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SC से केंद्र को झटका, राजद्रोह कानून को चुनौती वाली याचिकाओं पर संविधान पीठ करेगी सुनवाई

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Shock to Center from SC

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नई दिल्ली। 152 साल पुराने राजद्रोह कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। इस दौरान शीर्ष अदालत से केंद्र सरकार को झटका लगा। CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने बड़ी पीठ को मामला सौंपने का फैसला टालने के केंद्र की मांग ठुकरा दी है।

राजद्रोह कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर अब सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच सुनवाई करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता 124A के तहत राजद्रोह कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को कम से कम पांच जजों की संविधान पीठ के पास भेज दिया है।

CJI की अगुवाई वाली पीठ ने इस आधार पर बड़ी पीठ को मामला सौंपने का फैसला टालने के केंद्र की मांग ठुकरा दी कि संसद दंड संहिता के प्रावधानों को फिर से लागू कर रही है। न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी इस पीठ में शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट ने अपने रजिस्टर्ड ऑफिस को चीफ जस्टिस के समक्ष कागजात पेश करने का निर्देश दिया ताकि पीठ के गठन के संबंध में निर्णय लिया जा सके।

निष्प्रभावी हो चुका है राजद्रोह कानून

पिछले साल 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने मामले को सुनते हुए आईपीसी की धारा 124A को अंतरिम तौर पर निष्प्रभावी बना दिया था। कोर्ट ने कहा था कि इस कानून के तहत नए मुकदमे दर्ज न हों और जो मुकदमे पहले से लंबित हैं, उनमें भी अदालती कार्रवाई रोक दी जाए। कोर्ट ने केंद्र सरकार को कानून की समीक्षा करने की अनुमति दी थी। साथ ही कहा था कि जब तक सरकार कानून की समीक्षा नहीं कर लेती, तब तक यह अंतरिम व्यवस्था लागू रहेगी।

तीन नए विधेयक पेश

इसके बाद, केंद्र सरकार ने इस साल 11 अगस्त को इन कानूनों को बदलने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाते हुए आईपीसी, दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेने के लिए लोकसभा में तीन नए विधेयक पेश किए। इसमें राजद्रोह कानून को रद्द करने और अपराध की व्यापक परिभाषा के साथ नए प्रावधान लागू करने की बात की गई है।

नेशनल

जलगांव के ट्रेन हादसे पर पीएम मोदी ने जताया दुख, जानें मृतकों को कितना मिलेगा मुआवजा

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के जलगांव में ट्रेन हादसे में दर्जन से ज्यादा लोगों की जान चली गई है। इस हादसे से हर कोई स्तब्ध हो गया है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस हादसे पर दुख जाहिर किया है। बता दें कि जलगांव जिले में लखनऊ-मुंबई पुष्पक एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगने की अफवाह के कारण कई यात्री ट्रेन से कूद गए थे। इसी दौरान दूसरी तरफ से आ रही ट्रेन ने इन यात्रियों को कुचल डाला। अब सरकार की ओर से मृतकों और घायलों के लिए मुआवजे का ऐलान किया गया है।

क्या बोले पीएम मोदी?

जलगांव रेल हादसे को लेकर पीएम मोदी ने X पर पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा- “महाराष्ट्र के जलगांव में रेल पटरियों पर हुए दर्दनाक हादसे से दुखी हूं। मैं शोकसंतप्त परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं और सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। अधिकारी प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।”

रेलवे कितना मुआवजा देगा?

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी महाराष्ट्र के जलगांव जिले में ट्रेन की चपेट में आने से 13 यात्रियों की मौत पर शोक जताया है और उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। रेल मंत्री के कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, जलगांव ट्रेन हादसे के तकों के परिजनों को 1.5-1.5 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल लोगों को 50,000 रुपये और मामूली चोट वाले लोगों को 5,000 रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की गई है।

फडणवीस ने भी किया मुआवजे का ऐलान

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने भी जलगांव ट्रेन हादसे पर शोक जताया है और मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की है। फडणवीस रेल हादसे में मारे गए यात्रियों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। फडणवीस ने स्विट्जरलैंड के दावोस से एक वीडियो संदेश भेजते हुए कहा कि घायल यात्रियों के इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी।

कैसे हुआ हादसा?

अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, जलगांव जिले में रेलवे स्टेशन से आगे ब्रेक लगाने के बाद लखनऊ-मुंबई पुष्पक एक्सप्रेस के पहियों से चिंगारी निकली थी। इस कारण यात्रियों के बीच अफरा-तफरी मच गई। इसी दौरान कुछ यात्रियों ने चेन खींच दी। ट्रेन से कुछ यात्री पटरी पर कूद गए। इन यात्रियों को दूसरी ओर से आ रही कर्नाटक एक्सप्रेस ट्रेन ने कुचल डाला।

 

 

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