नेशनल
बदलती विश्व व्यवस्था में नई आकांक्षाओं के साथ भारत की ओर देख रही है दुनिया: GMIS में बोले PM मोदी
मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वैश्विक समुद्री भारत शिखर सम्मेलन (GMIS- Global Maritime India Summit) के तीसरे संस्करण का उद्घाटन किया। शिखर सम्मेलन में सभी का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि आज एक नई विश्व व्यवस्था आकार ले रही है और इस बदलती विश्व व्यवस्था में दुनिया नई आकांक्षाओं के साथ भारत की ओर देख रही है। प्रधानमंत्री ने 23,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया।
उन्होंने कहा, ‘ग्लोबल मैरीटाइम इंडिया समिट के तीसरे संस्करण में मैं आप सभी का अभिनंदन करता हूं। इससे पहले जब हम 2021 में मिले थे, तब पूरी दुनिया कोरोना की अनिश्चितता से घिरी हुई थी। तब कोई नहीं जानता था कि कोरोना के बाद का विश्व कैसा होगा। लेकिन आज दुनिया में एक नया वर्ल्ड ऑर्डर आकार ले रहा है।’
उन्होंने कहा, ‘इस बदलते हुए वर्ल्ड ऑर्डर में पूरा विश्व भारत की ओर नई आकांक्षाओं से देख रहा है। आर्थिक संकट से घिरी हुई दुनिया में भारत की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत हो रही है। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की टॉप-3 आर्थिक शक्तियां में से एक होगा।’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इतिहास साक्षी है कि भारत की मैरीटाइम क्षमता मजबूत रही है। देश और दुनिया को इससे बहुत लाभ हुआ है। इसी सोच के साथ बीते नौ वर्षों से इस सेक्टर को सशक्त करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में भारत की पहल पर एक ऐसा कदम उठाया गया है, जो 21वीं सदी में दुनिया भर की मैरीटाइम इंडस्ट्री के कायाकल्प का सामर्थ्य रखता है।
जी-20 समिट के दौरान इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर पर ऐतिहासिक सहमति बनी है। सैकड़ों वर्ष पहले सिल्क रूट ने वैश्विक व्यापार को गति दी थी, ये दुनिया के कईं देशों के विकास का आधार बना था। अब ये ऐतिहासिक कॉरिडोर भी क्षेत्रीय और वैश्विक व्यापार की तस्वीर बदल देगा।
PM मोदी ने कहा कि आज का भारत अगले 25 वर्षों में विकसित होने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। हम हर सेक्टर में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रहे हैं। हमने मेरीटाइम इंफ्रास्ट्रक्चर के पूरे इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए लगातार काम किया है। पोर्ट कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए हमने हजारों किलोमीटर की नई सड़कें बनाई हैं। सागरमाला परियोजना से भी हमारे तटीय क्षेत्र का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत किया जा रहा है। ये सारे प्रयास रोजगार सृजन और इज ऑफ लिविंग को कईं गुना बढ़ा रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘आज का भारत अगले 25 वर्षों में विकसित होने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। हम हर सेक्टर में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रहे हैं। हमने मेरीटाइम इंफ्रास्ट्रक्चर के पूरे इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए लगातार काम किया है।’ पीएम ने कहा कि मैरीटाइम टूरिज्म को बढ़ाने के लिए विश्व की सबसे बड़ी रिवर क्रूज सर्विस की शुरुआत भी की है। भारत अपने अलग अलग बंदरगाहों पर इससे जुड़े कईं प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है।
इससे पहले, केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि मुंबई में शुरू होने वाले शिखर सम्मेलन में 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश और 300 से अधिक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। सोनोवाल ने कहा कि वैश्विक समुद्री भारत शिखर सम्मेलन 2023 का यह तीसरा संस्करण है। इससे पहले यह 2016 और 2021 में भी आयोजित किया गया था। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ने लगा है।
सोनोवाल ने कहा कि सम्मेलन के माध्यम से भारत निश्चित रूप से आने वाले समय में एक अग्रणी समुद्री राष्ट्र बनने जा रहा है। पिछले साढ़े नौ वर्षों में बंदरगाह और जलमार्ग मंत्रालय में जो प्रगति हासिल की गई है, वो पीएम मोदी के मार्गदर्शन से ही संभव हो सका है।
केंद्रीय मंत्री सोनोवाल ने आगे कहा कि 50 से अधिक देश भाग लेने जा रहे हैं और उम्मीद है कि लगभग 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा और 300 से अधिक समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। उन्होंने कहा उन्हें लगता है कि बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग क्षेत्र में यह निश्चित है कि आने वाले दिनों में भारत प्रमुख भूमिका निभाएगा।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार के कई वरिष्ठ मंत्री विभिन्न चर्चाओं में इस तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इनके अलावा, विभिन्न देशों की प्रमुख समुद्री कंपनियों के CEO भी इस कार्यक्रम में भाग लेंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत कुछ ही समय में विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है और इस दिशा को आगे बढ़ाने के लिए हमारा तीन दिवसीय वैश्विक समुद्री भारत शिखर सम्मेलन आज से मुंबई में शुरू हो रहा है।
उत्तर प्रदेश
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और डॉ. कुमार विश्वास ने संगम में लगाई डुबकी, गौतम अदानी ने की श्रद्धालुओं की सेवा
महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ 2025 के तहत संगम घाट पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रख्यात कवि डॉ. कुमार विश्वास ने औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के साथ संगम के पवित्र जल में पुण्य की डुबकी लगाई। वहीं, देश के शीर्ष उद्योगपति गौतम अदानी ने श्रद्धालुओं के लिए चल रहे भंडारे में सेवा की और फिर बड़े हनुमान मंदिर में पूजन अर्चन किया।
रामनाथ कोविंद ने सपरिवार किया स्नान
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी पत्नी और पुत्री के साथ संगम की पवित्र त्रिवेणी में स्नान किया। इस दौरान मंत्री नंदी ने स्वयं उनका हाथ पकड़कर स्नान में सहयोग किया। स्नान के बाद मंत्रोच्चार के बीच उन्होंने सपरिवार मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की पूजा-अर्चना की। उन्होंने महाकुम्भ की भव्यता और दिव्यता की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन भारत की आध्यात्मिक धरोहर और सांस्कृतिक समृद्धि का उत्कृष्ट उदाहरण है। पूर्व राष्ट्रपति ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की अवधारणा को देश के आर्थिक विकास के लिए गेम चेंजर बताया। उन्होंने कहा कि इससे देश की जीडीपी और आर्थिक स्थिति में व्यापक सुधार होगा।
कुमार विश्वास बोले- सामाजिक समरसता का परिचायक है महाकुम्भ
डॉ. कुमार विश्वास ने मां गंगा का जयकारा लगाते हुए स्नान किया। उन्होंने गंगा के महात्म्य पर अपनी कविता से सबको मंत्रमुग्ध करते हुए कहा कि
“तपस्वी राम के चरणों चढ़ी उपहार तक आई,
हमारी मां हमारे लोक के स्वीकार तक आई।”
उन्होंने कहा कि महाकुम्भ का यह आयोजन 144 वर्षों के बाद आया दुर्लभ संयोग है, जो भारत को विश्व गुरु बनाने की दिशा में प्रेरणा देगा। उन्होंने सभी से राजनीतिक भेदभाव भूलकर इस सर्वसमावेशी आयोजन में भाग लेने का आह्वान किया। डॉ. कुमार विश्वास ने कहा कि गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का सार है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक समरसता का परिचायक है, जो पूरे विश्व को एक नई दिशा देगा।
गौतम अदानी ने सेवा में तत्पर शासन-प्रशासन, सफाई कर्मियों और सुरक्षा बलों को कहा धन्यवाद
उद्योगपति गौतम अदानी ने इस्कॉन द्वारा संचालित इस्कॉन रसोई में सेवा की और श्रद्धालुओं को खाना खिलाया। उन्होंने महाकुम्भ को अद्भुत, अद्वितीय, एवं अलौकिक कहा। उन्होंने कहा कि प्रयागराज आकर ऐसा लगा मानो पूरी दुनिया की आस्था, सेवाभाव और संस्कृतियां यहीं मां गंगा की गोद में आकर समाहित हो गयी हैं। कुम्भ की भव्यता और दिव्यता सजीव बनाए रखने वाले सभी साधु, संत, कल्पवासी एवं श्रद्धालुओं की सेवा में तत्पर शासन-प्रशासन, सफाई कर्मियों और सुरक्षा बलों को मैं हृदय से धन्यवाद देता हूँ। मां गंगा का आशीर्वाद हम सभी पर बना रहे। गौतम अदानी संगम और हनुमान जी के दर्शन करते हुए शंकर विमान मंडपम पहुंचे, जहां मुख्य द्वार पर 21 वैदिक ब्राह्मणों ने ‘वैदिक वेलकम’ किया। उन्होंने विमान मंडपम मंदिर प्रांगण में मौजूद गीता प्रेस की आरती संग्रह पगोडा पर श्रद्धालुओं बातचीत भी की।
राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने दूसरे दिन भी किया पवित्र स्नान
उधर, राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए तीन दिन तक पवित्र स्नान और तर्पण करने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा, “मैंने कल पवित्र स्नान किया, आज भी करूंगी और कल फिर करूंगी। मेरे नाना, नानी, दादा-दादी यहां नहीं आ सके, इसलिए उनकी ओर से तर्पण कर रही हूं। यह मेरे लिए गर्व और खुशी की बात है।” सुधा मूर्ति ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा, “योगी जी और उनकी टीम ने यहां बहुत अच्छा काम किया है। मैं उनके लंबे जीवन की कामना करती हूं।”
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