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प्रादेशिक

इंदौर में महिला भिखारी के पास से मिले 75 हजार रु कैश, दंग रह गए अधिकारी

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इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर को भिक्षुक मुक्त करने की दिशा में महिला बाल विकास विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 14 भिक्षुओं को पकड़ा है। इनमें एक महिला ने भिक्षावृत्ति करते हुए एक हफ्ते में 75 हजार रुपये इकट्ठा कर लिए। यानी महीने के 3 लाख और सालाना इनकम 36 लाख रुपये, जिसे महिला बाल विकास विभाग ने उज्जैन के सेवाधाम आश्रम भेजा है।

इंदौर को भिक्षुक मुक्त करने का अभियान

इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर इंदौर शहर को भिक्षुक मुक्त करने के अभियान के तहत लगातार कार्रवाई की जा रही रही है। इसी कड़ी में महिला बाल विकास अधिकारी दिनेश मिश्रा के नेतृत्व में करीब 14 अलग-अलग टीम शहर के विभिन्न इलाकों में जाकर मंदिरों और धार्मिक स्थलों के आसपास भिक्षा वृत्ति करने वाले लोगों को पड़कर सेवा धाम आश्रम उज्जैन भेज रही है। बुधवार को कलेक्टर आशीष के आदेश के बाद महिला बाल विकास की टीम ने सुबह 8 बजे से कार्रवाई शुरू की और शहर के विभिन्न इलाकों में भिक्षावृत्ति कर रही महिलाओं के अलावा कुछ बुजुर्ग व्यक्तियों को भी पकड़ा और सभी को कलेक्टर के आदेश पर उज्जैन के सेवा धाम आश्रम भेजा गया।

साड़ी में छुपाकर रखे थे 75 हजार रुपये

इसी दौरान महिला बाल विकास विभाग की टीम को राजवाड़ा के समीप शनि मंदिर पर भिक्षावृत्ति करते हुए एक महिला मिली। महिला की जांच करने पर उसकी साड़ी के भीतर छुपाकर रखे गए 75 हजार से ज्यादा की रकम भी इस टीम ने बरामद की है। परियोजना अधिकारी दिनेश मिश्रा ने बताया कि महिला ने एक सप्ताह में 75 हजार रुपये भिक्षा वृत्तिकर यह राशि इकट्ठा की थी।

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उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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