी हैं। एक तरफ यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी ज़ोरों से चल रही है। वहीं दूसरी तरफ किसान नेता राकेश टिकैत का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर अचंभित कर देने वाला बड़ा बयान सामने आया है।

राकेश टिकैत का कहना है कि ‘अगर यूपी सरकार गन्ने पर 100 रुपए समर्थन मूल्य बढ़ाती है तो वो योगी जी को नंबर 1 मुख्यमंत्री कहेंगे। राकेश टिकैत का यह भी कहना है कि बीएसपी ने अपने राज में 80 रुपये, सपा ने 60 रुपए बढ़ाया था, लेकिन बीजेपी ने अब तक सिर्फ 10 रुपये ही बढ़ाए हैं। योगी जी ताकतवर मुख्यमंत्री माने जाते हैं इसलिए उनके पास गन्ने पर 100 रुपये समर्थन मूल्य बढ़ाकर पंजाब हरियाणा सरकारों से आगे निकलने का मौका है। फिलहाल गन्ने का समर्थन मूल्य यूपी 325, पंजाब 350 और हरियाणा में अब बढ़कर 352 रुपये हो गया है।’

बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने तीन साल पहले गन्ने के समर्थन मूल्य पर 10 रुपये की बढ़ोतरी की थी। लेकिन उसके बाद गन्ना दाम परामर्श कमेटी ने भी यूपी में 400 रुपये प्रति क्विंटल दाम बढ़ाने का सुझाव दिया था। जिसे अभी पूरा करना बाकी है। इतना ही नहीं किसानों का यह भी कहना है कि डीजल के दाम ढाई गुने हो गए हैं। बिजली के दाम ढाई गुने हैं। लेकिन गन्ने का दाम तीन साल से वही है।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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