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भोपाल में व्यवसायी को साइबर अपराधियों ने किया डिजिटल अरेस्ट, पुलिस ने सही समय पर मारी एंट्री
मध्य प्रदेश। भोपाल में रविवार को पुलिस ने एक व्यवसायी को साइबर अपराधियों की ठगी का शिकार होने से बचाया, जिन्होंने उसे ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर लिया था। मध्यप्रदेश पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ ने एक विज्ञप्ति में बताया कि शहर के अरेरा कॉलोनी निवासी विवेक ओबेरॉय को शनिवार को अपराह्न करीब एक बजे एक व्यक्ति ने फोन करके खुद को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) का अधिकारी बताया।
घटना की जानकारी मिलने पर देशमुख ने डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल एम यूसुफ कुरैशी को निर्देश दिया कि वे ओबेरॉय को ठगी से बचाने के लिए एक पुलिस फोर्स भेजें। दुबई में रहने वाले कॉरपोरेट उद्यमी ओबेरॉय को अपने ही घर के एक कमरे में बंद पाया गया, जहां वरिष्ठ अधिकारियों के रूप में खुद को पेश करने वाले साइबर घोटालेबाजों ने उनपर भारी दबाव बनाया हुआ था।
देशमुख के अनुसार, घोटालेबाजों ने भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई), मुंबई साइबर अपराध शाखा और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के अधिकारियों के तौर पर खुद का परिचय दिया। धोखेबाजों ने वित्तीय अपराधों में कथित संलिप्तता का आरोप लगाकर ओबेरॉय को डराने के लिए ‘ट्राई लीगल सेल अधिकारी’, ‘साइबर अपराध शाखा अधिकारी एसआई विक्रम सिंह’ और ‘सीबीआई अधिकारी आईपीएस डीसीपी महेश कलवानिया’ सहित फर्जी पहचान का प्रयोग किया।
ओबेरॉय की आधार डिटेल और मार्केटिंग कनेक्शन के साथ खोले गए फर्जी बैंक खातों के दावों का उपयोग करते हुए, उन्होंने उन्हें स्काइप ऐप डाउनलोड करने के लिए मजबूर किया, जहां उनसे घंटों पूछताछ की गई। इस दौरान, जालसाजों ने उनसे संवेदनशील व्यक्तिगत और बैंकिंग जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश करते हुए एक फर्जी पूछताछ भी की। उन्होंने उन्हें चेतावनी दी कि वे अपने परिवार को इस स्थिति के बारे में न बताएं, और ऐसा न करने पर उन्हें गिरफ्तार करने और नुकसान पहुंचाने की धमकी दी।
क्या होता है डिजिटल अरेस्ट?
डिजिटल अरेस्ट साइबर अपराधियों की ओर से ठगी के लिए लाया गया नया तरीका है। इस मामले में ठग खुद को कानूनी एजेंसी का अधिकारी बताते हैं। फिर लोगों को ऑडियो या वीडियो कॉल करके डराते हैं और उन्हें उनके घर में डिजिटल तौर पर बंधक बना लेते हैं। इसके बाद पीड़ित से उनके बैंक अकाउंट आदि की जानकारी लेकर उनसे ठगी की जाती है।
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महाराष्ट्र के जलगांव में बड़ा ट्रेन हादसा, आग लगने की अफवाह फैलने पर कई यात्री ट्रेन से कूदे, 11 की मौत, 40 से अधिक घायल
जलगांव। महाराष्ट्र से एक बड़ी खबर सामने आई है, पुष्पक एक्सप्रेस में आग लगने की अफवाह फैली जिससे कई यात्री ट्रेन से कूद गए, दूसरी तरफ से आ रही ट्रेन से कटकर कई लोगों की मौत हो गई है। रेलवे के अधिकारी के मुताबिक महाराष्ट्र के जलगांव जिले में चेन खींचने के बाद पटरी पर उतरे दूसरी ट्रेन के यात्रियों के ऊपर से ट्रेन गुजर गई, जिससे कई यात्रियों की मौत हो गई। आधिकारिक बयान के मुताबिक अबतक 11 लोगों के मौत की पुष्टि हुई है और 40 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं।
ये ट्रेन रुकी हुई थी लोग बाहर थे। आग लगने की अफवाह के बीच यात्री ट्रेन से कूद गए और इस दौरान दूसरी ट्रेन की चपेट में आने से 8 यात्रियों की मौत हो गई। रेलवे के बड़े अधिकारी जलगांव रवाना हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक ये ट्रेन लखनऊ छोटी लाईन से मुंबई जाती है।
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