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प्रादेशिक

3टी और टीकाकरण की नीति के प्रभावी क्रियान्वयन से नियंत्रण में कोविड संक्रमण: सीएम योगी

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ट्रेस, टेस्ट, ट्रीट और टीकाकरण की नीति के प्रभावी क्रियान्वयन से राज्य में कोविड संक्रमण नियंत्रित स्थिति में है। उन्होंने कोरोना संक्रमण से बचाव और उपचार की व्यवस्थाओं को निरन्तर सुदृढ़ रखने के निर्देश देते हुए कहा कि कोविड प्रोटोकॉल का पूर्णतया पालन सुनिश्चित कराया जाए।

मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि पिछले 24 घण्टों में राज्य में कोरोना संक्रमण के 10 नए मामले सामने आए हैं। इस अवधि में 08 व्यक्तियों को सफल उपचार के उपरान्त डिस्चार्ज किया गया।

वर्तमान में प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 102 है। मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि जनपद अमेठी, अयोध्या, आजमगढ़, बदायूं, बागपत, बलरामपुर, बांदा, बाराबंकी, बस्ती, बहराइच, भदोही, बिजनौर, बुलन्दशहर, चंदौली, चित्रकूट, एटा, इटावा, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, गोण्डा, हमीरपुर, हाथरस, जौनपुर, झांसी, कानपुर नगर, कासगंज, कौशाम्बी, कुशीनगर, महोबा, मैनपुरी, मऊ, मुरादाबाद, प्रतापगढ़, रामपुर, संतकबीरनगर, शामली, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सीतापुर, सोनभद्र तथा उन्नाव में कोविड का एक भी मरीज नहीं है।

प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर 98.7 प्रतिशत है। पिछले 24 घण्टे में प्रदेश में 01 लाख 20 हजार 807 कोरोना टेस्ट किए गए। अब तक राज्य में 08 करोड़ 63 लाख 51 हजार 214 कोविड टेस्ट सम्पन्न हो चुके हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोविड टीकाकरण को और तेज करने के प्रभावी प्रयास किये जाएं। इसके लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया जाए। लक्षित आयु वर्ग के जिन लोगों ने अभी तक टीके की खुराक नहीं ली है, उन्हें वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने कहा कि दिव्यांग, निराश्रित तथा वृद्धजनों से सम्पर्क कर उनका टीकाकरण कराएं। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी, ग्राम प्रधानों व पार्षदों का सहयोग लें।

बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि राज्य में गत दिवस तक 14 करोड़ 79 लाख 86 हजार से अधिक कोरोना वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी हैं। 04 करोड़ 27 लाख 38 हजार से अधिक लोगों को टीके की दोनों डोज देकर कोविड सुरक्षा कवच प्रदान किया जा चुका है। 10 करोड़ 52 लाख 48 हजार से अधिक लोगों ने कोविड वैक्सीन की पहली डोज प्राप्त कर ली है। यह संख्या टीकाकरण के लिए पात्र प्रदेश की कुल आबादी की 71.39 प्रतिशत है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में अधिक से अधिक नए उद्योग स्थापित हो सकंे। इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एन0ओ0सी0 की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी क्रय केन्द्रों पर पूरी पारदर्शिता के साथ धान खरीद की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसान को अपनी उपज बेचने में कोई असुविधा न हो। अधिकारियों द्वारा धान खरीद प्रक्रिया की नियमित मॉनिटरिंग की जाए। जिलाधिकारी धान क्रय केन्द्रों का नियमित तौर पर निरीक्षण करें। किसानों को उनकी उपज का समय से भुगतान सुनिश्चित किया जाए।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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