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मुख्य समाचार

गैंगस्टरों पर कसा जा रहा शिकंजा, एनआईए ने 60 ठिकानों पर की छापेमारी

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NIA clamps down on PFI

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नई दिल्ली। संगठित आतंकी समूहों और गैंगस्टरों पर लगाम कसने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने उत्तर भारत में करीब 60 ठिकानों पर छापेमारी की है। एनआईए ने दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और वेस्ट यूपी में कई ठिकानों पर छापेमारी की है। यह छापेमारी नारको टेररिज्म, हथियार तस्करी और गैंगवॉर पर लगाम कसने के लिए की गई है।

एजेंसी का कहना है कि कुछ टॉप गैंग्स को रडार पर लिया गया है, जो भारत में ही ऑपरेट हो रही हैं या फिर उनके गुर्गे विदेश से आतंकवाद को बढ़ाने का काम कर रहे हैं। एनआईए के सूत्रों ने बताया कि अवैध गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए यह सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया है।

एजेंसी को अंदेशा है कि एक साजिश के तहत अवैध गतिविधियों को संचालित किया जा रहा है। हाल ही में हरियाणा और पंजाब के पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर एनआईए ने बैठक की थी। नीरज बवाना गैंग, लॉरेंस बिश्नोई गैंग पर समेत 10 गैंगस्टरों के खिलाफ एनआईए ने हाल ही में जांच शुरू की थी।

बता दें कि पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या में भी लॉरेंस बिश्नोई गैंग का ही हाथ बताया जाता रहा है। कहा जा रहा है कि पंजाब के कुछ गैंगस्टर्स का खालिस्तानी आतंकियों और आईएसआई से भी कनेक्शन होने की बात सामने आई है। इससे एजेंसियां सतर्क हो गई हैं।

बता दें कि NIA ने पिछले दिनों नीरज बवाना, लॉरेंस बिश्नोई और टिल्लू ताजपुरिया समेत कई नामी बदमाशों की लिस्ट तैयार की थी। इन गैंगस्टरों का दिल्ली, हरियाणा, पंजाब समेत कई राज्यों से नेटवर्क संचालित होता रहा है। इनमें से कई बदमाश तो जेल के अंदर से भी ऐक्टिव रहे हैं।

बवाना, बिश्नोई समेत इन गैंगस्टरों पर कस सकता है शिकंजा

एनआईए ने खासतौर पर जिन गैंग्स पर ऐक्शन लिया है, उनमें कनाडा से गैंग चलाने वाले गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई गैंग शामिल है। इसके अलावा नीरज बवाना, देविंदर बम्बीहा, कौशल चौधरी, टिल्लू ताजपुरिया, दिलप्रीत और सुखप्रीत गैंग शामिल हैं।

इसके अलावा भगोड़े आतंकवादी हरविंदर रिंदा के सिंडिकेट पर भी लगाम कसी गई है। आरोप है कि हरविंदर रिंदा दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में अपना सिंडिकेट चलाता रहा है।

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उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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