उत्तर प्रदेश
यूपी में पंप स्टोरेज प्लांट्स का हब बनने जा रहे हैं सोनभद्र, चंदौली और मीरजापुर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में भी उत्तम प्रदेश बने, इसके लिए योगी सरकार द्वारा विभिन्न स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में बढ़ती औद्योगिक गतिविधियों और रिकॉर्ड ऊर्जा खपत जरूरतों के बीच सीएम योगी के विजन अनुसार क्लीन एनर्जी सेक्टर पर विशेष रूप से फोकस किया जा रहा है। इस क्रम में, सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के साथ ही अब योगी सरकार हाइड्रो बेस्ड पंप प्रोजेक्ट्स को भी बढ़ावा देने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है। सीएम योगी का विजन है कि उत्तर प्रदेश पंप स्टोरेज प्लांट्स का हब बने, ऐसे में प्रदेश में मीरजापुर, चंदौली और सोनभद्र इस दिशा में भूमिका निभाने को तैयार हैं। उल्लेखनीय है कि इन पंप प्लांट्स का प्रदेश में सबसे बड़ा हब मीरजापुर बनने जा रहा है जहां विभिन्न कैपेसिटी के 4 प्लांट्स की स्थापना की जाएगी। वहीं सोनभद्र में लगने वाला पंप स्टोरेज प्लांट सबसे ज्यादा ऊर्जा उत्पन्न करने वाला होगा। चंदौली में भी पंप स्टोरेज प्लांट की स्थापना की जाएगी।
6 प्लांट्स के जरिए होगा 4730 मेगावॉट ऊर्जा उत्पादन
योगी सरकार इन सभी 6 प्लांट्स के जरिए प्रदेश में कुल मिलाकर 4,730 मेगावॉट ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रही है। खास बात यह भी है कि इन सभी प्लांट्स को अगस्त के बीच में क्लीयरेंस दे दी गई है और अब इनकी स्थापना, निर्माण व विकास कार्यों को तेजी से पूरा करने की प्रक्रिया जल्द प्रारंभ होने वाली है। उल्लेखनीय है कि इन 6 प्लांट्स के अतिरिक्त सोनभद्र, चंदौली और मीरजापुर में अन्य पंप स्टोरेज प्लांट्स को लेकर भी एक्मे, अवाडा व ईस्ट इंडिया पेट्रोलियम के पास ‘इन प्रिंसिपल अप्रूवल’ है और इन सभी परियोजनाओं पर तेजी से कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए योगी सरकार द्वारा निर्देश दिए जा चुके हैं।
सोनभद्र में होगा सबसे बड़ा प्लांट, 1250 मेगावॉट होगी कैपेसिटी
सीएम योगी के विजन अनुसार, परियोजना के अंतर्गत सबसे पहले इसी वर्ष 30 मई को सोनभद्र के गर्हावा में 1250 मेगावॉट कैपेसिटी का हाइड्रो पंप स्टोरेज प्लांट लगाने की स्वीकृति मिली थी। एक्वाग्रीन इंडीनियरिंग मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा इसे डेवलप किया जा रहा है और यह ऑफ स्ट्रीम लूप पंप प्रोजेक्ट होगा। यहां दो रिजर्वयर में सोन नदी का पानी पंप करके स्टोरेज कैपेसिटी बढ़ाई जाएगी जिसके बाद रिजर्वॉयर से 4.6 किलोमीटर दूर पंप इनटेक वेल की स्थापना की जाएगी। 6100.62 करोड़ रुपए की धनराशि के जरिए सभी निर्माण व विकास कार्यों को परियोजना के अंतर्गत पूरा किया जाएगा। वहीं, चंदौली के मुबारकपुर में इसी वर्ष 8 अगस्त को 600 मेगावॉट कैपेसिटी के हाइड्रो पंप स्टोरेज प्लांट के निर्माण को स्वीकृति मिली थी। इसका निर्माण एक्मे ऊर्जा टू प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है और यह क्लोज्ड लूप स्टोरेज हाइड्रो प्रोजेक्ट होगा। यहां भी अपर रिजर्वॉयर व लोअर रिजर्वॉयर मैकेनिज्म से ऊर्जा उत्पादन किया जाएगा और परियोजना के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के निर्माण व विकास कार्यों को 3544.81 करोड़ की लागत से पूरा किया जाएगा।
मीरजापुर में 4 प्लांट्स के जरिए 3480 मेगावॉट ऊर्जा का होगा उत्पादन
मीरजापुर में पंप स्टोरेज प्लांट्स के प्रोजेक्ट के जरिए योगी सरकार 3480 मेगावॉट ऊर्जा उत्पन्न करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। परियोजना के अंतर्गत 26 जून से 29 अगस्त के बीच कुल चार पंप स्टोरेज प्रोजेक्ट्स की स्थापना को हरी झंडी मिली है। इनमें अवाडा ग्रुप द्वारा कटरा में 4410 करोड़ रुपए की लागत से 630 मेगावॉट ऊर्जा उत्पादन करने में सक्षम पंप स्टोरेज प्लांट का निर्माण व विकास कार्य किया जाएगा। जबकि, रेन्यू द्वारा गांव कालू पट्टी में 3350 करोड़ रुपए की लागत से 600 मेगावॉट व बबूरा में 4100 करोड़ रुपए की लागत से 800 मेगावॉट कैपेसिटी वाले प्लांट्स का निर्माण, विकास व संचालन किया जाएगा। इसी प्रकार, मीरजापुर के ही बबूरा रघुनाथ सिंह गांव में ईस्ट इंडिया पेट्रोलियम द्वारा 3946.12 करोड़ रुपए की लागत से 850 मेगावॉट विद्युत ऊर्जा का उत्पादन में सक्षम पंप स्टोरेज प्लांट के स्थापना, निर्माण व विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जा रहा है। इन सभी पंप स्टोरेज पावर प्रोजेक्ट्स की मॉनिटरिंग के लिए एजेंसी निर्धारण प्रक्रिया भी जल्द पूरी होने जा रही है, जिसके बाद परियोजना को गति देने में मदद मिलेगी।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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