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प्रादेशिक

उप्र व्यापारी कल्याण बोर्ड व्यापारियों की हर समस्या का करेगा निराकरण: मनीष कुमार गुप्ता

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश व्यापारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष मनीष कुमार गुप्ता ने कहा कि सम्पूर्ण प्रदेश में उद्यमियों/व्यापारियों की जनसेवा के दृष्टिगत प्रत्येक जनपद में राज्य सरकार की तरफ से व्यापारी कल्याण बोर्ड द्वारा प्रत्येक जिले व मण्डल स्तर पर व्यापारियों को सम्मानित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर सर्वाधिक करदाता व्यापारियों/उद्यमियों को तथा मण्डल स्तर/जोन स्तर पर 10 सर्वाधिक करदाताओं को राज्य सरकार की तरफ से उ0प्र0 व्यापारी कल्याण बोर्ड सम्मानित करेगा। उन्होंने कहा कि व्यापारियों के माल की चेकिंग में पुलिस का हस्तक्षेप समाप्त किये जाने के लिए डी0जी0पी0 से नियमानुसार कार्यवाही करने हेतु कहा गया है।

उपाध्यक्ष श्री गुप्ता ने बताया कि प्रत्येक जिले में एक अपर पुलिस अधीक्षक और एक अपर जिला अधिकारी स्तर का अधिकारी व्यापारियों एवं उद्यमियों की किसी भी प्रकार की समस्या, शोषण, उत्पीड़न की दशा में तत्काल कार्यवाही हेतु नामित किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कल्याण बोर्ड द्वारा व्यापारी पेंशन योजना लागू करने पर विचार किया जा रहा है। जिले स्तर पर जिलधिकारी एवं मण्डल स्तर पर मण्डलयुक्त व्यापारियों/उद्यमियों की समस्याओं का निराकरण कर रहे है।

मनीष गुप्ता ने कहा कि जी0एस0टी0 की नई व्यवस्था में विवेक के आधार पर कोई भी निर्णय लिये जाने का कोई भी प्राविधान नही है। ऐसी परिस्थिति में पुराने मामलों में ऐसा किया जाना उचित नही है। उन्होंने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा अनेकों बार अपने भाषण एवं घोषणाओं में भी यह स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि विवेक के आधार पर निर्णय लिए जाने के अधिकार की आड़ में व्यापारियों एवं उद्यमियों का शोषण किये जाने की व्यवस्था पूरी तरह समाप्त की जाएगी।

उन्होंने कहा कि ऐसे व्यापारी जिनकी आय 2.50 लाख के लगभग हैं, जिसमें सबसे छोटे व्यापारी, फेरी वाले, मोची, नाई इत्यादि आते हैं, उनको भी आयुष्मान योजना के अन्तर्गत चिकित्सा सुविधा दिये जाने का निर्णय व्यापारी कल्याण बोर्ड द्वारा लिया गया है। फेरीनीति के अनुसार रजिस्टर्ड प्रत्येक व्यवसायी को रोजगार दिये जाने के लिए सरकार कटिबद्ध है।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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