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प्रादेशिक

अकाउंट में थे 770 रुपये, चेक काटा 23.82 लाख का; कथित ‘ईमानदार’ प्रोफेसर की इनसाइड स्टोरी

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मुजफ्फरपुर। दो साल 9 महीने का वेतन करीब 24 लाख रुपये लौटाने का दावा कर सुर्खियों में आए कथित ‘ईमानदार’ प्रो. ललन कुमार ने अपनी बात वापस लेते हुए माफीनामा लिखा है।

प्रो. ललन के इस यू टर्न से विश्वविद्यालय में चर्चा का बाजार गर्म हो गया है। जिन ललन कुमार के समर्थन में बातें उठ रहीं थी अब उन्हीं को लेकर तरह-तरह की चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। यह भी साफ हो गया कि ललन कुमार अपना ट्रांसफर नीतीश्वर कॉलेज से पीजी सेंटर में कराना चाहते थे। इसी वजह से विश्वविद्यालय पर दबाव बना रहे थे।

विश्वविद्यालय की ओर से भी इस मामले में कार्रवाई शुरू हो गई है। रजिस्ट्रार डॉ आरके ठाकुर ने नीतीश्वर कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. मनोज कुमार के पत्र भेजकर डॉ ललन के बारे में विस्तृत रिपोर्ट की मांग की है। रिपोर्ट में क्लास नहीं होने की बात पुष्ट नहीं होती है तो प्रोफेसर ललन कुमार फंस सकते हैं। डॉ. ललन कुमार, यूनिवर्सिटी के नीतीश्वर कॉलेज में हिन्दी विषय के असिस्टेंट प्रोफेसर हैं।

डॉ. ललन ने भेजा माफीनामा

बीआरए बिहार यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. आरके ठाकुर ने बताया कि ललन कुमार ने ट्रांसफर के लिए आवेदन दिया था। उस आवेदन के साथ 23.82 लाख का चेक भी दिया था जिसे लौटा दिया गया। नहीं पढ़ाने पर वेतन लौटाने का मामला सामने आने पर विवि स्तर पर छानबीन शुरू की गई।

इस मामले में नीतीश्वर कॉलेज के प्रिंसिपल से क्लास होने या नहीं होने को लेकर जानकारी मांगी गई। इसी बीच डॉ. ललन ने प्रिंसिपल के माध्यम से कुलसचिव के नाम अपना माफीनामा भेज दिया।

‘कोशिश होगी भविष्य में ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाए’

ललन कुमार ने माफीनामे में लिखा, ‘मैं कुछ निर्णय की स्थिति में अपने आप को नहीं पा रहा था। इसलिए काफी दुखी था। मैं अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर पाया। भावावेश में मैंने ट्रांसफर आवेदन के साथ अपनी पूरी वेतन राशि का चेक प्रस्तुत किया।

परंतु बाद में कुछ वरिष्ठ लोगों और सहकर्मियों के साथ चर्चा करने के बाद यह समझ में आ गया कि मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था। महाविद्यालय और विश्वविद्यालय की व्यवस्था के अनुरूप ही आचरण अपेक्षित है। मैं अपनी तरफ से पूरी कोशिश करूंगा कि भविष्य में कोई भी भावावेशपूर्ण कदम नहीं उठाया जाए।’

सभी बयान वापस लेता हूं

प्रोफेसर ने आगे लिखा, ‘इस संदर्भ में जो भी लिखित या मौखिक वक्तव्य मेरी ओर से जारी किए गए हैं उन सब को मैं वापस लेता हूं। इस मामले में विवि की ओर से प्रिंसिपल डॉ मनोज कुमार सिंह से रिपोर्ट मांगी गई है। प्रिंसिपल से डॉ ललन कुमार के आरोप और पढ़ाई लिखाई की स्थिति की विस्तृत जानकारी मांगी गई है।

बता दें कि मंगलवार को डॉ. ललन ने कॉलेज में क्लास नहीं होने पर छात्र-छात्राओं को नहीं पढ़ा पाने की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपनी पूरी वेतन राशि रु 23.82 लाख रुपए लौटा देने की पेशकश कर सनसनी मचा दी थी। ललन कुमार ने खुद को महात्मा गांधी का अनुयायी बताया था।

प्रोफेसर के अकाउंट में महज थे 770 रुपये, BUTA ने क्या कहा

इधर BUTA ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि डॉ. ललन के खाते में रुपए नहीं थे। जब चेक दिया गया था तब उनके खाते में 1 हजार रुपए भी नहीं थे। डॉ. ललन कुमार नीतीश्वर महाविद्यालय से पीजी सेंटर या किसी बड़े कॉलेज में ट्रांसफर कराना चाहते थे।

चेक के साथ भी उन्होंने ट्रांसफर के लिए आवेदन दिया था। डॉ. ललन वैशाली जिले के परेरा शीतलपुर भकुरहर गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी पढ़ाई जेएनयू से किया है।

बीपीएससी की परीक्षा पासकर वे बिहार विवि में असिस्टेंट प्रोफेसर बने हैं। इधर प्रो. डॉ ललन कुमार का मोबाइल बंद है। बताया जा रहा है कि वे शहर से बाहर हैं और उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है।

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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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