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उत्तराखंड

13 दिसंबर तक उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों में येलो अलर्ट जारी

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13 दिसंबर तक उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों में बर्फबारी और बरसात के साथ ओलावृष्टि व आकाशी बिजली गिरने की संभावनाएं जताई गई हैं।

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गढ़वाल क्षेत्र में 12 और 13 दिसंबर को ओलावृष्टि हिमपात और आकाशीय बिजली गिरने का अनुमान जताया गया है। मैदानी क्षेत्र के हरिद्वार और उधम सिंह नगर में घना कोहरा रहने की है संभावना है।

उत्तरकाशी चमोली रुद्रप्रयाग पिथौरागढ़ में ऊंचाई वाले स्थानों पर हल्की वर्षा और हिमपात होने की संभावनाएं हैं साथ ही चमोली बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिले में तथा अन्य जनपदों में हल्की बरसात और पर्वतीय जनपदों में बर्फ पड़ने की संभावना है।

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उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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