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TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने आचार समिति पर कसा तंज, सोशल मीडिया पर साझा किया ये कार्टून

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नई दिल्ली। ‘कैश फॉर क्वेरी’ के आरोपों का सामना कर रहीं तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा ने एक बार फिर लोकसभा की आचार समिति से अपनी असहमति व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है। आरोपों की जांच कर रही समिति ने अपनी रिपोर्ट अध्यक्ष को सौंप दी है।

सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि महुआ मोइत्रा की ओर से गंभीर दुर्व्यवहार किया गया है इसलिए उन्हें बड़ी सजा दी जानी चाहिए। मोइत्रा ने शुक्रवार को अपने ‘एक्स’ अकाउंट पर एक कार्टून पोस्ट किया, जिसमें लिखा था, ‘जब तक आप दूसरी तरफ न हों, नैतिकता बनाए रखें। इसे आचार समिति पर सीधे हमले के रूप में देखा जा रहा है जिसने उनके कथित दुराचारों पर रिपोर्ट को स्वीकार किया था।

कार्टून में मोइत्रा को खाली कुर्सी के पास बैठे दिखाया गया है जिस पर भाजपा के चुनाव चिह्न कमल की नक्काशी की गई है। मोइत्रा के सामने ‘विपक्षी’ नेमप्लेट लगी हुई थी, जबकि खाली पड़ी कुर्सी पर ‘रूलिंग’ की नेमप्लेट लगी थी। लोकसभा की आचार समिति ने ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले के संबंध में मोइत्रा के निष्कासन की सिफारिश करने वाली अपनी मसौदा रिपोर्ट शुक्रवार को अध्यक्ष ओम बिरला को सौंप दी।

इससे एक दिन पहले मामले की जांच कर रहे आचार पैनल ने 500 पन्नों की अपनी रिपोर्ट को मंजूरी दी थी जिसमें मोइत्रा को उनके ‘बेहद आपत्तिजनक, अनैतिक, जघन्य और आपराधिक आचरण’ के मद्देनजर 17वीं लोकसभा से निष्कासित करने की सिफारिश की गई थी। रिपोर्ट को 6:4 के बहुमत से मंजूरी दी गई थी।

तृणमूल सांसद समिति की बैठक से उस समय बाहर चली गई थीं जबकि बयान दर्ज कराने के दौरान उनसे जिरह की जा रही थी। उन्होंने आरोप लगाया कि समिति के सदस्य उनसे ‘व्यक्तिगत’ सवाल पूछ रहे थे।

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बैगा जनजाति के सदस्यों को मिला दिल्ली आने का न्यौता, कौन है बैगा जनजाति?

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नई दिल्ली। जहां एक तरफ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आगामी 26 जनवरी को जोर-शोर से गणतंत्र दिवस का आयोजन किया जाएगा। वहीं इस दौरान कर्तव्य पथ पर सेना के जवान एक बार फिर परेड करेंगे। वहीं इस खास मौके पर छत्तीसगढ़ के कवर्धा में रहने वाले कुछ बैगा जनजाति के परिवारों को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने का निमंत्रण मिला है।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा मिले निमंत्रण पर बैगा परिवारों में से एक सदस्य ने कहा कि हमें बहुत खुशी है कि हमें निमंत्रण मिला। वहीं कवर्धा जिले के कलेक्टर गोपाल वर्मा ने कहा कि यह गर्व की बात है कि 6 बैगा परिवारों को भारत के राष्ट्रपति ने गणतंत्र दिवस में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।

बैगा जनजाति के सदस्यों को मिला दिल्ली आने का न्यौता

उन्होंने कहा कि सरकारी की योजनाओं के माध्यम से, उन्हें एक घर और कुछ अन्य लाभ मिले हैं। वे 23 जनवरी तक दिल्ली पहुंच जाएंगे। वे राष्ट्रपति के साथ रात्रिभोज करेंगे और पीएम मोदी से मिलेंगे। बैगा परिवार बहुत खुश हैं। बता दें कि बैगा जनजाति छत्तीसगढ़ राज्य की एक विशेष पिछड़ी जनजाति है। साल 2015 में किए गए सर्वेक्षण के मुताबिक, छत्तीसगढ़ राज्य में बैगा जनजाति के लोगों की कुल जनसंख्या 88,317 है। इसमें 44,402 पुरुष और 43,915 महिलाएं हैं। इसमें स्त्री पुरुष लिंगानुपात 989 है।

कौन है बैगा जनजाति?

सर्वेक्षण के मुताबिक बैगा जनजाति की साक्षरता दर 53.97 फीसदी है। इसमे पुरुष साक्षरता दर 60.7 8 फीसदी एवं महिला साक्षरता दर 47.10 फीसदी है। बैगा जनजाति छत्तीसगढ़ राज्य के मध्य क्षेत्र में रहने वाली जनजाति है। मुख्य रूप से कबीरधाम जिले के बोडला एवं पण्डरिया विकासखंड, बिलासपुर जिले के कोटा एवं तखतपुर विकासखंड, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के गौरेला विकासखंड, कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ़, खंण्डगवा एवं भरतपुर विकासखंड, राजनांदगांव जिले के छुइखदान विकासखंड एवं लोरमा विकासखंड के ग्रामों में रहती है। इनकी सर्वाधिक जनसंख्या कबीरधाम एवं कोरिया जिले में है।

 

 

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