प्रादेशिक
मैगी खाने निकले 12वीं के छात्र की गौ तस्कर समझ गोली मारकर हत्या, आरोपियों ने 30 किमी तक किया कार का पीछा
नई दिल्ली। दिल्ली से सटे हरियाणा में 19 साल के एक लड़के की गौ तस्कर होने के शक में गोली मारकर ह्त्या कर दी गई। मृतक की पहचान आर्यन मिश्रा के तौर पर हुई है। घटना वाले दिन वो अपने दोस्तों के साथ मैगी खाने निकला था। उसका 30 किमी तक पीछा करने के बाद आरोपियों ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस ने वारदात में शामिल पांचों युवकों को गिरफ्तार कर लिया है। इनकी पहचान अनिल कौशिक, वरूण, कृष्ण, सौरव और आदेश के रूप में हुई है।
पुलिस से मिली जानाकरी के अनुसार, पूछताछ में सामने आया है कि 23 अगस्त की रात आरोपी गौरक्षकों को मुखबिर से सूचना मिली थी कि डस्टर और फॉच्यूर्नर कार में गौ तस्कर घूम रहे हैं। इसी शक में गोरक्षकों ने कार का पीछा करना शुरू किया और कार को रोकने के लिए फायरिंग करते रहे। हाईवे के गदपुरी टोल पर आरोपियों ने कार रोकने के लिए पीछे से फायरिंग की जो कार का पिछला शीशा तोड़ते हुए ड्राइवर के बगल वाली सीट पर बैठे आर्यन मिश्रा के गर्दन में जाकर लगी।
इसके बाद कार चालक हर्षित ने कार रोक दी। आरोपियों ने फिर दूसरी गोली आर्यन के सीने में मार दी। इसके बाद आरोपियों ने देखा की गाड़ी में लड़कों के साथ दो महिलाएं हैं, तब आरोपी समझ गए कि गलतफहमी में उसने किसी और को गोली मार दी, जिसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। वहीं घटना के दूसरे दिन 24 अगस्त को एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान आर्यन मौत हो गई।
इस मामले में मृतक आर्यन के पिता ने पुलिस को लिखित में शिकायत भी दी थी। इधर मामले की गंभीरता को देखते हुए क्राइम ब्रांच मामले की जांच में जुट गई। क्राइम ब्रांच में जब ने सीसीटीवी खंगाला तो आरोपियों का पता चला, इसके बाद आरोपियों को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
उत्तर प्रदेश
शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।
शुरू में उन्हें करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्पेक्टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्पेक्टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।
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