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प्रादेशिक

IRCTC घोटाले में आज है तेजस्वी यादव की पेशी, जेल जाने का भी खतरा

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Conspiracy going on against me, name can be added in the charge sheet: Tejashwi Yadav

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नई दिल्ली/पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejaswi yadav) आज मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में IRCTC घोटाला मामले में पेश होंगे। पेशी में तेजस्वी की जमानत पर निर्णय होना है। अगर तेजस्वी की जमानत रद्द हो जाती है, तो उनके जेल जाने का खतरा है।

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सीबीआई ने उनकी जमानत रद्द करने की अपील की है, जिसपर मंगलवार को सुनवाई होगी। इससे पहले दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने तेजस्वी को सीबीआई की याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया था और 18 अक्टूबर को अदालत में पेश होने के लिए कहा था।

क्या है IRCTC होटल घोटाला ?

Tejaswi yadav के ऊपर पिता लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान IRCTC होटल घोटाले का आरोप है। लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहे थे। स दौरान आईआरसीटीसी के रांची और पुरी स्थित दो होटलों को लीज पर निजी कंपनी सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया था।

CBI ने आरोप लगाया था कि होटलों को प्राइवेट कंपनी को लीज पर देने के एवज में लालू परिवार को कंपनी ने पटना के बेली रोड स्थित करीब 3 एकड़ की कीमती जमीन मिली थी।

सीबीआई ने आरोप लगाया था कि पहले यह जमीन डिलाइट कंपनी को दी गई थी और उसके बाद जमीन को राबड़ी देवी एवं तेजस्वी यादव की मालिकाना हक वाली लारा प्रोजेक्ट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड को बेंच दी गई।

रेलवे के होटलों को लीज पर देने की एवज में डिलाइट कंपनी को बेशकीमती जमीन दी गई और बाद में उस कंपनी से लारा कंपनी ने काफी कम कीमत में जमीन खरीद ली। डिलाइट कंपनी आरजेडी के कद्दावर नेता प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता की है।

CBI ने बीते दिनों तेजस्वी की जमानत रद्द की जाने की मांग की थी। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने तेजस्वी से मामले पर उनका पक्ष रखने को कहा था। कोर्ट ने मामले में 18 अक्टूबर को तेजस्वी को पेश होने के लिए कहा था।

मामले में लालू यादव और तेजस्वी यादव को आरोपी बनाया गया है। सितंबर में राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू यादव को इलाज के लिए विदेश जाने की अनुमति दे दी थी। लालू यादव सिंगापुर से आने के बाद कोर्ट में पेश हो सकते हैं।

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उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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