उत्तर प्रदेश
स्वामी जी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाएगी विवेकानंद संदेश यात्रा, 21 जिलों का करेगी भ्रमण
लखनऊ। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर स्वामी विवेकानंद जी के राष्ट्रीय चेतना जागृत करने वाले विचारों को जन-जन तक ले जाने हेतु विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी (उप्र शाखा) के तत्वाधान व भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से विवेकानंद संदेश यात्रा का आयोजन किया जा रहा है।
यह यात्रा स्वामी जी की जयंती 12 जनवरी से लखनऊ के रामकृष्ण मठ निराला नगर से प्रारंभ होकर नेता जी सुभाष चंद्र बोस की जयंती 23 जनवरी तक उप्र के 21 जिलों (लखनऊ, बाराबंकी, अयोध्या, बस्ती, संत कबीर नगर, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, मऊ, गाजीपुर, वाराणसी, जौनपुर, संत रविदास नगर, प्रयागराज, कौशाम्बी, चित्रकुट, बांदा, फतेहपुर, कानपुर नगर, कानपुर देहात, उन्नाव) का भ्रमण करते हुए लखनऊ में लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में समापन समारोह आयोजित होगा।
इस यात्रा में युवाओं हेतु योग व्यायाम, स्वामी जी के विचारों पर आधारित बौद्धिक विमर्श, शोभा यात्रा द्वारा प्रचार प्रसार आदि कार्यक्रम संचालित किए जायेंगे।
प्रांत संचालक दयानंद लाल ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर स्वामी विवेकानंद के नर सेवा ही नारायण सेवा है तथा मनुष्य निर्माण से राष्ट्र पुनर्निर्माण के लक्ष्य को जन जन तक पहुंचाने के लिए विवेकानंद संदेश यात्रा स्वामी जी के जन्म दिन के पावन अवसर पर प्रारंभ की जा रही है।
यात्रा का मूल उद्देश्य युवाओं के उत्साह ऊर्जा एवं निष्ठा को राष्ट्र पुनर्निर्माण की दिशा में प्रेरित करना है। विवेकानंद केंद्र की कार्य पद्धति से जुड़कर अपने व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास के साथ साथ समाज एवं राष्ट्रीय पुनर्निर्माण मे अपना अमूल्य योगदान दे सकते है।
यात्रा संयोजक भानुप्रताप सिंह ने बताया कि यात्रा को तीन जोन में व्यवस्था की दृष्टि से बाटा गया है। प्रथम जोन लखनऊ से कुशीनगर, द्वितीय जोन कुशीनगर से प्रयागराज, तीसरा जोन प्रयागराज से लखनऊ है। यात्रा टोली में मध्यप्रदेश, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के लगभग पंद्रह लोग रहेंगे ।
इस यात्रा मे शोभायात्रा, विमर्श एवं योग रहा स्वागत की गतिविधियों को संचालित करेंगे। इस हेतु प्रत्येक जिले में स्वागत समिति, शोभायात्रा समिति, योग समिति, व्यवस्था समिति का गठन किया गया है। जो जिले स्तर की सभी गतिविधियों के संचालन के दायित्व का निर्वहन करेंगे।
सह नगर प्रमुख शोभिता टंडन ने बताया कि युवा क्षमता के नेतृत्व गुण को निखार कर राष्ट्र निर्माण में सहायक बनाना स्वामी जी के सन्देश को समर्थन देना है।
यात्रा समिति के सह प्रमुख प्रमिल द्विवेदी ने बताया कि जनसंख्या की दृष्टि से उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा प्रदेश है। विवेकानंद संदेश यात्रा उत्तर प्रदेश के माध्यम से हम लोग बारह दिन मे 7 मंडल और 21 इक्कीस जिले को आच्छादित करते हुए लगभग दस करोड़ 10 करोड़ लोगो तक स्वामी विवेकानंद का संदेश मनुष्य निर्माण से राष्ट्र पुनर्निर्माण के जीवंत संदेश को पहुंचना यात्रा का प्रमुख उद्देश्य है। विभिन्न संचार माध्यमों द्वारा इस संकल्प की सिद्धि का प्रयास किया जा रहा है। जिसके तहत यात्रा की दैनिक प्रगति संबंधी सूचनाएं हेतु एक समर्पित वेबसाइट www.up.vkendra.org पर देखा जा सकता है।
उन्होने आगे कहा कि इससे पूर्व विवेकानंद केन्द्र राजस्थान प्रांत में 19 नवंबर को खेतड़ी भारत के उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और विवेकानंद केंद्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाला कृष्णनन ने शुभारंभ किया था और समापन जोधपुर में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और विवेकानंद केंद्र की उपाध्यक्ष सुश्री निवेदिता भिड़े ने किया था। यह यात्रा राजस्थान के 33 जिलों से होकर गुजरी थी तथा पूर्णता में भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई और शुभकामना संदेश दिया।
Vivekananda Sandesh Yatra,
उत्तर प्रदेश
श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई
नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।
पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।
हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।
-
लाइफ स्टाइल1 day ago
स्वस्थ रखने का अच्छा व आसान उपाय है टहलना, कई बीमारियों से करेगा बचाव
-
प्रादेशिक2 days ago
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर फैजान अंसारी ने सैफ को अस्पताल पहुंचाने वाले ऑटो ड्राइवर को दी 11 हजार रु की आर्थिक सहायता
-
ऑफ़बीट3 days ago
कौन है महाकुंभ की मोनालिसा ? जो सोशल मीडिया पर हो रही है वायरल
-
अन्तर्राष्ट्रीय2 days ago
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप का शपथ ग्रहण आज, मुकेश और नीता अंबानी भी होंगे शामिल
-
अन्तर्राष्ट्रीय2 days ago
अमेरिका में भारतीय छात्र की गोली मारकर हत्या, सदमे में परिवार
-
नेशनल2 days ago
कोलकाता ट्रेनी डॉक्टर रेप-हत्या मामला: संजय राय को उम्रकैद की सजा, 50 हजार का जुर्माना भी लगा
-
नेशनल1 day ago
केजरीवाल की हालत खराब, उनका मानसिक संतुलन बिगड़ गया है: बीजेपी
-
नेशनल1 day ago
बीजेपी अगर सत्ता में आई तो ये झुग्गी वालों और गरीब तबके के लोगों को राक्षसों की तरह निगल जाएगी: केजरीवाल