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नेशनल

विराजमान हो रहे हैं रामलला, अब कटुता व भेदभाव मुक्त समाज के पुनर्निर्माण हेतु जुटें: आलोक कुमार

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Alok Kumar

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अयोध्या। विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय कार्याध्यक्ष श्री आलोक कुमार ने आज कहा है कि अयोध्या में 500 वर्ष के संघर्ष के उपरांत भगवान राम लाल के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का महोत्सव है। वैश्विक हर्ष के समय में पुरानी कटुता, भेदभाव और मनमुटाव को भुलाकर एक समरस और एकाकार हिंदू समाज के नव निर्माण के लिए हमें आगे बढ़ना होगा।

उन्होंने आज एक विडियो संदेश के माध्यम से कहा कि श्री राम जन्मभूमि पर राम जी के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा सोमवार हो जाएगी। मुगलों, अंग्रेजों और उसके उपरांत स्वाधीन भारत की अपनी ही सरकारों से, कुल मिलाकर 500 वर्षों संघर्ष हुआ है। अब तो राम जी विराजमान हो रहे हैं। अभियान सफल हुआ है। अब यह समय है आगे देखने का, बीती ताहि बिसारने का। अपने ही दांतों से यदि जीभ कट जाए तो क्या कोई दातों को तोड़ता है! इसलिए जो कटुता का समय था, उसे भुलाकर पूरे समाज के साथ एक समरस वातावरण बना कर आगे बढ़ें।

राम जोड़ने वाले हैं, राम संभालने वाले हैं। इसलिए इस प्राण प्रतिष्ठा का संदेश यही होगा कि समाज में पुरानी कटुताएँ और संघर्ष भूल कर सबको साथ लेकर हम आगे बढ़ें । पिछले को याद ना करते हुए नवनिर्माण की दृष्टि से पूरे विश्व में सुख और सौख्य बांटने की दृष्टि से अब पूरा समाज लगे, यही प्रार्थना इस अवसर के लिए उचित होगी।

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नेशनल

बैगा जनजाति के सदस्यों को मिला दिल्ली आने का न्यौता, कौन है बैगा जनजाति?

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नई दिल्ली। जहां एक तरफ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आगामी 26 जनवरी को जोर-शोर से गणतंत्र दिवस का आयोजन किया जाएगा। वहीं इस दौरान कर्तव्य पथ पर सेना के जवान एक बार फिर परेड करेंगे। वहीं इस खास मौके पर छत्तीसगढ़ के कवर्धा में रहने वाले कुछ बैगा जनजाति के परिवारों को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने का निमंत्रण मिला है।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा मिले निमंत्रण पर बैगा परिवारों में से एक सदस्य ने कहा कि हमें बहुत खुशी है कि हमें निमंत्रण मिला। वहीं कवर्धा जिले के कलेक्टर गोपाल वर्मा ने कहा कि यह गर्व की बात है कि 6 बैगा परिवारों को भारत के राष्ट्रपति ने गणतंत्र दिवस में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।

बैगा जनजाति के सदस्यों को मिला दिल्ली आने का न्यौता

उन्होंने कहा कि सरकारी की योजनाओं के माध्यम से, उन्हें एक घर और कुछ अन्य लाभ मिले हैं। वे 23 जनवरी तक दिल्ली पहुंच जाएंगे। वे राष्ट्रपति के साथ रात्रिभोज करेंगे और पीएम मोदी से मिलेंगे। बैगा परिवार बहुत खुश हैं। बता दें कि बैगा जनजाति छत्तीसगढ़ राज्य की एक विशेष पिछड़ी जनजाति है। साल 2015 में किए गए सर्वेक्षण के मुताबिक, छत्तीसगढ़ राज्य में बैगा जनजाति के लोगों की कुल जनसंख्या 88,317 है। इसमें 44,402 पुरुष और 43,915 महिलाएं हैं। इसमें स्त्री पुरुष लिंगानुपात 989 है।

कौन है बैगा जनजाति?

सर्वेक्षण के मुताबिक बैगा जनजाति की साक्षरता दर 53.97 फीसदी है। इसमे पुरुष साक्षरता दर 60.7 8 फीसदी एवं महिला साक्षरता दर 47.10 फीसदी है। बैगा जनजाति छत्तीसगढ़ राज्य के मध्य क्षेत्र में रहने वाली जनजाति है। मुख्य रूप से कबीरधाम जिले के बोडला एवं पण्डरिया विकासखंड, बिलासपुर जिले के कोटा एवं तखतपुर विकासखंड, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के गौरेला विकासखंड, कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ़, खंण्डगवा एवं भरतपुर विकासखंड, राजनांदगांव जिले के छुइखदान विकासखंड एवं लोरमा विकासखंड के ग्रामों में रहती है। इनकी सर्वाधिक जनसंख्या कबीरधाम एवं कोरिया जिले में है।

 

 

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