Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

हमलावरों ने बाबा सिद्दीकी के साथ बेटे जीशान को भी मारने का बनाया था प्लान, इस वजह से बची जान

Published

on

Loading

मुंबई। महाराष्ट्र में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों को पता चला है कि बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी भी हमलावरों के निशाने पर थे। हालांकि घटना वाले दिन वो अपने पिता बाबा सिद्दीकी से 10 मिनट पहले ही अपने ऑफिस से निकल गए थे। शूटरों को दोनों को मारने के लिए कहा गया था। आदेश था कि अगर वो साथ नहीं आ पाते हैं तो किसी को भी मार दें। 10 मिनट पहले निकलने की वजह से उनकी जान बच गई।

क्या करते हैं जीशान सिद्दीकी?

जीशान सिद्दीकी एक राजनेता हैं और अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। फिलहाल जीशान बांद्रा ईस्ट से विधायक हैं। उसके अलावा युवा कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं। उनके दादा अब्दुल रहीम सिद्दीकी घड़ी बनाने का काम करते थे और लगभग 50 साल पहले बिहार के गोपालगंज से मुंबई में आकर बसे थे। 66 वर्षीय सिद्दीकी मुंबई के जाने-माने राजनीतिक व्यक्ति थे, जिनका बॉलीवुड से भी करीबी संबंध रहा। उनको सलमान खान और शाहरुख खान जैसे बॉलीवुड सितारों से अपने संबंधों के लिए जाना जाता था। वो अजित पवार गुट वाली एनसीपी के नेता थे और महाराष्ट्र सरकार में पहले राज्यमंत्री भी रह चुके थे। लगभग 48 साल कांग्रेस में बिताने के बाद कुछ समय पहले ही सिद्दीकी ने एनसीपी ज्वाइन की थी।

बाबा सिद्दीकी की हत्या में किसका हाथ

बाबा सिद्दीकी की हत्या के पीछे लॉरेंस बिश्नोई गैंग का हाथ बताया जाता है। एक तथाकथित सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने मर्डर की जिम्मेदारी ली है। मुंबई पुलिस ने जिन दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उन्होंने भी पूछताछ में कथित तौर पर लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े होने का दावा किया। सिद्दीकी की हत्या की वजह फिलहाल सलमान खान का सबसे करीबी होना हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, काले हिरण शिकार मामले के बाद से लॉरेन्स बिश्नोई सलमान खान को अपना दुश्मन मानता है। ऐसे में पहले लॉरेंस बिश्नोई गैंग सलमान के करीबियों को टारगेट कर रहा है। मुंबई पुलिस इस एंगल से फिलहाल जांच कर रही है।

Continue Reading

नेशनल

शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

Published

on

Loading

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

Continue Reading

Trending