उत्तर प्रदेश
SC की तीन सदस्यीय पीठ आज करेगी जन्मभूमि-ईदगाह मामले की सुनवाई, मुस्लिम जज भी पीठ में है शामिल
मथुरा/नई दिल्ली। श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह विवाद की सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ करेगी। पीठ में मुस्लिम समुदाय के एक जस्टिस को भी शामिल किया गया है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में ईदगाह पक्ष की ओर से दाखिल एसएलपी पर सुनवाई कर रहा है। इसमें मांग है कि विवाद की सुनवाई जिला कोर्ट में की जाए। इस मामले में अगली सुनवाई 10 नवंबर को होनी है।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष एवं अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट से उन्हें नोटिफिकेशन मिला है, जिसके अनुसार 10 नवंबर को होने वाली सुनवाई के लिए जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस अहसान उद्दीन अमानुल्लाह की पीठ गठित की गई है।
यह सुनवाई ईदगाह पक्ष की ओर से दाखिल विशेष याचिका पर होगी, जिसमें मांग है कि जन्मभूमि से जुड़े सभी केसों की सुनवाई जिला न्यायालय में हो, जबकि हाईकोर्ट ने इन सभी प्रकरणों को खुद ही सुनने का आदेश दिया है।
हाईकोर्ट के इसी आदेश के खिलाफ ईदगाह पक्ष सुप्रीम कोर्ट गया है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट रजिस्ट्रार से इस विवाद से जुड़े सभी वादों की फाइल तलब की थी, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पिछली तिथि पर पेश कर दिया गया था। महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि जन्मभूमि पक्ष भी हाईकोर्ट के फैसले के पक्ष में है। यह बड़ा प्रकरण है। इसकी सुनवाई हाईकोर्ट में ही होनी चाहिए।
इस मामले में कैविएट दाखिल की गई है कि, जिसमें मांग रखी है कि हिंदू पक्ष की दलील सुने बिना कोई आदेश पारित न किया जाए। हिंदू पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे कि हाईकोर्ट में सभी मामलों की सुनवाई अलग से बेंच बनाकर की जाए और राम मंदिर की ही तरह दिन-प्रतिदिन सुनवाई की जाए ताकि मामले का शीघ्र निस्तारण हो सके।
उत्तर प्रदेश
शामली मुठभेड़ में घायल हुए STF इंस्पेक्टर सुनील कुमार शहीद, गुरुग्राम के मेदांता में चल रहा था इलाज
गुरुग्राम। उत्तर प्रदेश के शामली में हुई एक मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स ने चार कुख्यात अपराधियों को ढेर कर दिया। इस अभियान में एसटीएफ इंस्पेक्टर सुनील कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए और बाद में गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया।
इस घटना में मारा गया मुख्य अपराधी अरशद जिसके सिर पर 1 लाख रुपए का इनाम था। अपने तीन साथियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। यह घटना कानून-व्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई। लेकिन एसटीएफ ने इस दौरान एक वीर अधिकारी को खो दिया।
शुरू में उन्हें करनाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में हालत खराब होने पर गुरुग्राम के मेदांता में रेफर किया गया। बीते 24 घंटे खतरे से बाहर नहीं हुए थे इंस्पेक्टर सुनील कुमार। वह वहां आईसीसीयू में भर्ती थे।
बताया जा रहा है कि एक गोली इंस्पेक्टर के लिवर को पार करके पीठ में अटक गई थी। इसे निकाला संभव नहीं था, इसलिए इसे छोड़ दिया गया।इंस्पेक्टर सुनील कुमार ठोकिया एनकाउंटर में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर हेड कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर बने थे। शामली में सोमवार देर रात कग्गा गैंग के चार बदमाशों के एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार भी शामिल थे। बदमाश एक कार में सवार थे। घेरे जाने पर उन्होंने पुलिस पर फायरिंग कर दी थी। इसी में सुनील कुमार घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई में STF ने चार बदमाशों को मार गिराया था।
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