प्रादेशिक
नई दिल्ली में भव्य ‘महाकुंभ कॉन्क्लेव’ का आयोजन करेगी योगी सरकार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 2025 के महाकुंभ को सफल बनाने के लिए बड़े स्तर पर जारी तैयारियों को गति देने का काम शुरू कर दिया है। महाकुंभ-2025 का आयोजन न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि राज्य की पर्यटन और वैश्विक स्तर पर पहचान को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का भी एक प्रमुख प्रयास है। इसी बात को ध्यान में रखकर महाकुंभ की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की झलक दिखाने तथा देश-दुनिया के गणमान्य व अति विशिष्ट लोगों को आमंत्रित करने के लिए नई दिल्ली में महाकुंभ कॉन्क्लेव का आयोजन किया जाएगा। इस विषय में, उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं तथा दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में भव्य स्तर पर इस एक दिनी कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम कई मायनों में विशिष्ट होगा क्योंकि यहां आने वाले आगंतुकों को महाकुंभ में योगी सरकार द्वारा दी जा रही टूरिज्म ऑफरिंग्स, तैयारियां व उपलब्धियों के साथ ही उत्तर प्रदेश की लोककला व सांस्कृतिक छटा का भी आनंद उठा सकेंगे।
अनूठे इंटरैक्टिव सेशन के जरिए होगी महाकुंभ की ब्रांडिंग
महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जिसमें पूरी दुनिया से करोड़ों श्रद्धालु भाग लेते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस आयोजन के लिए विशेष रूप से “महाकुंभ कॉन्क्लेव” की योजना बनाई है, जो एक अनूठा इंटरैक्टिव सत्र होगा। इसके जरिए, भारतीय संस्कृति, धार्मिक परंपराओं और आधुनिक तकनीकों के माध्यम से आगंतुकों को अविस्मरणीय अनुभव प्रदान किया जाएगा। महाकुंभ कॉन्क्लेव उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक समृद्धि और प्रशासनिक कुशलता का उदाहरण पेश करेगा। इस आयोजन का उद्देश्य न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना है, बल्कि वैश्विक स्तर पर राज्य की ब्रांडिंग का भी माध्यम बनेगा। कार्यक्रम में समुद्र मंथन से प्राप्त 14 रत्नों के थ्रीडी मॉडल की नुमाइश होगी तथा सांस्कृतिक संध्या में उत्तर प्रदेश के लोक संगीत और नृत्य की प्रस्तुति भी होगी, जो महाकुंभ की आध्यात्मिकता को सजीव करेगी। साथ ही, प्रत्येक अतिथि को यूपी की सांस्कृतिक धरोहर के प्रतीक के रूप में स्मृति चिह्न प्रदान किए जाएंगे। आयोजन में दुनियाभर से आए 700 अतिविशिष्ट अतिथियों का जमावड़ा लगेगा। अतिथियों के सम्मान में हाई टी व डिनर का भी आयोजन किया जाएगा।
कार्यक्रम में इन विशिष्टताओं को किया जाएगा प्रदर्शित…
– डिजिटल डिस्प्ले जोन: बड़ी एलईडी स्क्रीन पर कुंभ मेला की कहानी, नागा साधुओं व विभिन्न अखाड़ों के संन्यासियों के जीवन और अन्य धार्मिक पहलुओं को दर्शाने वाले एनीमेशन का चित्रण होगा।
– 3डी मॉडल: त्रिवेणी संगम, अक्षयवट और समुद्र मंथन के दृश्यों को थ्रीडी मॉडल्स के माध्यम से दर्शाया जाएगा।
– आधुनिक नवाचार: एआई चैटबॉट और मल्टी-लैंग्वेज ट्रांसलेटर डिवाइस का भी प्रदर्शन किया जाएगा जो अंतर्राष्ट्रीय आगंतुकों को सहज अनुभव प्रदान करेगा।
– पर्यटन पैकेज की जानकारी: यात्रा और आवास सुविधाओं का डिजिटल प्रस्तुतीकरण किया जाएगा। बाकायदा टेंट सिटी व होटल रूम के एक सेटअप को स्थापित किया जाएगा जिससे कल्पवास के दौरान मिलने वाली सुविधाओं को प्रत्यक्ष तौर पर आगंतुक देख सकेंगे।
– डिजिटल वॉक थ्रूः कार्यक्रम के अंतर्गत 10 मिनट के वर्चुअल वॉक-थ्रू सेशन का आयोजन भी किया जाएगा जिसके जरिए आगंतुकों को मेला क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों की जानकारी मिल सकेगी।
उत्तर प्रदेश
हार्टफुलनेस ने आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए कराया सामूहिक ध्यान
लखनऊ। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अभिनव पहल के रूप में घोषित प्रथम अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर पर श्री रामचंद्र मिशन के आईआईएम रोड स्थित हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए ध्यान एवं योग सत्र का आयोजन किया गया। योग व ध्यान का प्रकाश हर हृदय और हर घर पहुंचे, इसके लिए यहां कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रमुख सचिच संस्कृति एवं पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम उपस्थिति रहें। उन्होंने कहा कि युवाओं को ध्यान से जोड़ने की जरुरत है, जिससे वे जीवन में उन्नति भी कर सकते हैं।
हार्टफुलनेस संस्था अपने ग्लोबल गाइड पद्मभूषण कमलेश जी पटेल दाजी के मार्गदर्शन में प्राचीन योग परम्परा एवं ध्यान द्वारा मानवीय मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने हेतु दृढ़ संकल्पित है। संस्था द्वारा अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर प्राणाहुति आधारित ध्यान, प्राणायाम, आसन, मुद्रा एवं व्यक्ति के शारीरिक एवं मानसिक विकास से जुड़े सत्र प्रशिक्षित स्वयंसेवकों द्वारा प्रस्तुत किए गए। समारोह में नारकोटिक्स विभाग, उत्तर प्रदेश की सक्रिय भागीदारी रही। ड्रग व मादक पदार्थों के दुष्परिणामों व ध्यान के माध्यम से इनसे दूर रहने के उपायों को यहां बताया गया।
संस्था की जोनल कोऑर्डिनेटर शालिनी महरोत्रा ने बताया कि हार्टफुलनेस संस्था ध्यान के प्रति जन जागरूकता के लिए समर्पित है। ध्यान हमारी भावनाओं को संतुलित कर आधुनिक जीवन की आपाधापी के बीच शांति और स्थिरता प्रदान करता है। इसके महत्व को स्वीकार कर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस घोषित किया है। उन्होंने बताया कि हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में नियमित प्रात: व शाम को ध्यान सत्र का आयोजन किया जाता है। हार्टफुलनेस संस्था द्वारा पिछले वर्ष 7 से 9 अप्रैल को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में अलीगंज स्थित स्टेडियम में हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान का आयोजन किया था, जिसमें 10 हजार से अधिक लोगों ने एक साथ ध्यान व योग किया था।
अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस पर आलमबाग के फीनिक्स मॉल स्थित हार्टफुलनेस लॉन्ज में भी विशेष ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। यहां हर दिन नि:शुल्क हार्टफुलनेस ध्यान सिखाया जाता है, जिसका लाभ युवाओं को विशेष रूप से मिलता है।
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