उत्तर प्रदेश
उप्र में 15 IPS अफसरों का तबादला, 12 अधिकारी बने DSP से ASP
लखनऊ। उप्र की योगी सरकार ने सोमवार देर रात भारतीय पुलिस सेवा (आइपीएस) के 15 अफसरों का तबादला कर दिया। इनमें 2018 बैच के 12 आइपीएस अधिकारियों को सहायक पुलिस अधीक्षक (DSP) से अपर पुलिस अधीक्षक (ASP) के पद पर नवीन तैनाती दी गई है।
तबादला सूची में एक डीआइजी व एक पुलिस अधीक्षक को भी इधर से उधर किया गया है। इनके अलावा बरेली में तैनात अपर पुलिस अधीक्षक नगर रविन्द्र कुमार को पुलिस उपायुक्त कानपुर नगर कमिश्नरेट के पद पर तैनाती दी गई है।
11वीं वाहिनी पीएसी सीतापुर में तैनात सेनानायक अखिलेश कुमार चौरसिया को स्थापना में पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनाती दी गई है। लखनऊ में तैनात अनिल कुमार यादव स्थानांतरण कमिश्नरेट गौतमबुद्ध नगर कर दिया गया है।
गाजियाबाद में सहायक पुलिस अधीक्षक अभिजीत आर शंकर को अपर पुलिस उपायुक्त के पद पर लखनऊ में तैनाती दी गई है। अपर पुलिस उपायुक्त पूर्वी सैयद अली अब्बास को लखनऊ में ही तैनाती दे दी गई है।
2018 बैच के साद मियां को बरेली से कमिश्नरेट गौतमबुद्ध नगर, मनीष कुमार शांडिल्य को अलीगढ़ से वाराणसी कमिश्नरेट, अंकिता शर्मा को कमिश्नरेट गौतमबुद्ध नगर से कानपुर नगर पुलिस कमिश्नरेट, राहुल भाटी को गोरखपुर से बरेली भेजा गया है।
आइपीएस अभिषेक भारती को प्रयागराज से गाजीपुर, संदीप कुमार मीणा को मथुरा से मुरादाबाद, संतोष कुमार मीणा को वाराणसी से प्रयागराज, अनिरुद्ध कुमार को अभिसूचना मुख्यालय लखनऊ से फतेहपुर और लखन सिंह यादव को वाराणसी से पुलिस कमिश्नरेट कानपुर भेजा गया है।
उत्तर प्रदेश
श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई
नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।
पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।
हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।
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